डिंडोरी। डिंडोरी जिला मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर दूर धनुआ सागर गांव में सामाजिक बहिष्कार झेल रहे हिंदू समाज के कई परिवारों ने धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी दी है. बताया जाता है कि सात पीढ़ी पहले राठौर समाज के बुजुर्ग ने दूसरी जाति में शादी कर ली थी. इस शादी के बाद राठौर समाज को बहिष्कृत कर दिया गया था. तब से ये लोग बहिष्कार का दंश भोग रहे हैं. लोगों को समाज के ही भीतर शादी-ब्याह और धार्मिक कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जाता. कुछ साल पहले बैठक के माध्यम से इन लोगों को समाज में शामिल कर लिया गया था. लेकिन वर्तमान में समाज के अध्यक्ष कृष्ण परमार ने इन लोगों को फिर से बाहर कर दिया है.
न शादी होने देते हैं और न ही धार्मिक कार्यक्रम
इन लोगों का कहना है कि वह बेहद प्रताड़ित हैं. समाज के लोग उनके परिवार के रिश्ते तुड़वा देते हैं. कई जगह उन्हें मारने पीटने की धमकियां भी दी जाती हैं. ना शादियां होने देते हैं और ना धार्मिक कार्यक्रम करने देते हैं. बीते दिनों गांव में एक धार्मिक आयोजन हुआ. इसमें डेढ़ सौ लोगों को नहीं बुलाया गया. जब इन लोगों ने चर्चा की तो पता लगा कि उनके बुजुर्ग ने जो गैर समाज में शादी की थी, उसकी वजह से उनसे दूरी बनाई गई है. पीड़ित लोगों में कई महिलाएं शामिल हैं. ये सभी लोग डिंडोरी कलेक्टर से मिलने पहुंचे और इन्होंने कहा कि यदि उन्हें वापस अपने समाज में शामिल नहीं किया गया तो भी मजबूरन धर्म छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
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गांव में समझाने के लिए कलेक्टर करेंगे मीटिंग
इस मामले में डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा का कहना है कि भारतीय संविधान में सभी को समानता का अधिकार है. किसी को भी सामाजिक रूप से बहिष्कृत नहीं किया जा सकता. कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में तुरंत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है लेकिन वह कानूनी कार्रवाई करने के पहले उन्हें समझाइश देना चाहते हैं. इसलिए गांव में बैठक रखी गई है. बैठक में यदि कोई समाधान नहीं निकलता तो समाज के अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.