नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले वह दो बार इस सीट से लगातार सांसद रह चुके हैं. मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. तिवारी पेशे से अभिनेता के साथ-साथ गायक भी हैं. आखिर क्या ख़ास वजह रही की पार्टी ने उन्हें तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है. आगे वह किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे? इन तमाम बातों को लेकर ETV भारत ने मनोज तिवारी से खास बातचीत की.
सवाल: भाजपा ने तीसरी बार उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनावी मैदान में उतारा, आप पर विश्वास जताने की क्या खास वजह रही?
जवाब: हमारे सभी सांसदों ने दिल्ली के अंदर अच्छा कार्य किया है. मुझे फिर से एक बार चुनाव लड़ने को कहा गया. मैं पार्टी को धन्यवाद करता हूं. शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद करता हूं और क्षेत्र की जनता को धन्यवाद करता हूं, जिन लोगों ने मुझे लगातार इतना प्यार दिया है. इस बार भी बीजेपी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट जीतने के साथ-साथ दिल्ली की सातों सीटों पर ऐतिहासिक विजय दिलाएंगे. मुझे पार्टी जहां-जहां भेजेगा चुनाव प्रचार के लिए मैं सभी जगह अपना योगदान दूंगा और पार्टी के लिए प्रचार करूंगा.
सवाल: आप पिछले दो बार से लगातार सांसद हैं. कौन-कौन से वायदे अपने पूरे किए है क्या बड़ी उपलब्धियां रही क्षेत्र के विकास की?
जवाब: हमारे क्षेत्र में कई चीजे पहली बार हुई है. हमारे लोसकभा क्षेत्र में रेलवे लाइन तो गुजरती थी, लेकिन रेलवे स्टेशन नहीं था. हम लोग इसे बना कर दिए हैं. हमारे क्षेत्र में कोई सेंट्रल स्कूल नहीं था, हमने सेंट्रल स्कूल दिया है. इसके अलावा पहली बार हमारे क्षेत्र में देश का सबसे लंबा एलिवेटेड रोड बना है. जो सहारनपुर, हरिद्वार होते हुए देहरादून की दूरी को काम करता है. 400 केवी का पावर स्टेशन पहली बार हमारे लोकसभा क्षेत्र में बना. पहली बार सांसद खेल महोत्सव प्रतियोगिता शुरू हुई, तमाम काम हमने पिछले 10 सालों में अपने कार्यकाल में किए हैं. इसके साथ ही कन्वेंशन सेंटर भी हमारे क्षेत्र में बना है. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं यह सब चीज पहली बार हमारे क्षेत्र में हुई है.
सवाल: अब किन मुद्दों और वायदों के साथ तीसरी बार जनता के बीच जाएंगे, क्षेत्र के अब कौन सी बड़ी समस्या आपकी प्राथमिकता में है?
जवाब: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में देश विरोधी लोगों का साया मंडराया रहता है. हमको याद है कि साल 2020 में जो दंगा दिल्ली में हुआ था. इसमें हमारे क्षेत्र के 50 से ज्यादा निर्दोष लोगों ने जान गवाई थी. अब हमे ऐसे लोगों को पनपने नहीं देना है. अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखते हुए हम बड़ी चुनौती पूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं. हमने लगभग 13 करोड़ रुपए का स्वयं अपने फंड से सीसीटीवी लगाए हैं. पुलिस ने भी काफी काम किया है. गृह मंत्रालय से भी हमें मदद मिली है.
इसके अलावा ग्रामीण सड़कों को चौड़ा करना है. सोनिया विहार की पुस्ता को डबल करना है. गोकुलपुर नाले पर भी काम करना है. इसकी बदबू और गंदगी को साफ करना है, जो लोगों को बीमार करती है. ट्रैफिक के लिए कई तरह के काम करने हैं.
सवाल: इस बार आप और कांग्रेस में गठबंधन है, यह आपके लिए कितनी बड़ी चुनौती है?
जवाब: गठबंधन का उम्मीदवार आया या नहीं आया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मेनिफेस्टो से जरूर फर्क पड़ता है. कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा, लेकिन कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया कि हम आए तो हम मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लागू करेंगे. क्या इस देश में संविधान का कानून नहीं चलेगा. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चलेगा. जो जिन्ना चाहता था, वही कांग्रेस चाहती है.
समाजवादी पार्टी से की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत: मनोज तिवारी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2009 में हुई थी. तब उन्होंने पहली बार समाजवादी पार्टी की टिकट पर गोरखपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह बीजेपी उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ से हार गए थे. इसके बाद तिवारी अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में भी सक्रिय रहे थे.
वहीं, साल 2014 में जब बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, तब उन्होंने कांग्रेस नेता आनंद कुमार को 1,44,084 वोटो के अंतर से हराया. तब तिवारी पहली बार सांसद बने. उसके बाद साल 2016 में दिल्ली में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया. जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित को हराकर दूसरी बार सांसद बने थे.