चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एक माह से भी कम समय शेष रह गया है. इस बीच चुनावों से पहले ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर सियासी पारा हाई है. एक तरफ चर्चा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनावी रण में उतर सकती है. वहीं, दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस के सीनियर लीडर प्रताप सिंह बाजवा का ने बड़ा बयान जारी कर दिया है. बाजवा ने कहा कि इनसे जितना दूर रहोगे, उतना ही बेहतर है.
कांग्रेस को वरिष्ठ नेता की सलाह: बाजवा ने कहा कि हरियाणा में गठबंधन होगा या नहीं होगा, ये हाईकमान का फैसला होगा. लेकिन मेरी निजी राय है, कि इनसे दूरी बेहतर है. पंजाब में हमने बात साबित कर दी है कि ये 92 से 32 पर आने के बावजूद इनका जो तौर तरीका है, वह आपके सामने हैं. उन्होंने कहा कि हमने आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन रिजल्ट जीरो था.
'AAP से बनाएं दूरी': वहीं, उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर हमने आम आदमी पार्टी को टिकट दी और हम वहां से हार गए. कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट उतारा होता तो वहां से जरुर कांग्रेस जीत जाती. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर हम दिल्ली में भी अकेले चुनाव लड़ते तो 2/3 सीट पर जीत जाते. उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान इंडिया ब्लॉक को साथ रखना चाहते हैं. ये उनकी सोच है. हमारी सोच स्टेट लेवल की है. मैं अपने हिसाब से बता रहा हूं कि इनसे जितना दूर रहोगे उतना अच्छा है.
मनोहर लाल ने AAP-कांग्रेस पर ली चुटकी: वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने बाजवा के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की अपनी कमजोरी है. कल तक तो न आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए तैयार थी. न कांग्रेस किसी के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार थी. वहीं, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग कहते थे कि हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे, उनका भी दम देखने को मिल गया है. क्योंकि अब एक नहीं, बल्कि दो-दो पार्टियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं. अब गठबंधन के अंदर सब पता चलेगा कि कौन किसके लिए कितनी सीटें छोड़ रहा है. एक-एक सीट पर 80 उम्मीदवारों को टिकट देने का विश्वास दिलाया है. लेकिन अब जो भगदड़ इनके बीच मचने वाली है. इस भगदड़ से इनकी जीत कहीं पर भी सुनिश्चित नहीं है. सब लोग एक दूसरे के साथ लड़ाई लड़ेंगे.