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बढ़ते तापमान और गिरते भूजल से प्रभावित हो रही भुसावर में आम की बागवानी, अचार उद्योग को तगड़ा झटका - Mango Gardening Affected - MANGO GARDENING AFFECTED

Mango Gardening Affected, राजस्थान झुलसाती गर्मी तले उबल रहा है और इस गर्मी का असर अब आम की बागवानी पर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. भरतपुर का भुसावर स्वादिष्ट रस भरे आमों और अचारों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्षेत्र में तेजी से गिरे भूजल स्तर और तापमान में हुई वृद्धि ने यहां आम की बागवानी को काफी प्रभावित किया है.

Mango Gardening Affected
गर्मी में झुलसे में भुसावर के स्वादिष्ट आम (ETV BHARAT Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 1, 2024, 6:30 AM IST

भरतपुर. भुसावर के रस भरे आम और यहां का स्वादिष्ट अचार देश भर में प्रसिद्ध है, लेकिन बीते कुछ सालों में क्षेत्र के भूजल में गिरावट और तापमान में हुई वृद्धि ने आम की बागवानी को काफी प्रभावित किया है. इस बार की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की वजह से तो आम के फल पेड़ों से जलकर झड़ गए. हालात ये है कि इस बार किसान को औसत से मुश्किल से 50 फीसदी ही पैदावार होने की संभावना है. वहीं, गिरते भूजल की वजह से पहले ही किसान आम की बागवानी से धीरे-धीरे विमुख हो रहे हैं. यही कारण है कि अब यहां के परंपरागत अचार उद्योग के लिए भी आम पड़ोसी जिलों से मंगाए जा रहे हैं.

गर्मी ने जला दिए फल और पेड़ : भुसावर के रामहंस सरकारी बाग के प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि इस बार जिले में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी है. तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंच गया. अधिक गर्मी की वजह से आम के पेड़ों के पत्ते और आम झुलस गए हैं. पेड़ों पर लगे आम झुलसकर गिर गए. आशंका है कि भुसावर, वैर क्षेत्र के आम के बागों में करीब 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इससे किसानों को आम के बाग से होने वाली आमदनी पर गहरा असर पड़ेगा.

Mango Gardening Affected
गर्मी ने जला दिए फल और पेड़ (ETV BHARAT Bharatpur)

इसे भी पढ़ें - कटहल की खेती से मालामाल हो रहे किसान, अच्छे भाव मिलने से बढ़ा मुनाफा - Jackfruit Farming

गिरते भूजल से किसान विमुख : प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि वैर, भुसावर क्षेत्र समेत पूरे जिले में बीते वर्षों में भूजल में गिरावट आई है. इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता घटी है. यही वजह है कि जो भुसावर क्षेत्र आम के लिए प्रसिद्ध था अब यहां के किसान धीरे धीरे आम के बाग खत्म कर अन्य बागवानी का रुख करने लगे हैं.

प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि भुसावर क्षेत्र में आम के करीब 3 साढ़े 3 हजार पेड़ हैं. इनमें लंगड़ा, केसर, दशहरी, चौंसा, बादामी आदि किस्म के पेड़ शामिल हैं. देशी आम के पेड़ के फल का इस्तेमाल अचार और मुरब्बा तैयार करने में किया जाता है. लेकिन इस बार तेज गर्मी की वजह से सभी किस्म के आम की पैदावार पर असर पड़ा है.

Mango Gardening Affected
गर्मी में झुलसे आम (ETV BHARAT Bharatpur)

इसे भी पढ़ें - भरतपुर में चीकू की बागवानी से 6 गुना मुनाफा कमा रहे जगदीश, दूसरे राज्यों से गुर सिखने आ रहे किसान

अन्य जिलों से मंगा रहे अचार के लिए आम : आचार-मुरब्बा व्यापारी विवेक गर्ग ने बताया कि भुसावर का अचार और मुरब्बा देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन बीते वर्षों में आम की फसल की पैदावार में काफी गिरावट आई है. इसकी वजह से आचार-मुरब्बा के लिए आम पड़ोसी जिले दौसा, करौली, सवाई माधोपुर समेत अन्य स्थानों से मंगाना पड़ रहा है. इस कारण व्यापारियों को परंपरागत अचार मुरब्बा व्यापार के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.

भरतपुर. भुसावर के रस भरे आम और यहां का स्वादिष्ट अचार देश भर में प्रसिद्ध है, लेकिन बीते कुछ सालों में क्षेत्र के भूजल में गिरावट और तापमान में हुई वृद्धि ने आम की बागवानी को काफी प्रभावित किया है. इस बार की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की वजह से तो आम के फल पेड़ों से जलकर झड़ गए. हालात ये है कि इस बार किसान को औसत से मुश्किल से 50 फीसदी ही पैदावार होने की संभावना है. वहीं, गिरते भूजल की वजह से पहले ही किसान आम की बागवानी से धीरे-धीरे विमुख हो रहे हैं. यही कारण है कि अब यहां के परंपरागत अचार उद्योग के लिए भी आम पड़ोसी जिलों से मंगाए जा रहे हैं.

गर्मी ने जला दिए फल और पेड़ : भुसावर के रामहंस सरकारी बाग के प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि इस बार जिले में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी है. तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंच गया. अधिक गर्मी की वजह से आम के पेड़ों के पत्ते और आम झुलस गए हैं. पेड़ों पर लगे आम झुलसकर गिर गए. आशंका है कि भुसावर, वैर क्षेत्र के आम के बागों में करीब 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इससे किसानों को आम के बाग से होने वाली आमदनी पर गहरा असर पड़ेगा.

Mango Gardening Affected
गर्मी ने जला दिए फल और पेड़ (ETV BHARAT Bharatpur)

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गिरते भूजल से किसान विमुख : प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि वैर, भुसावर क्षेत्र समेत पूरे जिले में बीते वर्षों में भूजल में गिरावट आई है. इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता घटी है. यही वजह है कि जो भुसावर क्षेत्र आम के लिए प्रसिद्ध था अब यहां के किसान धीरे धीरे आम के बाग खत्म कर अन्य बागवानी का रुख करने लगे हैं.

प्रबंधक चंद राम गुर्जर ने बताया कि भुसावर क्षेत्र में आम के करीब 3 साढ़े 3 हजार पेड़ हैं. इनमें लंगड़ा, केसर, दशहरी, चौंसा, बादामी आदि किस्म के पेड़ शामिल हैं. देशी आम के पेड़ के फल का इस्तेमाल अचार और मुरब्बा तैयार करने में किया जाता है. लेकिन इस बार तेज गर्मी की वजह से सभी किस्म के आम की पैदावार पर असर पड़ा है.

Mango Gardening Affected
गर्मी में झुलसे आम (ETV BHARAT Bharatpur)

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अन्य जिलों से मंगा रहे अचार के लिए आम : आचार-मुरब्बा व्यापारी विवेक गर्ग ने बताया कि भुसावर का अचार और मुरब्बा देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन बीते वर्षों में आम की फसल की पैदावार में काफी गिरावट आई है. इसकी वजह से आचार-मुरब्बा के लिए आम पड़ोसी जिले दौसा, करौली, सवाई माधोपुर समेत अन्य स्थानों से मंगाना पड़ रहा है. इस कारण व्यापारियों को परंपरागत अचार मुरब्बा व्यापार के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है.

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