मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेंद्रगढ़ कोर्ट ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगा ले जाने और दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सजा सुनाई है. दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर लगाए गए धाराओं के आधार पर अर्थदंड से भी दंडित किया है. अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने यह फैसला सुनाया है.
शादी का झांसा देकर भगा ले गया था आरोपी: अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने बताया, "27 सितंबर 2020 को पीड़िता को शादी का झांसा देकर अभियुक्त भगा ले गया था. जंगल के रास्ते वह जैतपुर थाना क्षेत्र के अपने गांव में घर ले गया. वहां अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद अभियुक्त ने कई बार पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया."
नाबालिग के पिता की शिकायत पर एक्शन: दूसरी ओर बेटी की चारों ओर तलाश करने के बाद पिता ने पुलिस में गुहार लगाई. पीड़िता के पिता ने बेटी की गुमशुदगी की शिकायत जनकपुर पुलिस थाना में दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर जनकपुर थाना पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया. पुलिस ने आरोपी को उसके गांव से धर दबोचा और नाबालिग को छुड़ाया. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया और अभियोग पत्र दाखिल किया.
विभिन्न धाराओं के तहत 20 साल की सजा: न्यायाधीश ने मध्य प्रदेश के जैतपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले अभियुक्त को दोषी पाया. कोर्ट ने उसे धारा 363 के अपराध में 2 साल के सश्रम कारावास, धारा 366 के तहत 5 साल सश्रम कारावास और धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही सभी धाराओं में आरोपी को अर्थदंड से भी दंडित किया.