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मंदसौर में नाले पर पुलिया की मांग, जुगाड़ बना करते हैं नाला पार, बड़ी घटना की है आशंका - Mandsaur culvert Demand

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 15, 2024, 1:06 PM IST

मंदसौर बारिश के दिनों में नाले से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नाले में पानी भरने के बाद अब ग्रामीण जुगाड़ से पुल बना कर नाला पार करते हैं. वहीं, मजेसरा में अर्थी को नाले के बीच से ले जाते वीडियो सामने आया है.

MANDSAUR VILLEGERS USING WOODEN BRIDGE
जुगाड़ के पुल से पार करते हैं नाला (ETV Bharat)

मंदसौर: सागोरिया और चांदखेड़ी के बीच रास्ते पर करीब 10 फीट गहरा नाला है, जिसमें बारिश के बाद पानी भर जाता है. इस नाले को पार करने के लिए पुल नहीं है, जिससे लोग बांस और लकड़ी आदि से जुगाड़ बनाकर नाला पार करते हैं. बताया जा रहा है कि 15 साल पहले परासली गांव में तालाब निर्माण हुआ था. तालाब के ओवरफ्लो होने पर पानी पास करने के लिए एक जगह छोड़ी गई थी. जो धीरे-धीरे बड़े नाले में तब्दील हो गया. जो अब गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. वहीं, मंदसौर के दलौदा से अंतिम संस्कार के लिए शव को एक नाले से ले जाते हुए वीडियो सामने आया है.

मंदसौर में नाले पर पुलिया बनाने की मांग (ETV Bharat)

जुगाड़ के पुल से पार करते हैं नाला

सागोरिया के लोगों का कहना है कि वे अपनी खेती किसानी और रोजगार के लिए बांस और लकड़ी आदि से बनाए गए जुगाड़ के पुल से जाते हैं. बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सभी इस पुल से ही गुजरते है. जिसमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और हमेशा किसी अनहोनी की आशंका रहती है. वहीं, बताया जा रहा है कि नाले पर पुल बनाने के लिए 2019 में 2 करोड़ 46 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी. लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया.

'विधायक और सांसद कर चुके हैं अवलोकन'

सागोरिया निवासी दिलीप सिंह राठौर ने बताया कि "चांदखेड़ी और सगोरिया के बीच सड़क और पुल के मामले में उन्होंने भूतपूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ और क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता को भी मौके पर बुलाकर पुल का अवलोकन कराया है. लेकिन अभी तक भी इसका निर्माण काम शुरू नहीं हो सका है." इस मामले में गरोठ जनपद के सीईओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि "मीडिया के जरिए ये बात पता चली है. मौके पर राजस्व के अधिकारी राम सिंह को भेज कर मामले का पंचनामा बनाया है. वहीं, निर्माण काम शुरू क्यों न हो पाया है, इस मामले की भी जांच की जा रही है."

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नाले से होकर ले जाना पड़ा अर्थी

मंदसौर की दलौदा तहसील के ग्राम मजेसरा में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है. जहां गांव और शमशान के बीच एक गहरा नाला है. जिसमें से अंतिम संस्कार के लिए अर्थी को शमशान ले जा रहे हैं. बताया गाय कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों को भी सिर पर उठा कर ही शमशान तक पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीणों ने इससे परेशान होकर पुल बनाने की मांग की है.

मंदसौर: सागोरिया और चांदखेड़ी के बीच रास्ते पर करीब 10 फीट गहरा नाला है, जिसमें बारिश के बाद पानी भर जाता है. इस नाले को पार करने के लिए पुल नहीं है, जिससे लोग बांस और लकड़ी आदि से जुगाड़ बनाकर नाला पार करते हैं. बताया जा रहा है कि 15 साल पहले परासली गांव में तालाब निर्माण हुआ था. तालाब के ओवरफ्लो होने पर पानी पास करने के लिए एक जगह छोड़ी गई थी. जो धीरे-धीरे बड़े नाले में तब्दील हो गया. जो अब गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. वहीं, मंदसौर के दलौदा से अंतिम संस्कार के लिए शव को एक नाले से ले जाते हुए वीडियो सामने आया है.

मंदसौर में नाले पर पुलिया बनाने की मांग (ETV Bharat)

जुगाड़ के पुल से पार करते हैं नाला

सागोरिया के लोगों का कहना है कि वे अपनी खेती किसानी और रोजगार के लिए बांस और लकड़ी आदि से बनाए गए जुगाड़ के पुल से जाते हैं. बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सभी इस पुल से ही गुजरते है. जिसमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और हमेशा किसी अनहोनी की आशंका रहती है. वहीं, बताया जा रहा है कि नाले पर पुल बनाने के लिए 2019 में 2 करोड़ 46 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी. लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया.

'विधायक और सांसद कर चुके हैं अवलोकन'

सागोरिया निवासी दिलीप सिंह राठौर ने बताया कि "चांदखेड़ी और सगोरिया के बीच सड़क और पुल के मामले में उन्होंने भूतपूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ और क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता को भी मौके पर बुलाकर पुल का अवलोकन कराया है. लेकिन अभी तक भी इसका निर्माण काम शुरू नहीं हो सका है." इस मामले में गरोठ जनपद के सीईओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि "मीडिया के जरिए ये बात पता चली है. मौके पर राजस्व के अधिकारी राम सिंह को भेज कर मामले का पंचनामा बनाया है. वहीं, निर्माण काम शुरू क्यों न हो पाया है, इस मामले की भी जांच की जा रही है."

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नाले से होकर ले जाना पड़ा अर्थी

मंदसौर की दलौदा तहसील के ग्राम मजेसरा में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है. जहां गांव और शमशान के बीच एक गहरा नाला है. जिसमें से अंतिम संस्कार के लिए अर्थी को शमशान ले जा रहे हैं. बताया गाय कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों को भी सिर पर उठा कर ही शमशान तक पहुंचाना पड़ता है. ग्रामीणों ने इससे परेशान होकर पुल बनाने की मांग की है.

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