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बेटे ने नहीं निभाया पुत्र धर्म तो बेटियों ने किया मां का अंतिम संस्कार, छूने तक नहीं दिया शव - DAUGHTERS PERFORM LAST RITES

मंदसौर के सीतामऊ में बेटियों ने किया मां का अंतिम संस्कार, भाई को नहीं छूने दिया मां का शव

DAUGHTERS PERFORM LAST RITES MOTHER
मंदसौर के सीतामऊ में बेटियों ने किया मां का अंतिम संस्कार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Oct 19, 2024, 11:07 AM IST

मंदसौर: सीतामऊ में वृद्ध मां के प्रति पुत्र द्वारा सेवा का धर्म नहीं निभाने के कारण बेटियों ने सगे भाई को अंतिम अधिकार से वंचित कर दिया. शुक्रवार दोपहर 90 वर्षीय मां की मृत्यु हो गई और बेटा जब अंतिम संस्कार में शामिल होने मां के घर पहुंचा तो बेटियों ने उसे शव को छूने तक नहीं दिया. इतना ही नहीं, बेटियों ने खुद मां की अर्थी सजाई और शमशान घाट तक ले जाकर मुखाग्नि भी दी.

कई सालों से वृद्ध मां की सेवा कर रही थी बेटियां

दरअसल, सीतामऊ के खाती मोहल्ला निवासी सलिया बाई की शुक्रवार दोपहर के वक्त बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी. सलिया बाई के 8 संताने हैं, जिनमें 1 बेटा और 7 बेटियां हैं. लंबे समय से बेटा मां के साथ नहीं रहता था और ना ही उसने कई सालों से वृद्ध मां की सेवा की थी. इस बात से दुखी बेटियों ने मां की सेवा का बीड़ा उठाया था. वह लंबे समय से मां की सेवा कर रही थी. सलिया बाई की 7 बेटियों में से 4 का विवाह सीतामऊ नगर में ही हुआ है, जबकि 2 बेटियां शामगढ़ और 1 बेटी नीमच जिले ब्याही गई थी. वृद्ध मां की सेवा के लिए बेटियां ही लंबे समय से उनकी देखरेख कर रही थी.

जानकारी देते हुए खाती पटेल पंचायत के अध्यक्ष घनश्याम सिंह केरवा (ETV Bharat)

बहनों ने भाई को नहीं छूने दिया मां का शव

मां के भरण पोषण का जिम्मा भी बेटियों के कंधे पर था. 18 अक्टूबर की दोपहर के वक्त मां की मृत्यु हो गई. इसके बाद बेटा अंतिम दर्शन करने उसके घर पहुंचा, लेकिन बेटियों ने उसे मां के शव को छूने तक नहीं दिया. इसके बाद बेटियों ने अपने मां के अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई, जिसपर खाती पटेल पंचायत ने बेटियों को मां के अंतिम संस्कार करने की इजाजत दे दी. पंचायत से इजाजत मिलने के बाद बेटियों ने खुद अपनी मां की अर्थी सजाई और गांव में कंधा देते हुए निकलीं. बड़ी बेटी लीलाबाई ने मुखाग्नि की हांडी उठाई और बाकि बेटियों ने कंधा देकर मां को शमशान तक पहुंचाया

कटनी में बेटियों ने निभाया बेटों का फर्ज, शव यात्रा में हुईं शामिल, पिता का किया अंतिम संस्कार

जब नौ बेटियों ने एकसाथ किया अपने पिता का अंतिम संस्कार, देखने वालों की भी आंखें हो गई नम

बेटियों ने मां को दी मुखाग्नि

खाती पटेल पंचायत के अध्यक्ष घनश्याम सिंह केरवा ने बताया, ''बेटा लंबे समय से मां की देखभाल नहीं कर रहा था. लिहाजा वृद्ध मां की देखभाल, पिछले 10 सालों से उनकी 7 पुत्रियां ही कर रही थी. आज जब उनकी मृत्यु हो गई तो समाज की पंचायत में उन्होंने ही मां के अंतिम कर्म की इच्छा जताई थी. इसके बाद सर्वसम्मति से उन्हें अंतिम कर्म करने की इजाजत दी गई. बेटे और बेटी के सामानता के अधिकार के चलते उन्होंने सेवा करने वाली बेटियों को ही यह मौका दिया है.''

मंदसौर: सीतामऊ में वृद्ध मां के प्रति पुत्र द्वारा सेवा का धर्म नहीं निभाने के कारण बेटियों ने सगे भाई को अंतिम अधिकार से वंचित कर दिया. शुक्रवार दोपहर 90 वर्षीय मां की मृत्यु हो गई और बेटा जब अंतिम संस्कार में शामिल होने मां के घर पहुंचा तो बेटियों ने उसे शव को छूने तक नहीं दिया. इतना ही नहीं, बेटियों ने खुद मां की अर्थी सजाई और शमशान घाट तक ले जाकर मुखाग्नि भी दी.

कई सालों से वृद्ध मां की सेवा कर रही थी बेटियां

दरअसल, सीतामऊ के खाती मोहल्ला निवासी सलिया बाई की शुक्रवार दोपहर के वक्त बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी. सलिया बाई के 8 संताने हैं, जिनमें 1 बेटा और 7 बेटियां हैं. लंबे समय से बेटा मां के साथ नहीं रहता था और ना ही उसने कई सालों से वृद्ध मां की सेवा की थी. इस बात से दुखी बेटियों ने मां की सेवा का बीड़ा उठाया था. वह लंबे समय से मां की सेवा कर रही थी. सलिया बाई की 7 बेटियों में से 4 का विवाह सीतामऊ नगर में ही हुआ है, जबकि 2 बेटियां शामगढ़ और 1 बेटी नीमच जिले ब्याही गई थी. वृद्ध मां की सेवा के लिए बेटियां ही लंबे समय से उनकी देखरेख कर रही थी.

जानकारी देते हुए खाती पटेल पंचायत के अध्यक्ष घनश्याम सिंह केरवा (ETV Bharat)

बहनों ने भाई को नहीं छूने दिया मां का शव

मां के भरण पोषण का जिम्मा भी बेटियों के कंधे पर था. 18 अक्टूबर की दोपहर के वक्त मां की मृत्यु हो गई. इसके बाद बेटा अंतिम दर्शन करने उसके घर पहुंचा, लेकिन बेटियों ने उसे मां के शव को छूने तक नहीं दिया. इसके बाद बेटियों ने अपने मां के अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई, जिसपर खाती पटेल पंचायत ने बेटियों को मां के अंतिम संस्कार करने की इजाजत दे दी. पंचायत से इजाजत मिलने के बाद बेटियों ने खुद अपनी मां की अर्थी सजाई और गांव में कंधा देते हुए निकलीं. बड़ी बेटी लीलाबाई ने मुखाग्नि की हांडी उठाई और बाकि बेटियों ने कंधा देकर मां को शमशान तक पहुंचाया

कटनी में बेटियों ने निभाया बेटों का फर्ज, शव यात्रा में हुईं शामिल, पिता का किया अंतिम संस्कार

जब नौ बेटियों ने एकसाथ किया अपने पिता का अंतिम संस्कार, देखने वालों की भी आंखें हो गई नम

बेटियों ने मां को दी मुखाग्नि

खाती पटेल पंचायत के अध्यक्ष घनश्याम सिंह केरवा ने बताया, ''बेटा लंबे समय से मां की देखभाल नहीं कर रहा था. लिहाजा वृद्ध मां की देखभाल, पिछले 10 सालों से उनकी 7 पुत्रियां ही कर रही थी. आज जब उनकी मृत्यु हो गई तो समाज की पंचायत में उन्होंने ही मां के अंतिम कर्म की इच्छा जताई थी. इसके बाद सर्वसम्मति से उन्हें अंतिम कर्म करने की इजाजत दी गई. बेटे और बेटी के सामानता के अधिकार के चलते उन्होंने सेवा करने वाली बेटियों को ही यह मौका दिया है.''

Last Updated : Oct 19, 2024, 11:07 AM IST
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