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आबादी देह गांवों में ग्रामीणों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक, हजारों परिवार होंगे लाभान्वित - SWAMITAV YOJAN IN HIMACHAL - SWAMITAV YOJAN IN HIMACHAL

Villagers Will Get Land Ownership Rights Under Swamitav Yojana in Mandi: मंडी जिले में स्वामित्व योजना के तहत 2508 आबादी देह गांवों में से 2326 गांवों का ड्रोन से सर्वे किया गया है. अब इन गांवों के परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

आबादी देह गांवों में ग्रामीणों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
आबादी देह गांवों में ग्रामीणों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 9:24 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में स्वामित्व योजना के तहत आबादी देह में परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने कसरत भी शुरू कर दी है. जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद आबादी देह में रहने वालों को जमीन का अधिकार मिलने से उनकी बहुत समस्याएं हल होंगी. स्वामित्व योजना के तहत मंडी जिला में 2508 आबादी देह गांवों में 2326 गांवों का ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. सदर मंडी, बगसाड, औट, पांगना, थाची, चच्योट, पधर, करसोग, बल्ह, बलद्वाड़ा और रिवालसर में ड्रोन सर्वें का कार्य किया जा रहा है. अन्य सभी तहसीलों एवं उप तहसीलों में कार्य भी पूरा हो चुका है.

डीआरडीए हॉल में आयोजित राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने यह जानकारी दी. बैठक में जिला मंडी के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित रहे. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे में देरी मंजूर नहीं है. उपायुक्त ने इस दौरान तहसील और उप तहसील स्तर पर तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा म्यूटेशन, जमाबंदी, अतिक्रमण, निशानदेही, हुक्मी और खानगी तकसीम सहित सभी राजस्व मामलों के निपटारे की प्रगति का अवलोकन किया.

इसके साथ ही उन्होंने पटवारखानों और कानूनगो भवनों के निर्माण की भी जानकारी प्राप्त की. उन्होंने किसान सम्मान निधि से संबंधित केवाईसी और लैंड मैपिंग के कार्य में भी तेजी लाकर इस कार्य को भी शीघ्र पूर्ण करने को कहा. उन्होंने राजस्व प्रबंधन प्रणाली को भी कार्यालयों में पूर्ण रूप से लागू करने के निर्देश दिए.

उपायुक्त ने कहा, "प्रदेश सरकार का फोकस राजस्व मामलों के समयबद्ध निपटारे पर है. इसके लिए हर महीने राजस्व अदालतें लगाई जा रही है. सभी अधिकारी रणनीति बनाकर राजस्व मामलों का निपटारा करें. छह महीने के अधिक पुराने मामलों को निपटाने में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. सभी उपमंडल अधिकारियों को अधीनस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं".

क्या है स्वामित्व योजना: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना करना है. इसके लिए ड्रोन के माध्यम से गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और जमीन की प्लॉट मैपिंग की जा रही है. इसके बाद इस जगह पर घर बनाकर रह रहे परिवारों का कार्ड बनाकर उनको मालिकाना हक दिया जाएगा. मंडी में इस योजना के तहत हजारों परिवार लाभान्वित होंगे.

ये भी पढ़ें: शिलाई में हिंदू संगठनों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ खोला मोर्चा, प्रदेश में अवैध मस्जिदों को गिराने की मांग की

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में स्वामित्व योजना के तहत आबादी देह में परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने कसरत भी शुरू कर दी है. जमीन का मालिकाना हक मिलने के बाद आबादी देह में रहने वालों को जमीन का अधिकार मिलने से उनकी बहुत समस्याएं हल होंगी. स्वामित्व योजना के तहत मंडी जिला में 2508 आबादी देह गांवों में 2326 गांवों का ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. सदर मंडी, बगसाड, औट, पांगना, थाची, चच्योट, पधर, करसोग, बल्ह, बलद्वाड़ा और रिवालसर में ड्रोन सर्वें का कार्य किया जा रहा है. अन्य सभी तहसीलों एवं उप तहसीलों में कार्य भी पूरा हो चुका है.

डीआरडीए हॉल में आयोजित राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने यह जानकारी दी. बैठक में जिला मंडी के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित रहे. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे में देरी मंजूर नहीं है. उपायुक्त ने इस दौरान तहसील और उप तहसील स्तर पर तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा म्यूटेशन, जमाबंदी, अतिक्रमण, निशानदेही, हुक्मी और खानगी तकसीम सहित सभी राजस्व मामलों के निपटारे की प्रगति का अवलोकन किया.

इसके साथ ही उन्होंने पटवारखानों और कानूनगो भवनों के निर्माण की भी जानकारी प्राप्त की. उन्होंने किसान सम्मान निधि से संबंधित केवाईसी और लैंड मैपिंग के कार्य में भी तेजी लाकर इस कार्य को भी शीघ्र पूर्ण करने को कहा. उन्होंने राजस्व प्रबंधन प्रणाली को भी कार्यालयों में पूर्ण रूप से लागू करने के निर्देश दिए.

उपायुक्त ने कहा, "प्रदेश सरकार का फोकस राजस्व मामलों के समयबद्ध निपटारे पर है. इसके लिए हर महीने राजस्व अदालतें लगाई जा रही है. सभी अधिकारी रणनीति बनाकर राजस्व मामलों का निपटारा करें. छह महीने के अधिक पुराने मामलों को निपटाने में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. सभी उपमंडल अधिकारियों को अधीनस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं".

क्या है स्वामित्व योजना: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना करना है. इसके लिए ड्रोन के माध्यम से गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और जमीन की प्लॉट मैपिंग की जा रही है. इसके बाद इस जगह पर घर बनाकर रह रहे परिवारों का कार्ड बनाकर उनको मालिकाना हक दिया जाएगा. मंडी में इस योजना के तहत हजारों परिवार लाभान्वित होंगे.

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