मंडी: यूपीएससी एग्जाम 2023 का रिजल्ट जारी हो चुका हैं. देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी एग्जाम में हिमाचल प्रदेश के एक सफाई ठेकेदार की बेटी ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है. मंडी की बेटी तरूणा कमल ने साबित कर दिया कि परिश्रम से कठिन से कठिन लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है. तरूणा ने पहले अटेम्प्ट में 203 वां रैंक हासिल किया है. तरूणा के पिता अनिल कमल नगर परिषद में सफाई ठेकेदार हैं. वहीं, उनकी मां नोर्मा देवी गृहणी है.
सफाई ठेकेदार की बेटी ने किया कमाल: मंडी की बेटी तरूणा कमल ने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास की है. तरूणा ने जिला के बल्ह घाटी के छोटे से गांव से निकलकर यह कीर्तिमान हासिल किया है. अपने पहले ही प्रयास में तरूणा ने इस परीक्षा को पास कर 203 वां रैंक हासिल किया है. तरूणा के पिता अनिल कमल नेरचौक नगर परिषद में सफाई ठेकेदार हैं. तरूणा की इस कामयाबी से न केवल मंडी जिला का मान बढ़ा है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन हुआ है. तरूणा पिछले ढाई साल से चंडीगढ़ में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी.
घर पहुंचने पर तरूणा का हुआ जोरदार स्वागत: यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद बुधवार को तरूणा चंडीगढ से अपने घर रत्ती पहुंची. घर पहुंचने पर तरूणा का परिजनों, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया. 26 जून 1997 को जन्मी तरूणा कमल ने 12वीं तक की पढ़ाई मॉडर्न पब्लिक स्कूल रत्ती से की है. इसके बाद तरूणा ने वेटरनरी डॉक्टर की ट्रेनिंग पूरी करने बाद चंडीगढ़ में कोचिंग लेकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
पहले ही प्रयास में पास किया यूपीएससी एग्जाम: तरूणा ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में भाग लिया और अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा उर्तीण कर लिया. तरूणा ने बताया कि इस यूपीएससी की तैयारी करते समय शुरू में मेडिकल की पढ़ाई बाधा भी बनी. लेकिन माता-पिता और परिजनों का परीक्षा की तैयारी में पूरा सहयोग रहा, जिस कारण वे आज इस मुकाम को हासिल कर पाई.
तरूणा की लड़कियों को सलाह: तरूणा ने बताया कि गावं की लड़कियां आगे बढ़ने और बाहर निकलने से घबराती हैं. लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए एक पहल करना जरूरी है. अपनी वेटरनरी डॉक्टर की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने कुछ बड़ा करने की ठानी और तैयारी शुरू कर दी. अपनी इस कामयाबी पर तरूणा ने बताया कि बड़ी सफलता पाने के लिए परिश्रम ही एक मात्र माध्यम है. शॉर्ट कट माध्यम से बड़ी कामयाबी हासिल नहीं की जा सकती है.
तरूणा की कामयाबी से पूरा परिवार गदगद: वहीं, अपनी लाडली की कामयाबी से माता-पिता और परिजन गदगद नजर आए. मां नोर्मा देवी और दादा हेम सिंह कमल ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी और बड़ा अधिकारी बनना चाहती थी. उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी ने इतना बड़ा मुकाम हासिल कर जिला और प्रदेश का नाम रोशन किया है.
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