मंडी: छोटी काशी मंडी को हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी भी माना जाता है और यह इसलिए भी है क्योंकि यहां पर पुरातन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता है. ऐसे ही इतिहास से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत नगर निगम मंडी ने की है, जिसे मांडव्य उत्सव का नाम दिया गया है.
यह पहला मौका है जब इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के पड्डल स्थित मांडव शिला तक एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई. एक दिवसीय कार्यक्रम में धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के साथ कई स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया. इस कार्यक्रम में पहली बार राज माधव राय भी पालकी पर सवार होकर मांडव शीला तक गए और यहां पर पूजा अर्चना में भाग लिया.
वहीं, शोभा यात्रा में जगजननी लक्ष्मी, माता काली, माता उग्रतारा के देव रथों ने भी चार चांद लगा दिए. इस दौरान सबसे पहले राज माधव राय की पूजा अर्चना की गई. उसके बाद बाबा भूतनाथ मंदिर में पूजा की गई और फिर ढोल नगाड़ों और अन्य वाद्य यंत्रों की धुनों पर थिरकते हुए सभी लोग मांडव शिला के पास पहुंचे. यहां पर धर्म संघ के द्वारा हवन यज्ञ और पाठ किया गया, जिसे पूर्ण आहुति के साथ संपन्न किया गया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भजन आदि की प्रस्तुति विभिन्न स्कूली बच्चों और कलाकारों की ओर से दी गई. शोभा यात्रा में सदर विधायक अनिल शर्मा भी शामिल रहे.
इस मौके पर मंडी नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि, 'माडंव ऋषि के नाम पर इस शहर का नाम मंडी पड़ा, उनके नाम का एक एक भी उत्सव मंडी में नहीं मनाया जाता था, लेकिन सभी प्रबुद्ध लोगों के परामर्श के बाद इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है जो आने वाले समय में और भी भव्यता के साथ मनाया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों ने भी इस मौके को ऐतिहासिक करार दिया है और इस तरह के कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की गई है.'
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