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खबर का असर : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म, पर्यटकों के जेब पर नहीं पड़ेगा भार

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब ई-रिक्शा पर नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म. अब 10 से अधिक पर्यटकों के समूह को ही लेना होगा गाइड.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Mandatory Nature Guide Abolished
उद्यान में अब नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब ई-रिक्शा पर नेचर गाइड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. अब उद्यान घूमने आने वाले 10 या 10 से अधिक पर्यटकों के समूह को ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. सरकार ने 1 साल पहले नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियमों में संशोधन कर पुराने नियमों को ही फिर से लागू कर दिया है. ऐसे में अब उद्यान घूमने आने वाले पर्यटकों के जेब पर भी कम भार पड़ेगा. ईटीवी भारत ने कई बार खबरें प्रकाशित कर इस नियम की वजह से पर्यटकों को होने वाली परेशानी और उद्यान को हुए राजस्व नुकसान से अवगत कराया था. उसके बाद अब सरकार ने इस नियम को संशोधित कर पूर्व के नियम को ही पुनः लागू कर दिया है.

अब ये नियम लागू : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2023 में सरकार ने घना में ई-रिक्शा से घूमने वाले पर्यटकों के लिए नेचर गाइड अनिवार्य किया था, लेकिन अब सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया है. नए नियम के अनुसार अब घना में 10 या 10 से अधिक पर्यटकों के समूह को ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. इससे कम पर्यटकों को नेचर गाइड लेना अनिवार्य नहीं होगा. सरकार ने गत सप्ताह घना के लिए संशोधित आदेश जारी कर दिए हैं.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह (ETV BHARAT BHARATPUR)

इसे भी पढ़ें - एक नियम की वजह से कम हो गए घना में 18% पर्यटक, जानें अब कैसे मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा

पड़ रहा था जेब पर भार : 5 अक्टूबर, 2023 को उद्यान में ई-रिक्शा के साथ नेचर गाइड की अनिवार्यता का नियम लागू किया गया था. उसके तहत दो घंटे की ट्रिप में एक ई-रिक्शा में अधिकतम 4 पर्यटक बैठ सकते थे. दो घंटे के लिए ई-रिक्शा का शुल्क 800 रुपए और नेचर गाइड का भी शुल्क 800 रुपए रखा गया था. तीन घंटे की ट्रिप में यह शुल्क 1200-1200 रुपए लगता था. यदि पर्यटक इससे भी ज्यादा समय घूमना चाहता था तो प्रति घंटे 300-300 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होता था. यानी यदि चार पर्यटक ई रिक्शा से तीन घंटे घूमना चाहते थे तो ई रिक्शा व नेचर गाइड का 2400 रुपए शुल्क और प्रति भारतीय पर्यटक 155 रुपए के हिसाब से 620 रुपए, यानी कुल 3020 रुपए शुल्क देना होता था. लेकिन अब यह शुल्क 4 पर्यटकों पर प्रति तीन घंटे सिर्फ 1820 रुपए लगेगा.

Mandatory Nature Guide Abolished
भरतपुर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (ETV BHARAT BHARATPUR)

गिर गई थी पर्यटकों की संख्या : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम को लेकर काफी पर्यटकों ने हमें और सरकार को शिकायत की थी. पर्यटकों का मानना था कि नेचर गाइड अनिवार्यता वाले नियम की वजह से उन्हें घना घूमना ज्यादा महंगा साबित हो रहा है. इसके अलावा घना में वर्ष 2022-23 में 98, 452 पर्यटकों की तुलना में वर्ष 2023-24 में 81,159 ही पर्यटक पहुंचे थे. पर्यटकों की संख्या में गिरावट की एक वजह यह नियम भी था. ऐसे में सरकार ने सभी पहलुओं को देखते हुए नियम में संशोधन किया है.

Mandatory Nature Guide Abolished
नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म (ETV BHARAT BHARATPUR)

इसे भी पढ़ें - अब घना में पर्यटकों के लिए 2 घंटे का सफारी हुआ संभव, ई रिक्शा के साथ अनिवार्य होगा एक नेचर गाइड

ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा : नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम की वजह से पर्यटकों को हो रही परेशानी से संबंधित कई समाचार प्रकाशित किए गए. 27 सितंबर, 2024 को ईटीवी भारत ने 'एक नियम की वजह से घना में कम हो गए 18% पर्यटक, अब कैसे मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी.

भरतपुर : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब ई-रिक्शा पर नेचर गाइड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. अब उद्यान घूमने आने वाले 10 या 10 से अधिक पर्यटकों के समूह को ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. सरकार ने 1 साल पहले नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियमों में संशोधन कर पुराने नियमों को ही फिर से लागू कर दिया है. ऐसे में अब उद्यान घूमने आने वाले पर्यटकों के जेब पर भी कम भार पड़ेगा. ईटीवी भारत ने कई बार खबरें प्रकाशित कर इस नियम की वजह से पर्यटकों को होने वाली परेशानी और उद्यान को हुए राजस्व नुकसान से अवगत कराया था. उसके बाद अब सरकार ने इस नियम को संशोधित कर पूर्व के नियम को ही पुनः लागू कर दिया है.

अब ये नियम लागू : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2023 में सरकार ने घना में ई-रिक्शा से घूमने वाले पर्यटकों के लिए नेचर गाइड अनिवार्य किया था, लेकिन अब सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया है. नए नियम के अनुसार अब घना में 10 या 10 से अधिक पर्यटकों के समूह को ही नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा. इससे कम पर्यटकों को नेचर गाइड लेना अनिवार्य नहीं होगा. सरकार ने गत सप्ताह घना के लिए संशोधित आदेश जारी कर दिए हैं.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक मानस सिंह (ETV BHARAT BHARATPUR)

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पड़ रहा था जेब पर भार : 5 अक्टूबर, 2023 को उद्यान में ई-रिक्शा के साथ नेचर गाइड की अनिवार्यता का नियम लागू किया गया था. उसके तहत दो घंटे की ट्रिप में एक ई-रिक्शा में अधिकतम 4 पर्यटक बैठ सकते थे. दो घंटे के लिए ई-रिक्शा का शुल्क 800 रुपए और नेचर गाइड का भी शुल्क 800 रुपए रखा गया था. तीन घंटे की ट्रिप में यह शुल्क 1200-1200 रुपए लगता था. यदि पर्यटक इससे भी ज्यादा समय घूमना चाहता था तो प्रति घंटे 300-300 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होता था. यानी यदि चार पर्यटक ई रिक्शा से तीन घंटे घूमना चाहते थे तो ई रिक्शा व नेचर गाइड का 2400 रुपए शुल्क और प्रति भारतीय पर्यटक 155 रुपए के हिसाब से 620 रुपए, यानी कुल 3020 रुपए शुल्क देना होता था. लेकिन अब यह शुल्क 4 पर्यटकों पर प्रति तीन घंटे सिर्फ 1820 रुपए लगेगा.

Mandatory Nature Guide Abolished
भरतपुर केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (ETV BHARAT BHARATPUR)

गिर गई थी पर्यटकों की संख्या : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम को लेकर काफी पर्यटकों ने हमें और सरकार को शिकायत की थी. पर्यटकों का मानना था कि नेचर गाइड अनिवार्यता वाले नियम की वजह से उन्हें घना घूमना ज्यादा महंगा साबित हो रहा है. इसके अलावा घना में वर्ष 2022-23 में 98, 452 पर्यटकों की तुलना में वर्ष 2023-24 में 81,159 ही पर्यटक पहुंचे थे. पर्यटकों की संख्या में गिरावट की एक वजह यह नियम भी था. ऐसे में सरकार ने सभी पहलुओं को देखते हुए नियम में संशोधन किया है.

Mandatory Nature Guide Abolished
नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म (ETV BHARAT BHARATPUR)

इसे भी पढ़ें - अब घना में पर्यटकों के लिए 2 घंटे का सफारी हुआ संभव, ई रिक्शा के साथ अनिवार्य होगा एक नेचर गाइड

ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा : नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम की वजह से पर्यटकों को हो रही परेशानी से संबंधित कई समाचार प्रकाशित किए गए. 27 सितंबर, 2024 को ईटीवी भारत ने 'एक नियम की वजह से घना में कम हो गए 18% पर्यटक, अब कैसे मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी.

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