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बैंक मैनेजर ने खातों से किया ढाई करोड़ का गबन, दो लोग गिरफ्तार, ऐसे खुला राज

Bank manager embezzled from accounts, प्रतापगढ़ पुलिस ने बैंक खातों से करीब ढाई करोड़ रुपए के गबन के मामला का खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.

Bank manager embezzled from accounts
Bank manager embezzled from accounts
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 8:16 PM IST

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार

प्रतापगढ़. जिले के धरियावद में आईसीआईसीआइ बैंक मैनेजर की ओर से खातों से ढाई करोड़ रुपए के गबन का खुलासा शनिवार को पुलिस ने किया है. पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया है कि बैंक मैनेजर ने यह गबन बैंक की ओर से दिए जाने वाले टारगेट को पूरा करने और बैंक खाताधारक उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर के दबाव में किया है. पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही बैंक में 62 खातों को फ्रीज करते हुए 62 लाख 71 हजार 490 रुपए होल्ड करवाया है. वहीं, आरोपियों से 46 लाख रुपए बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

ये है मामला : पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि 5 फरवरी रात को धरियावद में निजी बैंक में कुछ ग्राहकों के खातों से राशि निकासी के मैसेज मोबाइल पर आए. इस पर बैंक के बाहर ग्राहकों को भीड़ जुट गई. सूचना पर पहुंची पुलिस बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा को थाने ले आई. 6 फरवरी को सुबह बैंक के रीजनल हैड मनोज बेहरानी ने बांसवाड़ा थाने में रिपोर्ट दी. इस रिपोर्ट में बताया कि कुछ एफडी एवं ओडी एकाउंट से ग्राहकों की बिना जानकारी के धोखाधड़ी करके गलत तरीके से रुपए निकाल लिए गए हैं. रिपोर्ट में बताया कि 2 करोड़ से अधिक रुपए का गबन हुआ है. इस पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने एएसपी के निर्देशन में एसआईटी का गठन किया. टीम ने आरोपी बैंक मैनेजर प्रशांत पुत्र नरेन्द्र कुमार काबरा निवासी कैलाशनगर हाल धरियावद को गिरफ्तार किया.

इसे भी पढ़ें - मरुधरा ग्रामीण बैंक गबन मामले में बड़ा खुलासा, मास्टरमाइंड चढ़ा पुलिस के हत्थे

पुलिस की जांच में मैनेजर द्वारा बैंक के विभिन्न खातों से हेराफेरी करना सामने आया. पुलिस पूछताछ में मैनेजर ने बताया कि रुपए गबन करने का काम उदयपुर के धानमंडी निवासी व्यापारी जालमचंद पेमराज जैन के दबाव में किया. इस पर पुलिस ने जालमचंद को भी गिरफ्तार किया. एसपी ने बताया कि अब तक की जांच में करीब 2.5 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है. इस पर पुलिस ने 62 खातों को 62 को फ्रीज कर 62 लाख 71 हजार 490 रुपए की राशि होल्ड करवाई है. वहीं, जालमचंद की निशानदेही से 46 लाख 400 रुपए बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

व्यापारी जालमचंद ने 62 खातों में डलवाई राशि : पुलिस ने आरोपी मैनेजर की निशानदेही से बैंक के खातों व उनके धारकों की जानकारी प्राप्त की. इसमें सामने आया कि विभिन्न खाता धारक की ओर से बैंक में जो एफडी और केसीसी करवाई जाती है. ऐसे खातों पर आरोपी मैनेजर ने ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर स्वयं की पत्नी दीपिका काबरा व अपने मिलने वाले जालमचन्द जैन व उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कन्स्ट्रक्शन के खातों में रुपए जमा करके गबन किया. मैनेजर ने बताया कि रुपए की जरूरत पडऩे पर जालमचन्द जैन की एफडी खाते से ओडी बनाकर कुछ रुपए निकाले थे. इसकी जानकारी जालमचन्द जैन को होने वह ब्लैकमेल करने लगा था. जालमचंद ने मैनेजर को डरा धमकाकर 46 लाख 400 रुपए नकद व लगभग 2 करोड़ रुपए उसके बताए हुए खातों में ट्रांसफर करवा लिए. मैनेजर काबरा की ओर से गबन की राशि को जिन खातो में जमा करवाई गई थी, उनमें से 62 बैंक खातो को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया. वहीं, जालमचन्द जैन की निशानदेही से 46 लाख 400 रुपए नकद बरामद कर किए गए. पुलिस ने बताया कि अब तक 1 करोड़ 8 लाख 71 हजार 490 रुपए जब्त या फ्रीज करवाया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें - बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ने क्रेडिट कार्ड से लोन उठाकर किया 1 करोड़ का गबन, मामला दर्ज

गबन करने के पीछे यह रहा कारणः एसपी ने बताया कि एसआईटी ने संदिग्ध लेनदेन वाले बैंक खातों की जांच की. इसमें यह तथ्य सामने आया कि शाखा मैनेजर प्रशांत काबरा के द्वारा बताए गए बैंक खाता धारकों के अलावा भी कुछ अन्य एफडी खातों पर भी ओवर ड्राफ्ट (ओडी) अकाउंट बनाए गए. मैनेजर द्वारा कई खातों में गलत मोबाइल नंबर अपडेट किए गए. इसके कारण ओवर ड्राफ्ट अकाउंट खुलने व उस खाते से किए जा रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी खाता धारक को नहीं मिल पाती थी. पुलिस ने बताया कि इसका कारण बैंक के सॉफ्टवेयर में ऐसा कोई मजबूत मैकेनिज्म नहीं होना रहा है.

एसपी ने बताया कि मैनेजर काबरा व अन्य कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की गई. मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि बैंक द्वारा उनको प्रतिदिन नए नए टारगेट दिए जाते थे. इसमें मुख्य रूप से नए बचत खाते, करंट अकाउंट, गोल्ड लोन, एफडी अकाउण्ट खोलने के टारगेट मिलते थे. टारगेट पूरा करने और अपनी परफोरमेंस में बढ़ोतरी के लिए मैनेजर व अन्य कर्मचारियों ने ग्राहकों के खोले गए अकाउंट पर ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाते थे.

ऐसे ओडी खातों से राशि उठाकर नए अकाउंट खोल दिए जाते हैं. नकद व चैक से भी राशि निकाल ली जाती. बैंक के दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए बैंक कर्मियों द्वारा इस प्रकार के क्रॉस ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे. उसकी जानकारी खाता धारक व बैंक मुख्यालय को भी नहीं हो पाती है. इसका फायदा उठाते हुए मैनेजर काबरा ने करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि का गबन किया था. कई खातों पर ओवर ड्राफ्ट की लिमिट बनाकर उक्त खातों से अपने व पत्नी दीपिका काबरा व जालमचंद के परिजनों व अन्य के खातों में रुपए का ट्रांजेक्शन किया.

इसे भी पढ़ें - पुलिस कमिश्नरेट में गबन : ट्रैफिक चालान के 43 लाख रुपए गायब, कैशियर गिरफ्तार

जालमचंद ने ढाई करोड़ का फार्म हाउस खरीदा : एसआईटी टीम ने जालमचन्द्र जैन से 46 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. जालम ने ब्रांच मैनेजर काबरा से अलग-अलग खातों में प्राप्त की गई राशि से उदयपुर से नाथद्वारा रोड पर करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए से फार्म हाउस खरीदा. जिस पर रिसोर्ट बनाया हुआ है. पुलिस ने बताया कि उक्त फार्म हाउस व रिसोर्ट की संपत्ति को फ्रीज करवाने के लिए न्यायालय में आवेदन दिया गया है. जिससे बैंक के जिन खाता धारकों के खातों से छेड़छाड़ कर की गई है, उस राशि की भरपाई की जा सके.

उदयपुर का एचएस है जालमचंद : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी जालम चन्द उदयपुर का हिस्ट्रीशीटर है. इसके खिलाफ उदयपुर के विभिन्न थानों में व शहर धरियावद थाने पर कुल 19 प्रकरण गंभीर धाराओं में दर्ज हैं. इसमें राजकार्य में बाधा, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, मारपीट आदि प्रकरण शामिल हैं. अभियुक्त जालमचन्द जैन 80 के दशक में सगीर मोहम्मद हत्याकांड का मुख्य आरोपी रहा है.

पुलिस अधीक्षक अमित कुमार

प्रतापगढ़. जिले के धरियावद में आईसीआईसीआइ बैंक मैनेजर की ओर से खातों से ढाई करोड़ रुपए के गबन का खुलासा शनिवार को पुलिस ने किया है. पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया है कि बैंक मैनेजर ने यह गबन बैंक की ओर से दिए जाने वाले टारगेट को पूरा करने और बैंक खाताधारक उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर के दबाव में किया है. पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही बैंक में 62 खातों को फ्रीज करते हुए 62 लाख 71 हजार 490 रुपए होल्ड करवाया है. वहीं, आरोपियों से 46 लाख रुपए बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

ये है मामला : पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि 5 फरवरी रात को धरियावद में निजी बैंक में कुछ ग्राहकों के खातों से राशि निकासी के मैसेज मोबाइल पर आए. इस पर बैंक के बाहर ग्राहकों को भीड़ जुट गई. सूचना पर पहुंची पुलिस बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा को थाने ले आई. 6 फरवरी को सुबह बैंक के रीजनल हैड मनोज बेहरानी ने बांसवाड़ा थाने में रिपोर्ट दी. इस रिपोर्ट में बताया कि कुछ एफडी एवं ओडी एकाउंट से ग्राहकों की बिना जानकारी के धोखाधड़ी करके गलत तरीके से रुपए निकाल लिए गए हैं. रिपोर्ट में बताया कि 2 करोड़ से अधिक रुपए का गबन हुआ है. इस पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने एएसपी के निर्देशन में एसआईटी का गठन किया. टीम ने आरोपी बैंक मैनेजर प्रशांत पुत्र नरेन्द्र कुमार काबरा निवासी कैलाशनगर हाल धरियावद को गिरफ्तार किया.

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पुलिस की जांच में मैनेजर द्वारा बैंक के विभिन्न खातों से हेराफेरी करना सामने आया. पुलिस पूछताछ में मैनेजर ने बताया कि रुपए गबन करने का काम उदयपुर के धानमंडी निवासी व्यापारी जालमचंद पेमराज जैन के दबाव में किया. इस पर पुलिस ने जालमचंद को भी गिरफ्तार किया. एसपी ने बताया कि अब तक की जांच में करीब 2.5 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है. इस पर पुलिस ने 62 खातों को 62 को फ्रीज कर 62 लाख 71 हजार 490 रुपए की राशि होल्ड करवाई है. वहीं, जालमचंद की निशानदेही से 46 लाख 400 रुपए बरामद किए गए हैं. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

व्यापारी जालमचंद ने 62 खातों में डलवाई राशि : पुलिस ने आरोपी मैनेजर की निशानदेही से बैंक के खातों व उनके धारकों की जानकारी प्राप्त की. इसमें सामने आया कि विभिन्न खाता धारक की ओर से बैंक में जो एफडी और केसीसी करवाई जाती है. ऐसे खातों पर आरोपी मैनेजर ने ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर स्वयं की पत्नी दीपिका काबरा व अपने मिलने वाले जालमचन्द जैन व उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कन्स्ट्रक्शन के खातों में रुपए जमा करके गबन किया. मैनेजर ने बताया कि रुपए की जरूरत पडऩे पर जालमचन्द जैन की एफडी खाते से ओडी बनाकर कुछ रुपए निकाले थे. इसकी जानकारी जालमचन्द जैन को होने वह ब्लैकमेल करने लगा था. जालमचंद ने मैनेजर को डरा धमकाकर 46 लाख 400 रुपए नकद व लगभग 2 करोड़ रुपए उसके बताए हुए खातों में ट्रांसफर करवा लिए. मैनेजर काबरा की ओर से गबन की राशि को जिन खातो में जमा करवाई गई थी, उनमें से 62 बैंक खातो को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया. वहीं, जालमचन्द जैन की निशानदेही से 46 लाख 400 रुपए नकद बरामद कर किए गए. पुलिस ने बताया कि अब तक 1 करोड़ 8 लाख 71 हजार 490 रुपए जब्त या फ्रीज करवाया जा चुका है.

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गबन करने के पीछे यह रहा कारणः एसपी ने बताया कि एसआईटी ने संदिग्ध लेनदेन वाले बैंक खातों की जांच की. इसमें यह तथ्य सामने आया कि शाखा मैनेजर प्रशांत काबरा के द्वारा बताए गए बैंक खाता धारकों के अलावा भी कुछ अन्य एफडी खातों पर भी ओवर ड्राफ्ट (ओडी) अकाउंट बनाए गए. मैनेजर द्वारा कई खातों में गलत मोबाइल नंबर अपडेट किए गए. इसके कारण ओवर ड्राफ्ट अकाउंट खुलने व उस खाते से किए जा रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी खाता धारक को नहीं मिल पाती थी. पुलिस ने बताया कि इसका कारण बैंक के सॉफ्टवेयर में ऐसा कोई मजबूत मैकेनिज्म नहीं होना रहा है.

एसपी ने बताया कि मैनेजर काबरा व अन्य कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की गई. मैनेजर ने पूछताछ में बताया कि बैंक द्वारा उनको प्रतिदिन नए नए टारगेट दिए जाते थे. इसमें मुख्य रूप से नए बचत खाते, करंट अकाउंट, गोल्ड लोन, एफडी अकाउण्ट खोलने के टारगेट मिलते थे. टारगेट पूरा करने और अपनी परफोरमेंस में बढ़ोतरी के लिए मैनेजर व अन्य कर्मचारियों ने ग्राहकों के खोले गए अकाउंट पर ओवर ड्राफ्ट लिमिट बनाते थे.

ऐसे ओडी खातों से राशि उठाकर नए अकाउंट खोल दिए जाते हैं. नकद व चैक से भी राशि निकाल ली जाती. बैंक के दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए बैंक कर्मियों द्वारा इस प्रकार के क्रॉस ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे. उसकी जानकारी खाता धारक व बैंक मुख्यालय को भी नहीं हो पाती है. इसका फायदा उठाते हुए मैनेजर काबरा ने करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि का गबन किया था. कई खातों पर ओवर ड्राफ्ट की लिमिट बनाकर उक्त खातों से अपने व पत्नी दीपिका काबरा व जालमचंद के परिजनों व अन्य के खातों में रुपए का ट्रांजेक्शन किया.

इसे भी पढ़ें - पुलिस कमिश्नरेट में गबन : ट्रैफिक चालान के 43 लाख रुपए गायब, कैशियर गिरफ्तार

जालमचंद ने ढाई करोड़ का फार्म हाउस खरीदा : एसआईटी टीम ने जालमचन्द्र जैन से 46 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. जालम ने ब्रांच मैनेजर काबरा से अलग-अलग खातों में प्राप्त की गई राशि से उदयपुर से नाथद्वारा रोड पर करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए से फार्म हाउस खरीदा. जिस पर रिसोर्ट बनाया हुआ है. पुलिस ने बताया कि उक्त फार्म हाउस व रिसोर्ट की संपत्ति को फ्रीज करवाने के लिए न्यायालय में आवेदन दिया गया है. जिससे बैंक के जिन खाता धारकों के खातों से छेड़छाड़ कर की गई है, उस राशि की भरपाई की जा सके.

उदयपुर का एचएस है जालमचंद : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी जालम चन्द उदयपुर का हिस्ट्रीशीटर है. इसके खिलाफ उदयपुर के विभिन्न थानों में व शहर धरियावद थाने पर कुल 19 प्रकरण गंभीर धाराओं में दर्ज हैं. इसमें राजकार्य में बाधा, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, मारपीट आदि प्रकरण शामिल हैं. अभियुक्त जालमचन्द जैन 80 के दशक में सगीर मोहम्मद हत्याकांड का मुख्य आरोपी रहा है.

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