बेतिया: बिहार के बेतिया का बाघ अब आदमखोर हो गया है. पत्नी के सामने ही पति को बाघ ने चीथड़े-चीथड़े कर दिए और नोच नोच कर खाता रहा. रूह कंपा देने वाली इस घटना की साक्षी कोई और नहीं बल्कि खुद इंद्रदेव महतो की पत्नी हैं. उस दर्दनाक हादसे को वह भूल नहीं पा रही हैं और बार बार बेहोश हो जा रही हैं. वहीं वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे से बाघ को ट्रैक कर रही है. बताया जा रहा है बाघ अपने वन क्षेत्र में ही है.
पत्नी की आंखों के सामने पति की मौत: घटना मंगलवार 17 सितंबर की है. सहोदरा थाना अंतर्गत बनबैरिया के इंद्रदेव महतो की पत्नी कांति देवी के आंखों के सामने घटित हुई इस घटना को सुनकर किसी का भी रूह कांप जाए. कांति देवी अपने पति की मौत की चश्मदीद गवाह है. दोनों पति पत्नी दोरहम नदी किनारे बकरी चराने गए थे. दोनों मेड पर बैठ बकरी चरा रहे थे. इसी दौरान कांति देवी की नजर गन्ने के खेत से निकल रहे बाघ पर पड़ी.
'मेरी आंखों के सामने उन्हें खाता रहा': बाघ सीधा पति पत्नी की तरफ दौड़ गया. कांति देवी बताती है कि मैंने पति को बोला कि भागिए हम भी भागे, लेकिन पति की उम्र अधिक हो जाने से नहीं भाग पाए और बाघ उनका शिकार कर लिया. मेरे आंखों के सामने मेरे पति को बाघ ने मार दिया और 200 मीटर गन्ने के खेत में लेकर चला गया.मेरे पति को बाघ खाता रहा. मृतक इंद्रदेव अपने पीछे तीन बेटे और तीन बेटियों को छोड़ गए हैं.
"ये सब मेरी आंखों के सामने की घटना है. वहां से भागकर आकर गांव वालों को मैंने घटना की जानकारी दी तो गांव वाले पहुंचे. गन्ने के खेत से क्षत विक्षत शव बरामद हुआ है."- कांति देवी, मृतक की पत्नी
मृतक के परिजनों को मिलेगा 10 लाख मुआवजा: वहीं DFO-1, वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के डीएफओ प्रद्यूमन गौरव ने बताया है कि मंगलवार को बाघ के हमले में इंद्रदेव महतो की मौत हो गई. शव को पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया. बहुत जल्द परिवार वालों को दस लाख की मुआवजा राशि दी जाएगी. पहले मुआवजा की राशि पांच लाख थी, लेकिन बिहार सरकार ने जुलाई से इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
'बाघ ने बकरी समझ शिकार कर लिया': डीएफओ ने बताया कि कल की घटना सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना है. इंद्रदेव जमीन पर बकरियों के साथ बैठे थे. जिन्हे बाघ ने बकरी समझ शिकार कर लिया. वहीं डीएफओ ने लोगों से अपील की है कि शाम के समय और सुबह के समय जंगल के आस पास, अपने खेतों के आस पास नहीं जाएं.
"अगर जाना है तो तीन चार की संख्या में जाये और शोर मचाते रहें. अगर आस-पास बाघ भी होगा तो वह भाग जायेगा. बाघ इस समय जंगल में है. वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे से बाघ को ट्रैक कर रही है. बाघ अपने वन क्षेत्र में ही है."- प्रद्युमन गौरव, DFO-1, वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना
इंसानी खून का स्वाद चख चुका है बाघ: बाघ को इंसानी खून का स्वाद मिल चुका है और यह सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. इसलिए वन विभाग भी लोगों से सतर्कता बरतने की अपील कर रहा है. क्योंकि 2022 में एक आदमखोर बाघ ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. उसका शिकार करना भी मुश्किल हो चुका था. महीनों की कोशिशों के बाद बाघ को मार गिराया गया था.
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