नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह 12 जुलाई को इस पर आदेश सुनाएगा कि AAP सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को जमानत दी जाए या नहीं. न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने बिभवि कुमार के वकील के साथ-साथ दिल्ली पुलिस और स्वाति मालीवाल की ओर से पेश वकीलों को सुनने के बाद मामले के संबंध में कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
पुलिस के वरिष्ठ वकील संजय जैन ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच चल रही है. 16 जुलाई को या उससे पहले आरोप पत्र दायर किया जाएगा. हम जांच के बीच में हैं. इस दौरान स्वाति मालीवाल भी अदालत में थीं. उन्होंने कहा कि घटना के बाद से उन्हें धमकियों, ट्रोलिंग और अपमान का शिकार होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि न केवल मुझ पर बेरहमी से हमला किया गया, बल्कि मेरे जीवन का पूरा काम छीन लिया गया.
वहीं, बिभव कुमार के वकील ने दलील दी कि जांच पूरी होने के बाद अब उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है. वकील ने कहा, "वह हिरासत में 54वें दिन में प्रवेश कर चुके हैं. सभी आवश्यक जांच पूरी हो चुकी है. यह पे-ट्रायल सजा के बराबर है." उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इस बात का कोई कारण नहीं है कि मुख्यमंत्री का राजनीतिक सचिव संसद सदस्य पर हमला क्यों करेगा?
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उन्होंने कहा, "यह बेहद अकल्पनीय है कि बिना किसी कारण के राजनीतिक सचिव उसे पीटने का विकल्प चुनेंगे (एफआईआर के पीछे का कारण) और मैं यह सोच सकता हूं कि यह अहंकार का सवाल है." फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
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