ETV Bharat / state

डीयू की 6 साल पहले की डिग्री और मार्कशीट करेक्शन पर अब देनी होगी फीस, डीयू अकादमिक परिषद की बैठक में लगेगी मुहर - DELHI UNIVERSITY CORRECTION FEES

DELHI UNIVERSITY CORRECTION FEES : दिल्ली विश्वविद्यालय में शुक्रवार को होने जा रही डीयू अकादमिक परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पास होने जा रहा है. जिसके बाद छह साल या उससे अधिक पुरानी डिग्री या मार्कशीट में करेक्शन कराने पर छात्रों को इसके लिए शुल्क चुकाना होगा. प्रस्ताव पर अकादमिक परिषद की मुहर लगने के बाद यह नियम लागू हो जाएगा.

6 साल पहले की डिग्री और मार्कशीट में करेक्शन कराने पर अब देनी होगी फीस
6 साल पहले की डिग्री और मार्कशीट में करेक्शन कराने पर अब देनी होगी फीस (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 12, 2024, 1:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दरअसल आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पास होना लगभग तय माना जा रहा है. प्रस्ताव के अनुसार छह साल पुरानी डिग्री और मार्कशीट में कोई छात्र करेक्शन कराता है तो उसको एक हजार रूपये फीस देनी होगी. वहीं, अगर छह साल से अधिक पुरानी डिग्री में कोई छात्र करेक्शन कराना चाहता है तो उसको दो हजार रूपये फीस के रूप में डीयू की एग्जामिनेशन ब्रांच को भुगतान करना होगा.

परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छात्रों से डिग्रियां और मार्कशीट में किसी भी तरह के करेक्शन का कोई शुल्क नहीं लिया जाता था. लेकिन, आज इस प्रस्ताव के पास होने के बाद करेक्शन के लिए शुल्क लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार यह नियम इसलिए लागू किया जा रहा है, क्योंकि पिछले पांच छह साल से डीयू में समर्थ पोर्टल के द्वारा सभी छात्र अपने और अपने माता-पिता के नाम से संबंधित जानकारी खुद ही भरते हैं. साथ ही वह अपना फोटो भी खुद ही अपडेट करते हैं.

सारी जानकारी सही भरने की जिम्मेदारी अब छात्रों की है. अगर छात्र खुद से इस जानकारी को भरने में कोई गलती करते हैं तो उसका खामियाजा स्वयं उनको ही करेक्शन शुल्क के रूप में भुगतना होगा. इसलिए यह करेक्शन शुल्क का नियम अब लागू करने की तैयारी है. परीक्षा नियंत्रक गुरप्रीत टूटेजा ने बताया कि इससे पहले परीक्षा शाखा के द्वारा ही छात्रों के माता-पिता, उनका नाम और फोटो लगाया जाता था और डिग्री व मार्कशीट को प्रिंट कराया जाता था. इसलिए तब परीक्षा शाखा की किसी भी तरह की त्रुटि होने की जिम्मेदारी होती थी. इसलिए अब तक बिना किसी शुल्क के छात्रों को उनकी डिग्री और मार्कशीट में करेक्शन करके दिया जाता था.

ये भी पढ़ें : डीयू ने कानून के पाठ्यक्रम में मनु स्मृति को जोड़ने का लॉ फैकल्टी का प्रस्ताव खारिज किया, शिक्षकों ने किया था विरोध

लेकिन, अब जब करीब पांच-छह साल पहले समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्रों से जानकारी लेना शुरू किया गया है. इसलिए करेक्शन शुल्क लेने का नियम भी 6 साल पुरानी मार्कशीट या डिग्री से ही शुरू किया जा रहा है. वहीं, अगर विश्वविद्यालय के स्तर पर छात्र-छात्राओं की मार्कशीट यहां डिग्री में कोई गलती पाई जाती है तो उसको विश्वविद्यालय निशुल्क ही ठीक करके देगा. करेक्शन शुल्क लागू करने का यह प्रस्ताव आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक के एजेंडे में शामिल है और इसके पारित होने के बाद यह नियम लागू हो जाएगा.
ये भी पढ़ें : DU में हो सकता है 'मानवता व धर्म के लिए गीता' का पेपर, हिंदू अध्ययन केंद्र का प्रस्ताव

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दरअसल आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पास होना लगभग तय माना जा रहा है. प्रस्ताव के अनुसार छह साल पुरानी डिग्री और मार्कशीट में कोई छात्र करेक्शन कराता है तो उसको एक हजार रूपये फीस देनी होगी. वहीं, अगर छह साल से अधिक पुरानी डिग्री में कोई छात्र करेक्शन कराना चाहता है तो उसको दो हजार रूपये फीस के रूप में डीयू की एग्जामिनेशन ब्रांच को भुगतान करना होगा.

परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छात्रों से डिग्रियां और मार्कशीट में किसी भी तरह के करेक्शन का कोई शुल्क नहीं लिया जाता था. लेकिन, आज इस प्रस्ताव के पास होने के बाद करेक्शन के लिए शुल्क लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार यह नियम इसलिए लागू किया जा रहा है, क्योंकि पिछले पांच छह साल से डीयू में समर्थ पोर्टल के द्वारा सभी छात्र अपने और अपने माता-पिता के नाम से संबंधित जानकारी खुद ही भरते हैं. साथ ही वह अपना फोटो भी खुद ही अपडेट करते हैं.

सारी जानकारी सही भरने की जिम्मेदारी अब छात्रों की है. अगर छात्र खुद से इस जानकारी को भरने में कोई गलती करते हैं तो उसका खामियाजा स्वयं उनको ही करेक्शन शुल्क के रूप में भुगतना होगा. इसलिए यह करेक्शन शुल्क का नियम अब लागू करने की तैयारी है. परीक्षा नियंत्रक गुरप्रीत टूटेजा ने बताया कि इससे पहले परीक्षा शाखा के द्वारा ही छात्रों के माता-पिता, उनका नाम और फोटो लगाया जाता था और डिग्री व मार्कशीट को प्रिंट कराया जाता था. इसलिए तब परीक्षा शाखा की किसी भी तरह की त्रुटि होने की जिम्मेदारी होती थी. इसलिए अब तक बिना किसी शुल्क के छात्रों को उनकी डिग्री और मार्कशीट में करेक्शन करके दिया जाता था.

ये भी पढ़ें : डीयू ने कानून के पाठ्यक्रम में मनु स्मृति को जोड़ने का लॉ फैकल्टी का प्रस्ताव खारिज किया, शिक्षकों ने किया था विरोध

लेकिन, अब जब करीब पांच-छह साल पहले समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्रों से जानकारी लेना शुरू किया गया है. इसलिए करेक्शन शुल्क लेने का नियम भी 6 साल पुरानी मार्कशीट या डिग्री से ही शुरू किया जा रहा है. वहीं, अगर विश्वविद्यालय के स्तर पर छात्र-छात्राओं की मार्कशीट यहां डिग्री में कोई गलती पाई जाती है तो उसको विश्वविद्यालय निशुल्क ही ठीक करके देगा. करेक्शन शुल्क लागू करने का यह प्रस्ताव आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक के एजेंडे में शामिल है और इसके पारित होने के बाद यह नियम लागू हो जाएगा.
ये भी पढ़ें : DU में हो सकता है 'मानवता व धर्म के लिए गीता' का पेपर, हिंदू अध्ययन केंद्र का प्रस्ताव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.