नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दरअसल आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक में एक प्रस्ताव पास होना लगभग तय माना जा रहा है. प्रस्ताव के अनुसार छह साल पुरानी डिग्री और मार्कशीट में कोई छात्र करेक्शन कराता है तो उसको एक हजार रूपये फीस देनी होगी. वहीं, अगर छह साल से अधिक पुरानी डिग्री में कोई छात्र करेक्शन कराना चाहता है तो उसको दो हजार रूपये फीस के रूप में डीयू की एग्जामिनेशन ब्रांच को भुगतान करना होगा.
परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छात्रों से डिग्रियां और मार्कशीट में किसी भी तरह के करेक्शन का कोई शुल्क नहीं लिया जाता था. लेकिन, आज इस प्रस्ताव के पास होने के बाद करेक्शन के लिए शुल्क लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. परीक्षा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार यह नियम इसलिए लागू किया जा रहा है, क्योंकि पिछले पांच छह साल से डीयू में समर्थ पोर्टल के द्वारा सभी छात्र अपने और अपने माता-पिता के नाम से संबंधित जानकारी खुद ही भरते हैं. साथ ही वह अपना फोटो भी खुद ही अपडेट करते हैं.
सारी जानकारी सही भरने की जिम्मेदारी अब छात्रों की है. अगर छात्र खुद से इस जानकारी को भरने में कोई गलती करते हैं तो उसका खामियाजा स्वयं उनको ही करेक्शन शुल्क के रूप में भुगतना होगा. इसलिए यह करेक्शन शुल्क का नियम अब लागू करने की तैयारी है. परीक्षा नियंत्रक गुरप्रीत टूटेजा ने बताया कि इससे पहले परीक्षा शाखा के द्वारा ही छात्रों के माता-पिता, उनका नाम और फोटो लगाया जाता था और डिग्री व मार्कशीट को प्रिंट कराया जाता था. इसलिए तब परीक्षा शाखा की किसी भी तरह की त्रुटि होने की जिम्मेदारी होती थी. इसलिए अब तक बिना किसी शुल्क के छात्रों को उनकी डिग्री और मार्कशीट में करेक्शन करके दिया जाता था.
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लेकिन, अब जब करीब पांच-छह साल पहले समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्रों से जानकारी लेना शुरू किया गया है. इसलिए करेक्शन शुल्क लेने का नियम भी 6 साल पुरानी मार्कशीट या डिग्री से ही शुरू किया जा रहा है. वहीं, अगर विश्वविद्यालय के स्तर पर छात्र-छात्राओं की मार्कशीट यहां डिग्री में कोई गलती पाई जाती है तो उसको विश्वविद्यालय निशुल्क ही ठीक करके देगा. करेक्शन शुल्क लागू करने का यह प्रस्ताव आज हो रही अकादमिक परिषद की बैठक के एजेंडे में शामिल है और इसके पारित होने के बाद यह नियम लागू हो जाएगा.
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