अयोध्या: 500 वर्ष में पहली बार राम मंदिर में भव्य तरीके से मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस मौके पर भव्य राम मंदिर में रामलला को दही, घी के साथ खिचड़ी, पापड़ और अचार का भोग लगाया जायेगा. 22 जनवरी को रामलला के विराजमान होने के बाद पहले मकर संक्रांति का उत्सव पड़ रहा है. इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बड़ी तैयारी की है. ट्रस्ट के मुताबिक, रामलला को भोग लग जाने के बाद दुर्धरा से आने वाली सभी श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसाद खिलाई जाएगी. इसके लिए राम मंदिर के निकास द्वार अंगद टीला पर श्री रामलला की रसोई चलाई जा रही है.
मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान सूर्य के उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. हमारे देश का यह एक बहुत बड़ा पर्व है. अलग-अलग प्रांतो में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. उत्तर भारत में मकर संक्रांति के रूप में यह पर्व जाना जाता है. आज भगवान रामलला को खिचड़ी का भोग लगाए जाएगा. उन्हें खिचड़ी के साथ घी, दही, अचार, पापड़ और तिल से बने व्यंजन उन्हें विधि विधान के साथ भोग लगाया जाएगा. इसके बाद यह प्रसाद राम भक्तों में अर्पित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 500 वर्ष के बाद यहां ऐसा अद्भुत समय आया है कि जब रामलला अपने दिव्या मंदिर में विराजमान है. पहली बार इस तरह का नजारा दिखाई देगा.
मुख्य अर्चक ने बताया कि पौष पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या में ब्रह्ममुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पावन सलिला सरयू में स्नान कर राम जन्म भूमि, नागेश्वर नाथ, कनक भवन सहित अन्य मंदिरों में पूजा,अर्चना के साथ ही दान कर पूज्य अर्जित किया. सभी मंदिरों में उत्सव जैसा वातावरण है. दूर दराज से आने वाली श्रद्धालु यहां की व्यवस्था और सुविधाओं को देखकर अभिभूत हुए.
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के तीसरे और आखिरी दिन रामनगरी अयोध्या में भक्तों का तांता लगा रहा. भोर से ही सरयू तट से लेकर राम मंदिर तक जय श्री राम का जय घोष गुंजाय मान होता रहा. पौष शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर जहां बड़ी संख्या में भक्त सरयू किनारे स्नान और पूजन करते नजर आए, तो वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सूर्य उत्तरायण होने और देवताओं का दिन प्रारंभ होने पर आज से अब शुभ कार्य भी प्रारम्भ हो जायेंगे. इस अवसर पर अयोध्या में पवित्र सरयू में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि मोक्षदायिनी सरयू में स्नान करने से जन्म जन्मान्तर के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा ये भी जाता है कि आज के दिन अयोध्या में दान से स्वास्थ्य लाभ की भी प्राप्ति होती है. इसीलिये सप्तपुरियों में मस्तक कही जाने वाले अयोध्या में पौष पूर्णिमा के दिन स्नान करने दूर दराज़ से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते है.
500 वर्ष बाद पहली बार राम मंदिर में मनाई जाएगी मकर संक्रांति, रामलला को लगेगा खिचड़ी का भोग - MAKAR SANKRANTI 2025
रामलला को खिचड़ी के साथ घी, दही, अचार, पापड़ और तिल से बने व्यंजन उन्हें विधि विधान के साथ भोग लगाया जाएगा
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jan 13, 2025, 9:15 PM IST
अयोध्या: 500 वर्ष में पहली बार राम मंदिर में भव्य तरीके से मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस मौके पर भव्य राम मंदिर में रामलला को दही, घी के साथ खिचड़ी, पापड़ और अचार का भोग लगाया जायेगा. 22 जनवरी को रामलला के विराजमान होने के बाद पहले मकर संक्रांति का उत्सव पड़ रहा है. इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बड़ी तैयारी की है. ट्रस्ट के मुताबिक, रामलला को भोग लग जाने के बाद दुर्धरा से आने वाली सभी श्रद्धालुओं को खिचड़ी प्रसाद खिलाई जाएगी. इसके लिए राम मंदिर के निकास द्वार अंगद टीला पर श्री रामलला की रसोई चलाई जा रही है.
मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान सूर्य के उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. हमारे देश का यह एक बहुत बड़ा पर्व है. अलग-अलग प्रांतो में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. उत्तर भारत में मकर संक्रांति के रूप में यह पर्व जाना जाता है. आज भगवान रामलला को खिचड़ी का भोग लगाए जाएगा. उन्हें खिचड़ी के साथ घी, दही, अचार, पापड़ और तिल से बने व्यंजन उन्हें विधि विधान के साथ भोग लगाया जाएगा. इसके बाद यह प्रसाद राम भक्तों में अर्पित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 500 वर्ष के बाद यहां ऐसा अद्भुत समय आया है कि जब रामलला अपने दिव्या मंदिर में विराजमान है. पहली बार इस तरह का नजारा दिखाई देगा.
मुख्य अर्चक ने बताया कि पौष पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या में ब्रह्ममुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पावन सलिला सरयू में स्नान कर राम जन्म भूमि, नागेश्वर नाथ, कनक भवन सहित अन्य मंदिरों में पूजा,अर्चना के साथ ही दान कर पूज्य अर्जित किया. सभी मंदिरों में उत्सव जैसा वातावरण है. दूर दराज से आने वाली श्रद्धालु यहां की व्यवस्था और सुविधाओं को देखकर अभिभूत हुए.
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के तीसरे और आखिरी दिन रामनगरी अयोध्या में भक्तों का तांता लगा रहा. भोर से ही सरयू तट से लेकर राम मंदिर तक जय श्री राम का जय घोष गुंजाय मान होता रहा. पौष शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर जहां बड़ी संख्या में भक्त सरयू किनारे स्नान और पूजन करते नजर आए, तो वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि सूर्य उत्तरायण होने और देवताओं का दिन प्रारंभ होने पर आज से अब शुभ कार्य भी प्रारम्भ हो जायेंगे. इस अवसर पर अयोध्या में पवित्र सरयू में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि मोक्षदायिनी सरयू में स्नान करने से जन्म जन्मान्तर के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा ये भी जाता है कि आज के दिन अयोध्या में दान से स्वास्थ्य लाभ की भी प्राप्ति होती है. इसीलिये सप्तपुरियों में मस्तक कही जाने वाले अयोध्या में पौष पूर्णिमा के दिन स्नान करने दूर दराज़ से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते है.