पटना: बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. वहीं जनता को अपने पक्ष में करने के लिए सभी दलों ने मुफ्त योजनाओं का वादा करना भी शुरू कर दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि माई बहिन मान योजना के तहत 2025 में बिहार में अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार की महिलाओं को भी 2500 रुपया दिया जायेगा. तेजस्वी यादव की घोषणा पर सियासत शुरू हो गई है.
तेजस्वी की घोषणा पर बिहार में सियासत: बिहार बीजेपी की प्रवक्ता सुषमा साहू ने तेजस्वी यादव की घोषणा पर तंज करते हुए कहा कि कथनी और करनी में फर्क आरजेडी का परिचय रहा है. अब तेजस्वी यादव महिलाओं और बहनों को 2500 सहायता देने की बात कह रहे हैं, लेकिन कुछ दिन पहले ही उनके पिताजी ने बिहार के मुख्यमंत्री के महिला संवाद यात्रा पर कहा था कि यह आंख सेकने के लिए यात्रा कर रहे हैं.
"बिहार की महिलाओं और बेटियों के लिए कितनी घृणित सोच इन लोगों की है. बिहार में जब-जब इनका परिवार सत्ता में रहा है. तब तक महिलाओं पर क्या-क्या अत्याचार हुआ है सब उन्हें देखा है. उनके परिवार के शासनकाल में महिलाओं पर क्या-क्या जुल्म हुए यह यहां की महिलाएं आज भी अपने सीने में दबा कर रखी है. बिहार की बेटी और महिला तेजस्वी यादव के झूठे वादे पर भरोसा नहीं करेगी."- सुषमा साहू, प्रवक्ता, बीजेपी
मुगालते में जी रहा विपक्ष: जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री मुगालते में जी रहे हैं. झूठे राजनीतिक घोषणा करना इन लोगों की फितरत हो गई है. जब बिहार के लोगों ने इन लोगों को सत्ता में आने का मौका दिया था तब यह लोग सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाने में लग गए. बेटा-बेटी और पत्नी से आगे यह लोग सोच ही नहीं पाए.
"बिहार के लोग अब इन लोगों के झांसे से में नहीं आने वाले. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सुदृढ़ हुई है. बिहार की महिलाओं को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के कारण हुआ है. आवाम की खुशहाली घोषणा से नहीं काम करने से होता है जो काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है." -अंजुम आरा, प्रवक्ता, जदयू
महिलाओं को आरक्षण देने की सोच राजद की थी: राजद की प्रवक्ता सारिका पासवान का मानना है कि जेडीयू और बीजेपी आधी आबादी को ठगने का काम करती रही है. इन लोगों को पता है कि बिहार में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया. वह राबड़ी देवी के शासनकाल में दिया शुरू हुआ था. महिलाओं को आरक्षण देने की सोच राजद की थी और राजद के शासनकाल में ही यह शुरू हुआ. महिलाओं को दो दिन का विशेष अवकाश राबड़ी देवी के शासनकाल में ही शुरू किया गया. राष्ट्रीय जनता दल के शासनकाल में ही वृद्धावस्था पेंशन दुगुना किया गया.
"बीजेपी और जदयू के लोग सिर्फ गाल बजाना जानते हैं. शराबबंदी के कार्य में जिन महिलाओं की मांगे सुनी हो गई. उन महिलाओं से कभी संवाद करने नहीं गए. तेजस्वी यादव ने महिलाओं एवं बहनों के लिए जितना सोचा है और किया है. यह सबों ने देखा है. तेजस्वी यादव की घोषणा के बाद भाजपा और जदयू के लोग घबरा गए हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में इन लोगों की बोरिया बिस्तर बंद होने वाली है." - सारिका पासवान, प्रवक्ता, राजद
कई राज्यों में चल रही है योजना: आपको बता दें कि महिलाओं के लिए कई राज्यों में इस तरह की योजना चलाई जा रही है. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने "लाडली बहना योजना" की शुरुआत की थी. जिसका राजनीतिक फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिला. महाराष्ट्र में भी वहां की सरकार ने आधी आबादी के लिए "लाडली बहिन योजना" शुरू किया था. जिसका लाभ महाराष्ट्र की सरकार को पिछले विधानसभा चुनाव में मिला. छत्तीसगढ़ में "महतारी वंदन योजना" का असर दिखा. इस योजना का लाभ वहां भी बीजेपी को मिला.
झारखंड में हेमंत सोरेन को मिला लाभ: हेमंत सोरेन ने झारखंड में महिलाओं के लिए "मंईयां सम्मान योजना" की शुरुआत की. इस योजना का लाभ हेमंत सोरेन की सरकार को मिला और इसी वर्ष हुए चुनाव में उन्हें दूसरी बार सत्ता में आने का मौका मिला. 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने भी महिलाओं के लिए प्रतिमाह 2100 सहायता देने की योजना बनाई. आम आदमी पार्टी को भी बताएं कि महिला वोटो को साधने में इस तरीके की योजना सहायक होती है. यही कारण है कि केजरीवाल ने भी महिला वोटरों को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा की है.
नीतीश कुमार का महिला सशक्तिकरण: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 में सत्ता में आए थे. तब से यदि जीतन राम मांझी के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ ही सत्ता का कमान रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सार्वजनिक मंचों से यह कह चुके हैं कि बिहार में महिला सशक्तिकरण के लिए जितना काम उनकी सरकार ने किया इससे पहले कभी किसी सरकार ने नहीं किया था.
महिलाओं को 50% आरक्षण का लाभ: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में महिलाओं के लिए 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में पंचायत स्तर पर महिलाओं को 50% आरक्षण का लाभ दिया गया. नौकरी में भी महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन की शुरुआत की गई. मेडिकल एवं इंजीनियरिंग में लड़कियों के लिए रिजर्वेशन की शुरुआत की गई. नीतीश कुमार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू किया था.
महिलाओं के लिए अनेक योजना: बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने स्कूली छात्राओं के लिए साइकिल और पोशाक योजना और छात्रवृत्ति की योजना. मैट्रिक से लेकर स्नातक तक की छात्राओं के लिए स्कॉलरशिप योजना. इसके अलावा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला उद्यमी योजना की शुरुआत की गई जिसमें 10 लख रुपए तक लोन की सुविधा का प्रावधान है. महिलाओं को 0% ब्याज पर लोन की सुविधा है उसमें भी 5 लख रुपए तक का सब्सिडी दिया गया है.
लालू प्रसाद के बयान पर सियासत: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय ने बताया कि तेजस्वी यादव ने इस योजना के बहाने एक तीर से दो निशाना साधने का प्रयास किया है. पहले कुछ दिन पहले उनके पिताजी ने मुख्यमंत्री के महिला संवाद यात्रा को लेकर एक विवादित बयान दिया था. लालू प्रसाद के बयान पर सियासत भी हो रही है. तेजस्वी यादव ने अपनी योजना के माध्यम से पिताजी के बयान पर हो रही राजनीति का ध्यान हटाने की कोशिश की. तेजस्वी का दूसरा निशान है कि उन्हें पता है कि महिलाएं अब चुनाव में बढ़ कर हिस्सा ले रही है. इस घोषणा के बाद महिलाओं का वोट उन्हें मिलेगा.
"तेजस्वी यादव ने राजनीतिक लाभ को देखते हुए यह घोषणा की है. उनके माता-पिता के 15 वर्षों के शासनकाल में जिस तरीके से बिहार की कानून व्यवस्था गिरी थी और महिलाओं के ऊपर अत्याचार हुआ था. वह पीढ़ी आज भी मौजूद है." -सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
क्या है माई बहिन मान योजना: बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने कल दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत में माई बहिन मान योजना की जानकारी दी थी. तेजस्वी यादव ने बिहार की महिलाओं से वादा किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में यदि उनकी सरकार बनती है तो वह बिहार की महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रु देंगें. तेजस्वी यादव ने बताया था कि इस योजना का मकसद होगा महिलाओं एवं बहनों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना.
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