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महेश्वर हजारी को पार्टी की कार्रवाई का भी नहीं है डर! उनके बागी तेवर ने समस्तीपुर में बढ़ाई NDA की मुश्किलें - Lok Sabha Elections 2024

Samastipur Lok Sabha Seat की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गयी है. बिहार सरकार के दो मंत्रियों की साख, दांव पर है. अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी, लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के टिकट पर मैदान में है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार के एक और मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सनी हजारी महागठबंधन की ओर से मैदान में हैं. शांभवी एनडीए की उम्मीदवार हैं तो उसके पिता खुलकर सामने से सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन महेश्वर हजारी के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल हो रहा है. इसके बाद भी, जो खबर आ रही है वो पुत्र को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रखे हैं. ऐसे में उनका राजनीतिक भविष्य किस करवट बैठेगा, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की करीब से नजर है. पढ़िये, विस्तार से.

महेश्वर हजारी
महेश्वर हजारी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 8, 2024, 6:46 PM IST

Updated : May 8, 2024, 7:12 PM IST

मंत्री महेश्वर हजारी के बागी तेवर. (Etv Bharat)

पटना: बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में जदयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी के बागी तेवर ने NDA की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जदयू का एक खेमा महेश्वर हजारी से नाराज है. समस्तीपुर में नीतीश कुमार ने भी जनसभा में महेश्वर हजारी का नाम लिए बिना इशारों में चेतावनी दे दी थी. इन सब के बाद भी महेश्वर हजारी अपने बेटे सनी हजारी के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. खुलकर भले ही सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार की कमान उन्हीं के हाथ में है.

पार्टी कर सकती है कार्रवाईः नीतीश कुमार के नजदीकी एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि महेश्वर हजारी यदि बागी तेवर अपनाते हैं तो उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई भी कर सकती है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महेश्वर हजारी के बेटे चुनाव जीत जाते हैं तो उनका कद बढ़ भी सकता है. महेश्वर हजारी को भी यह पता जरूर होगा कि उनका जो कदम है पार्टी के अंदर उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा चल रही है कि नीतीश कुमार और जदयू कमजोर हुआ है. इसलिए महेश्वर हजारी के खुलकर अपने बेटे के पक्ष में काम करने के बाद भी जदयू की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

बेटे सन्नी के साथ महेश्वर हजारी.
बेटे सन्नी के साथ महेश्वर हजारी. (Etv Bharat)

समस्तीपुर की लड़ाई बनी दिलचस्प: समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में चुनाव होना है. जदयू कोटे के मंत्री महेश्वरी हजारी के बेटे सनी हजारी को कांग्रेस से टिकट मिला है, तो वहीं जदयू के एक और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी को लोजपा रामविलास से टिकट मिला है. भले ही दोनों उम्मीदवार का जदयू से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन लड़ाई एनडीए वर्सेस महागठबंधन है. उसी में पेच फंस रहा है. क्योंकि महेश्वर हजारी अपने बेटे के लिए एनडीए से बागी तेवर अपना लिया है. खुलकर भले ही कोई बयान नहीं दे रहे हैं, लेकिन सनी हजारी के चुनाव प्रचार की पूरी कमान महेश्वर हजारी के पास है. महेश्वर कई दिनों से समस्तीपुर में ही डेरा डाले हुए हैं.

पिता अशोक चौधरी के साथ शांभवी.
पिता अशोक चौधरी के साथ शांभवी. (Etv Bharat)

नीतीश के खिलाफ नहीं जाएंगेः जदयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी ने ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बात करते हुए कहा कि "नीतीश कुमार के खिलाफ हम नहीं जाएंगे. नीतीश कुमार को जो करना है करें, हम उनके साथ ही रहेंगे." बता दें कि महेश्वर हजारी को जदयू ने स्टार प्रचारकों की सूची में पांचवा स्थान दिया है. मधेपुरा का प्रभारी भी बनाया था, लेकिन वो समस्तीपुर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दूसरी तरफ अशोक चौधरी भी नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाते हैं. समस्तीपुर में अपनी बेटी के लिए वो भी डेरा डाले हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रचार कर चुके हैं. दरभंगा में प्रधानमंत्री के साथ अशोक चौधरी की बेटी ने मंच शेयर किया था.

अखिलेश सिंह के साथ सन्नी हजारी.
अखिलेश सिंह के साथ सन्नी हजारी. (Etv Bharat)

"यदि महेश्वर हजारी एनडीए के खिलाफ बागी तेवर अपनाते हैं, तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसके संकेत दिए हैं."- संजय गांधी, जदयू एमएलसी

कमजोर हुआ है जदयूः राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे का कहना है महेश्वर हजारी ने जब बेटे के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है तो उन्हें भी पता है कि आगे क्या कुछ हो सकता है. दूसरी तरफ अशोक चौधरी भी मजबूत नेता हैं. नीतीश कुमार के चहते भी हैं. यदि महेश्वर हजारी के बेटे चुनाव जीत जाते हैं तो महेश्वर हजारी का कद और बड़ा हो जाएगा. यदि उनका बेटा हार जाता है तो आई गई बात हो जाएगी. सुनील पांडे का कहना है कि जदयू में कोई मंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ इस तरह का फैसला पहले नहीं ले सकता था. यह साफ है कि नीतीश कुमार और जदयू कमजोर हुआ है. इसलिए महेश्वर हजारी के खुलकर अपने बेटे के पक्ष में काम करने के बाद भी जदयू की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. चुनाव के बाद देख लेने की बात कही जा रही है.

चिराग पासवान के साथ महेश्वर हजारी.
चिराग पासवान के साथ महेश्वर हजारी. (Etv Bharat)

पार्टी से नाराज हैं महेश्वर हजारीः राजनीतिक सूत्रों के अनुसार महेश्वर हजारी, नीतीश कुमार से पहले से नाराज हैं. 2020 में सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, जबकि अशोक चौधरी को मंत्री बना दिया गया था. बाद में विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया, उससे खुश नहीं थे. इस बार जो मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो महेश्वर हजारी ने नीतीश कुमार से मिलकर अपनी नाराजगी जतायी. इसलिए नीतीश कुमार ने महेश्वर हजारी को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. हालांकि, जो विभाग मिला उससे महेश्वर हजारी अभी भी खुश नहीं हैं.

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Etv Gfx (Etv Bharat)

क्यों नाराज हैं महेश्वर हजारी: महेश्वर हजारी चाहते थे लोजपा आर से चिराग पासवान की पार्टी का टिकट उनके बेटे को मिले. उन्होंने चिराग से मुलाकात भी की थी. लेकिन, बेटे को टिकट दिलवा पाने में सफल नहीं रहे. दूसरी ओर अशोक चौधरी, अपनी बेटी को टिकट दिलाने में सफल रहे. बताया जाता है कि महेश्वर हजारी की नाराजगी की बड़ी वजय यह भी है. महेश्वर हजारी खुलकर भले ही एनडीए के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन समस्तीपुर में उनकी मौजूदगी से ही अशोक चौधरी खेमा असहज है. माना जा रहा है कि महेश्वर हजारी के लिए आने वाला समय जदयू में आसान नहीं होने वाला है.

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Etv Gfx (Etv Bharat)

इसे भी पढ़ेंः महेश्वर हजारी के बेटे को नहीं अशोक चौधरी की बेटी को मिला नीतीश का आशीर्वाद, आज शांभवी के लिए वोट मांगेंगे CM - Nitish Kumar Rally

इसे भी पढ़ेंः समस्तीपुर में नीतीश कुमार के 2 मंत्रियों के बाल-बच्चों में भिड़ंत, 'परिवारवाद' पर फंस गए CM, क्या करेंगे अब? - SAMASTIPUR LOK SABHA SEAT

इसे भी पढ़ेंः चिराग ने नहीं दिया टिकट तो महेश्वर हजारी के बेटे ने कांग्रेस का दामन थामा, पिता बोले- 'हम NDA के साथ हैं' - Maheshwar Hazari Son Joins Congress

इसे भी पढ़ेंः समस्तीपुर में बेटी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अशोक चौधरी ने संभाला मोर्चा, चिराग पासवान का जताया आभार - Lok Sabha Election 2024

इसे भी पढ़ेंः 'मेरी निष्ठा JDU के साथ', मंत्री महेश्वर हजारी बोले- 'बेटा सन्नी को अभी टिकट कहां मिला है, वैसे भी वो बालिग है, फैसला लेने के लिए स्वतंत्र' - LOK SABHA ELECTION 2024

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मंत्री महेश्वर हजारी के बागी तेवर. (Etv Bharat)

पटना: बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में जदयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी के बागी तेवर ने NDA की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जदयू का एक खेमा महेश्वर हजारी से नाराज है. समस्तीपुर में नीतीश कुमार ने भी जनसभा में महेश्वर हजारी का नाम लिए बिना इशारों में चेतावनी दे दी थी. इन सब के बाद भी महेश्वर हजारी अपने बेटे सनी हजारी के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. खुलकर भले ही सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार की कमान उन्हीं के हाथ में है.

पार्टी कर सकती है कार्रवाईः नीतीश कुमार के नजदीकी एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि महेश्वर हजारी यदि बागी तेवर अपनाते हैं तो उनके खिलाफ पार्टी कार्रवाई भी कर सकती है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महेश्वर हजारी के बेटे चुनाव जीत जाते हैं तो उनका कद बढ़ भी सकता है. महेश्वर हजारी को भी यह पता जरूर होगा कि उनका जो कदम है पार्टी के अंदर उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा चल रही है कि नीतीश कुमार और जदयू कमजोर हुआ है. इसलिए महेश्वर हजारी के खुलकर अपने बेटे के पक्ष में काम करने के बाद भी जदयू की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

बेटे सन्नी के साथ महेश्वर हजारी.
बेटे सन्नी के साथ महेश्वर हजारी. (Etv Bharat)

समस्तीपुर की लड़ाई बनी दिलचस्प: समस्तीपुर लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में चुनाव होना है. जदयू कोटे के मंत्री महेश्वरी हजारी के बेटे सनी हजारी को कांग्रेस से टिकट मिला है, तो वहीं जदयू के एक और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी को लोजपा रामविलास से टिकट मिला है. भले ही दोनों उम्मीदवार का जदयू से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन लड़ाई एनडीए वर्सेस महागठबंधन है. उसी में पेच फंस रहा है. क्योंकि महेश्वर हजारी अपने बेटे के लिए एनडीए से बागी तेवर अपना लिया है. खुलकर भले ही कोई बयान नहीं दे रहे हैं, लेकिन सनी हजारी के चुनाव प्रचार की पूरी कमान महेश्वर हजारी के पास है. महेश्वर कई दिनों से समस्तीपुर में ही डेरा डाले हुए हैं.

पिता अशोक चौधरी के साथ शांभवी.
पिता अशोक चौधरी के साथ शांभवी. (Etv Bharat)

नीतीश के खिलाफ नहीं जाएंगेः जदयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी ने ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बात करते हुए कहा कि "नीतीश कुमार के खिलाफ हम नहीं जाएंगे. नीतीश कुमार को जो करना है करें, हम उनके साथ ही रहेंगे." बता दें कि महेश्वर हजारी को जदयू ने स्टार प्रचारकों की सूची में पांचवा स्थान दिया है. मधेपुरा का प्रभारी भी बनाया था, लेकिन वो समस्तीपुर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दूसरी तरफ अशोक चौधरी भी नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाते हैं. समस्तीपुर में अपनी बेटी के लिए वो भी डेरा डाले हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रचार कर चुके हैं. दरभंगा में प्रधानमंत्री के साथ अशोक चौधरी की बेटी ने मंच शेयर किया था.

अखिलेश सिंह के साथ सन्नी हजारी.
अखिलेश सिंह के साथ सन्नी हजारी. (Etv Bharat)

"यदि महेश्वर हजारी एनडीए के खिलाफ बागी तेवर अपनाते हैं, तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसके संकेत दिए हैं."- संजय गांधी, जदयू एमएलसी

कमजोर हुआ है जदयूः राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडे का कहना है महेश्वर हजारी ने जब बेटे के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है तो उन्हें भी पता है कि आगे क्या कुछ हो सकता है. दूसरी तरफ अशोक चौधरी भी मजबूत नेता हैं. नीतीश कुमार के चहते भी हैं. यदि महेश्वर हजारी के बेटे चुनाव जीत जाते हैं तो महेश्वर हजारी का कद और बड़ा हो जाएगा. यदि उनका बेटा हार जाता है तो आई गई बात हो जाएगी. सुनील पांडे का कहना है कि जदयू में कोई मंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ इस तरह का फैसला पहले नहीं ले सकता था. यह साफ है कि नीतीश कुमार और जदयू कमजोर हुआ है. इसलिए महेश्वर हजारी के खुलकर अपने बेटे के पक्ष में काम करने के बाद भी जदयू की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. चुनाव के बाद देख लेने की बात कही जा रही है.

चिराग पासवान के साथ महेश्वर हजारी.
चिराग पासवान के साथ महेश्वर हजारी. (Etv Bharat)

पार्टी से नाराज हैं महेश्वर हजारीः राजनीतिक सूत्रों के अनुसार महेश्वर हजारी, नीतीश कुमार से पहले से नाराज हैं. 2020 में सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, जबकि अशोक चौधरी को मंत्री बना दिया गया था. बाद में विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया गया, उससे खुश नहीं थे. इस बार जो मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो महेश्वर हजारी ने नीतीश कुमार से मिलकर अपनी नाराजगी जतायी. इसलिए नीतीश कुमार ने महेश्वर हजारी को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. हालांकि, जो विभाग मिला उससे महेश्वर हजारी अभी भी खुश नहीं हैं.

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क्यों नाराज हैं महेश्वर हजारी: महेश्वर हजारी चाहते थे लोजपा आर से चिराग पासवान की पार्टी का टिकट उनके बेटे को मिले. उन्होंने चिराग से मुलाकात भी की थी. लेकिन, बेटे को टिकट दिलवा पाने में सफल नहीं रहे. दूसरी ओर अशोक चौधरी, अपनी बेटी को टिकट दिलाने में सफल रहे. बताया जाता है कि महेश्वर हजारी की नाराजगी की बड़ी वजय यह भी है. महेश्वर हजारी खुलकर भले ही एनडीए के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन समस्तीपुर में उनकी मौजूदगी से ही अशोक चौधरी खेमा असहज है. माना जा रहा है कि महेश्वर हजारी के लिए आने वाला समय जदयू में आसान नहीं होने वाला है.

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Last Updated : May 8, 2024, 7:12 PM IST
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