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हिमाचल में है उत्तर भारत का एकमात्र महात्मा गांधी मंदिर, पुण्यतिथि पर लोगों ने दी श्रद्धाजंलि

Mahatma Gandhi Temple in Amboa Himachal Pradesh: आज देशभर में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया जा रहा है और श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में स्थित उत्तर भारत के एकमात्र महात्मा गांधी मंदिर में भी आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और भजन-कीर्तन किया गया. देशभर में महात्मा गांधी के सिर्फ दो ही मंदिर वर्तमान समय में मौजूद हैं.

Mahatma Gandhi Temple in Amboa Himachal Pradesh
Mahatma Gandhi Temple in Amboa Himachal Pradesh
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 2:02 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 10:26 AM IST

Mahatma Gandhi Temple in Amboa Himachal Pradesh

पांवटा साहिब: उत्तर भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एकमात्र मंदिर सिरमौर जिले के अंबोया में स्थित है. हर साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को गांधी मंदिर में परंपरागत तरीके से शहीदी दिवस मनाया जाता है. आज भी सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में मंदिर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए और देश की आजादी में उनके योगदान व उनकी शिक्षाओं को याद किया गया. इस दौरान छात्रों संग लोगों ने यहां पर पूजा पाठ किया.

देशभर में सिर्फ दो मंदिर: अंबोया गांव के किशोरी लाल शर्मा और मदन किशोर ने बताया कि गिरिपार क्षेत्र के अंबोया गांव में यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का देशभर में दूसरा मंदिर है. इसके अलावा, एक मंदिर कर्नाटक में स्थित है. उन्होंने बताया कि दरअसल 1948 में महात्मा गांधी के बलिदान के बाद देशभर में उनके लगभग 75 मंदिर बनाए गए थे, लेकिन वर्तमान समय में देश में उनके सिर्फ दो ही मंदिर मौजूद हैं. एक मंदिर दक्षिण भारत के कर्नाटक में स्थित है तो वहीं, दूसरा मंदिर हिमाचल के अंबोया गांव में स्थित है. उन्होंने बताया कि अंबोया के गांधी मंदिर में हर साल महात्मा गांधी जयंती व उनके पुण्यतिथि पर कार्यक्रम होते हैं.

गांधी भवन में पूजा-अर्चना: आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अंबोया गांव में गांधी मंदिर में ग्रामीणों ने पारंपरिक ढंग से मंदिर में पूजा-अर्चना व भजन कीर्तन कर माहत्मा गांधी को याद किया. गांव के पूर्व प्रधान निशीकांत शर्मा ने बताया कि देशभर में सिर्फ दो ही गांधी मंदिर बचे हैं. जिनमें से एक अंबोया गांव में है. उन्होंने कहा कि आज भी इस मंदिर से युवा पीढ़ी जीवन में आगे बढ़ने के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरणा ले रही है.

किसने बनाया था मंदिर: 90 वर्षीय किशोरी लाल शर्मा ने बताया कि साल 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान के बाद 1949 में देशभर में उनके मंदिरों को बनाने की मुहिम चली थी. बताया जाता है कि इस दौरान देशभर में महात्मा गांधी के लगभग 75 मंदिर बने थे. इसमें से उत्तराखंड के देहरादून और कालसी समेत हिमाचल के पांवटा साहिब में भी महात्मा गांधी का मंदिर बनाया गया था, लेकिन कुछ ही सालों बाद इन मंदिरों का अस्तित्व खत्म हो गया. जबकि अंबोया गांव की कई पीढ़ियों ने 7 दशकों तक ना सिर्फ इस मंदिर को सुरक्षित रखा, बल्कि उस समय पत्थर और छप्पर के बने मंदिर को पक्के भवन के रूप में निर्मित किया. उन्होंने बताया कि गांधी मंदिर के रखरखाव में गांव के लोग अपना ही पैसा खर्च करते हैं.

'भावी पीढ़ियों को दे रहा प्रेरणा': ऐसे में लोगों की मांग है कि सरकार उत्तर भारत में बचे एकमात्र गांधी मंदिर की सुध ले और इसके रखरखाव के लिए कोई कदम उठाए. किशोरी लाल शर्मा, मदन किशोर और तहसीलदार ऋषभ शर्मा का कहना है कि देशभर में महात्मा गांधी के मंदिर खत्म हो गए हैं, लेकिन अंबोया में बना ये गांधी मंदिर आज भी भावी पीढ़ियों को प्रेरणा दे रहा है. उन्होंने अपने गांव की नई पीढ़ियों का आभार व्यक्त किया कि न सिर्फ उन्होंने मंदिर को सुरक्षित रखा, बल्कि समय-समय पर इसका जीर्णोद्धार भी किया.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी

ये भी पढे़ं: क्या होता है अंतरिम बजट ? जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करने वाली हैं.

Mahatma Gandhi Temple in Amboa Himachal Pradesh

पांवटा साहिब: उत्तर भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एकमात्र मंदिर सिरमौर जिले के अंबोया में स्थित है. हर साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को गांधी मंदिर में परंपरागत तरीके से शहीदी दिवस मनाया जाता है. आज भी सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में मंदिर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए और देश की आजादी में उनके योगदान व उनकी शिक्षाओं को याद किया गया. इस दौरान छात्रों संग लोगों ने यहां पर पूजा पाठ किया.

देशभर में सिर्फ दो मंदिर: अंबोया गांव के किशोरी लाल शर्मा और मदन किशोर ने बताया कि गिरिपार क्षेत्र के अंबोया गांव में यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का देशभर में दूसरा मंदिर है. इसके अलावा, एक मंदिर कर्नाटक में स्थित है. उन्होंने बताया कि दरअसल 1948 में महात्मा गांधी के बलिदान के बाद देशभर में उनके लगभग 75 मंदिर बनाए गए थे, लेकिन वर्तमान समय में देश में उनके सिर्फ दो ही मंदिर मौजूद हैं. एक मंदिर दक्षिण भारत के कर्नाटक में स्थित है तो वहीं, दूसरा मंदिर हिमाचल के अंबोया गांव में स्थित है. उन्होंने बताया कि अंबोया के गांधी मंदिर में हर साल महात्मा गांधी जयंती व उनके पुण्यतिथि पर कार्यक्रम होते हैं.

गांधी भवन में पूजा-अर्चना: आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर अंबोया गांव में गांधी मंदिर में ग्रामीणों ने पारंपरिक ढंग से मंदिर में पूजा-अर्चना व भजन कीर्तन कर माहत्मा गांधी को याद किया. गांव के पूर्व प्रधान निशीकांत शर्मा ने बताया कि देशभर में सिर्फ दो ही गांधी मंदिर बचे हैं. जिनमें से एक अंबोया गांव में है. उन्होंने कहा कि आज भी इस मंदिर से युवा पीढ़ी जीवन में आगे बढ़ने के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरणा ले रही है.

किसने बनाया था मंदिर: 90 वर्षीय किशोरी लाल शर्मा ने बताया कि साल 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान के बाद 1949 में देशभर में उनके मंदिरों को बनाने की मुहिम चली थी. बताया जाता है कि इस दौरान देशभर में महात्मा गांधी के लगभग 75 मंदिर बने थे. इसमें से उत्तराखंड के देहरादून और कालसी समेत हिमाचल के पांवटा साहिब में भी महात्मा गांधी का मंदिर बनाया गया था, लेकिन कुछ ही सालों बाद इन मंदिरों का अस्तित्व खत्म हो गया. जबकि अंबोया गांव की कई पीढ़ियों ने 7 दशकों तक ना सिर्फ इस मंदिर को सुरक्षित रखा, बल्कि उस समय पत्थर और छप्पर के बने मंदिर को पक्के भवन के रूप में निर्मित किया. उन्होंने बताया कि गांधी मंदिर के रखरखाव में गांव के लोग अपना ही पैसा खर्च करते हैं.

'भावी पीढ़ियों को दे रहा प्रेरणा': ऐसे में लोगों की मांग है कि सरकार उत्तर भारत में बचे एकमात्र गांधी मंदिर की सुध ले और इसके रखरखाव के लिए कोई कदम उठाए. किशोरी लाल शर्मा, मदन किशोर और तहसीलदार ऋषभ शर्मा का कहना है कि देशभर में महात्मा गांधी के मंदिर खत्म हो गए हैं, लेकिन अंबोया में बना ये गांधी मंदिर आज भी भावी पीढ़ियों को प्रेरणा दे रहा है. उन्होंने अपने गांव की नई पीढ़ियों का आभार व्यक्त किया कि न सिर्फ उन्होंने मंदिर को सुरक्षित रखा, बल्कि समय-समय पर इसका जीर्णोद्धार भी किया.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी

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Last Updated : Jan 31, 2024, 10:26 AM IST
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