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दो दिन होगा महादेव का व्रत और अभिषेक, महादेव को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा - mahashivratri 2024 fast

महाशिवरात्रि 2024 पर दो दिन व्रत और अभिषेक किया जा सकता है. 8 और 9 मार्च को व्रत और अभिषेक के लिए आइए जानते हैं कैसे करें पूजा और भगवान को प्रसन्न.

Mahashivratri 2024
महाशिवरात्रि 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 6, 2024, 6:47 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 8:14 PM IST

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें व्रत और पूजा

भरतपुर. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे. इसीलिए महाशिवरात्रि को मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. लेकिन इस बार श्रद्धालु 2 दिन तक महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना कर विशेष कृपा अर्जित कर सकते हैं. इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च की रात 9.58 बजे से शुरू होगी और 9 मार्च की देर शाम 6.17 बजे तक रहेगी. ऐसे में श्रद्धालु 8 और 9 मार्च को अपनी सुविधा अनुसार व्रत रख सकते हैं. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के इस अवसर पर 8 और 9 मार्च को किस तरह से व्रत रख सकते हैं और किस तरह से भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं.

दोनों दिन व्रत व अभिषेक: पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि 8 मार्च की रात 9.58 बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. ऐसे में श्रृद्धालु 8 मार्च की सुबह से ही शिवालयों में अभिषेक कर व्रत रख सकते हैं. 8 मार्च का व्रत प्रदोष काल का व्रत कहलाएगा. साथ ही रात 9.58 बजे के बाद शिवरात्रि की पूजा का पुण्य भी मिलेगा. इसके अलावा जो श्रृद्धालु प्रदोष काल का व्रत नहीं रख सकते, वो 9 मार्च को शिव चतुर्दशी का व्रत रख सकते हैं. श्रृद्धालु 9 मार्च को भी सुबह से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं.

पढ़ें: महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को, बन रहा खास संयोग, पूजा में इन बातों का रखें ध्यान

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि भगवान शिव की पूजा अर्चना के समय श्रृद्धालु दूध, दही, शहद, फल, बिल्वपत्र, धतूरा चढ़ा सकते हैं. इससे भगवान शिव प्रसन्न होंगे. महाशिव रात्रि के अवसर पर श्रृद्धालु कावड़ लेकर भी आते हैं. ऐसे श्रृद्धालु रात 9.58 बजे के बाद कभी भी कावड़ का गंगाजल महादेव पर चढ़ा सकते हैं.

पढ़ें: Mahashivaratri 2023:जयपुर की बसावट से पहले का है ये शिवलिंग, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

पुत्र, धन प्राप्ति के उपाय: पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में भगवान शिव की आराधना और मनोकामना पूर्ण करने के कई उपाय बताए गए हैं. यदि किसी को पुत्र प्राप्ति की इच्छा है, तो भगवान शिव पर गेंहू चढ़ाकर पूजा करें. इसी तरह धन प्राप्ति के लिए गन्ना का रस चढ़ाएं, सुख शांति के लिए दुग्धाभिषेक करें. शिव चतुर्दशी पर्व के अवसर पर गरीबों को भी अन्न, मिष्ठान्न आदि दान कर पुण्य कमा सकते हैं.

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें व्रत और पूजा

भरतपुर. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे. इसीलिए महाशिवरात्रि को मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. लेकिन इस बार श्रद्धालु 2 दिन तक महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना कर विशेष कृपा अर्जित कर सकते हैं. इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च की रात 9.58 बजे से शुरू होगी और 9 मार्च की देर शाम 6.17 बजे तक रहेगी. ऐसे में श्रद्धालु 8 और 9 मार्च को अपनी सुविधा अनुसार व्रत रख सकते हैं. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के इस अवसर पर 8 और 9 मार्च को किस तरह से व्रत रख सकते हैं और किस तरह से भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं.

दोनों दिन व्रत व अभिषेक: पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि 8 मार्च की रात 9.58 बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी. ऐसे में श्रृद्धालु 8 मार्च की सुबह से ही शिवालयों में अभिषेक कर व्रत रख सकते हैं. 8 मार्च का व्रत प्रदोष काल का व्रत कहलाएगा. साथ ही रात 9.58 बजे के बाद शिवरात्रि की पूजा का पुण्य भी मिलेगा. इसके अलावा जो श्रृद्धालु प्रदोष काल का व्रत नहीं रख सकते, वो 9 मार्च को शिव चतुर्दशी का व्रत रख सकते हैं. श्रृद्धालु 9 मार्च को भी सुबह से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं.

पढ़ें: महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को, बन रहा खास संयोग, पूजा में इन बातों का रखें ध्यान

पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि भगवान शिव की पूजा अर्चना के समय श्रृद्धालु दूध, दही, शहद, फल, बिल्वपत्र, धतूरा चढ़ा सकते हैं. इससे भगवान शिव प्रसन्न होंगे. महाशिव रात्रि के अवसर पर श्रृद्धालु कावड़ लेकर भी आते हैं. ऐसे श्रृद्धालु रात 9.58 बजे के बाद कभी भी कावड़ का गंगाजल महादेव पर चढ़ा सकते हैं.

पढ़ें: Mahashivaratri 2023:जयपुर की बसावट से पहले का है ये शिवलिंग, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

पुत्र, धन प्राप्ति के उपाय: पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में भगवान शिव की आराधना और मनोकामना पूर्ण करने के कई उपाय बताए गए हैं. यदि किसी को पुत्र प्राप्ति की इच्छा है, तो भगवान शिव पर गेंहू चढ़ाकर पूजा करें. इसी तरह धन प्राप्ति के लिए गन्ना का रस चढ़ाएं, सुख शांति के लिए दुग्धाभिषेक करें. शिव चतुर्दशी पर्व के अवसर पर गरीबों को भी अन्न, मिष्ठान्न आदि दान कर पुण्य कमा सकते हैं.

Last Updated : Mar 6, 2024, 8:14 PM IST
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