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इस महाशिवरात्रि पर 72 साल बाद बन रहे कई योग, भक्तों पर बरसेगी शिव की कृपा, जानिए पूजा मुहूर्त

इस बार की महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) 8 मार्च को पड़ रही है. इस बार की महाशिवरात्रि कई मायने में खास है. सही मुहूर्त में की गई शिव की आराधना से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है. ज्योतिषाचार्य ने इस पर विस्तार से जानकारी दी.

Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 9:57 AM IST

वाराणसी : वैसे तो शिवरात्रि हर महीने होती है, इसे मास शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. साल में एक बार पड़ने वाली महाशिवरात्रि इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह उत्सव का पर्व है. इसे हर सनातनी धूमधाम से मनाता है. महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना गया है. इस वर्ष 72 साल बाद कुछ ऐसे अद्भुत योग बन रहे हैं, जो शिवरात्रि को और भी खास बना देंगे. इस दौरान की गई पूजा-पाठ से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसेगी.

ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि पूरे वर्ष में 11 मास शिवरात्रि होती है. मगर फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि महाशिवरात्रि के नाम से विख्यात है. इस दिन बाबा भूत भावन भोलेनाथ का शुभ मंगल विवाह उत्सव पार्वती जी के साथ संपन्न हुआ था.

सभी देवता देव हैं, लेकिन भोलेनाथ देव नहीं अपितु महादेव हैं. उनकी तपस्या एवं पूजा अर्चना करके कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाते हैं और समस्त प्रकार के ग्रह आदि बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं.

एक साथ कई योग देगा लाभ : ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को है. इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024

इसलिए खास है महाशिवरात्रि : इस बार महाशिवरात्रि पर 72 साल बाद बेहद ही अद्भुत संयोग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव योग, सिद्ध योग और चतुर्ग्रही योग बन रहे हैं. इतना ही नहीं, इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है जो कि मां लक्ष्मी को समर्पित है.

यह है शिवपूजन का सबसे अच्छा समय : महाशिवरात्रि की सही तारीख के लिए पंचांग की सहायता लेनी पड़ेगी. उसके आधार पर इस साल 08 मार्च दिन शुक्रवार को रात 07:38 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. यह तिथि 9 मार्च शनिवार को शाम 05:20 बजे तक रहेगी. महाशिवरात्रि की पूजा के लिए रात्रि का मुहूर्त देखते हैं, जो 8 मार्च को प्राप्त हो रहा है. इस आधार पर महाशिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को है.

निशीथ काल में सिद्धि योग देगा बड़ा लाभ : महाशिवरात्रि पर निशीथ काल की पूजा के वक्‍त सि‍द्धि योग होगा और इस काल में शिव साधना का संपूर्ण फल आपको प्राप्‍त होता है. इस योग में शिव पूजा के लिए किए जाने वाले सभी उपाय बहुत ही असरदार माने जाते हैं. भोले बाबा बहुत जल्‍द आपसे प्रसन्‍न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण करते हैं. आपके सुख में व‍ृद्धि होती है और सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाते हैं.

नक्षत्र और शनि देव का भी मिलेगा साथ : महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र के होने से यह दिन और भी शुभफलदायी बन गया है. श्रवण नक्षत्र के स्‍वामी शनिदेव माने जाते हैं जो कि शिवजी के परम भक्‍त हैं. इसलिए महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह व्रत और भी परमफलदायी हो गया है. श्रवण नक्षत्र में शिव पूजा करने से आपको शिवजी की कृपा का लाभ बहुत ही जल्‍द देखने को मिलता है.

यह भी पढ़ें : बारिश-ओलावृष्टि ने 45 प्रतिशत फसलों को पहुंचाया नुकसान, अब यूपी में 7 दिनों तक साफ रहेगा मौसम

वाराणसी : वैसे तो शिवरात्रि हर महीने होती है, इसे मास शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. साल में एक बार पड़ने वाली महाशिवरात्रि इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह उत्सव का पर्व है. इसे हर सनातनी धूमधाम से मनाता है. महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना गया है. इस वर्ष 72 साल बाद कुछ ऐसे अद्भुत योग बन रहे हैं, जो शिवरात्रि को और भी खास बना देंगे. इस दौरान की गई पूजा-पाठ से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसेगी.

ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि पूरे वर्ष में 11 मास शिवरात्रि होती है. मगर फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि महाशिवरात्रि के नाम से विख्यात है. इस दिन बाबा भूत भावन भोलेनाथ का शुभ मंगल विवाह उत्सव पार्वती जी के साथ संपन्न हुआ था.

सभी देवता देव हैं, लेकिन भोलेनाथ देव नहीं अपितु महादेव हैं. उनकी तपस्या एवं पूजा अर्चना करके कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाते हैं और समस्त प्रकार के ग्रह आदि बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं.

एक साथ कई योग देगा लाभ : ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 को है. इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन किया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

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इसलिए खास है महाशिवरात्रि : इस बार महाशिवरात्रि पर 72 साल बाद बेहद ही अद्भुत संयोग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव योग, सिद्ध योग और चतुर्ग्रही योग बन रहे हैं. इतना ही नहीं, इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है जो कि मां लक्ष्मी को समर्पित है.

यह है शिवपूजन का सबसे अच्छा समय : महाशिवरात्रि की सही तारीख के लिए पंचांग की सहायता लेनी पड़ेगी. उसके आधार पर इस साल 08 मार्च दिन शुक्रवार को रात 07:38 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. यह तिथि 9 मार्च शनिवार को शाम 05:20 बजे तक रहेगी. महाशिवरात्रि की पूजा के लिए रात्रि का मुहूर्त देखते हैं, जो 8 मार्च को प्राप्त हो रहा है. इस आधार पर महाशिवरात्रि 8 मार्च शुक्रवार को है.

निशीथ काल में सिद्धि योग देगा बड़ा लाभ : महाशिवरात्रि पर निशीथ काल की पूजा के वक्‍त सि‍द्धि योग होगा और इस काल में शिव साधना का संपूर्ण फल आपको प्राप्‍त होता है. इस योग में शिव पूजा के लिए किए जाने वाले सभी उपाय बहुत ही असरदार माने जाते हैं. भोले बाबा बहुत जल्‍द आपसे प्रसन्‍न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण करते हैं. आपके सुख में व‍ृद्धि होती है और सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाते हैं.

नक्षत्र और शनि देव का भी मिलेगा साथ : महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र के होने से यह दिन और भी शुभफलदायी बन गया है. श्रवण नक्षत्र के स्‍वामी शनिदेव माने जाते हैं जो कि शिवजी के परम भक्‍त हैं. इसलिए महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह व्रत और भी परमफलदायी हो गया है. श्रवण नक्षत्र में शिव पूजा करने से आपको शिवजी की कृपा का लाभ बहुत ही जल्‍द देखने को मिलता है.

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