मंडी: छोटी काशी मंडी में बाबा भूतनाथ के अद्भुत मक्खन रूपी श्रृंगार के रस्में बीती 8 फरवरी की मध्य रात्रि से जारी है. बाबा भूतनाथ रोजाना अपने भक्तों को अलग-अलग रूपों में दर्शन दे रहे हैं. इसी कड़ी में 18वें दिन छोटी काशी मंडी के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ भगवान रामनाथी के रूप में प्रकट हुए. भगवान रामनाथी का मंदिर गोवा में रामनाथिम बांदिवाडे में स्थित है. इसे रामनाथी मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर विष्णु और शिव के मिलन का दिव्य प्रतीक यह मंदिर है.
भगवान श्री राम ने क्यों की थी शिव के इस रूप की पूजा?
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार रावण को मारने और सीता के साथ लंका से लौटने के बाद भगवान राम ने एक ब्राह्मण की हत्या के लिए शिव से क्षमा मांगने का फैसला लिया, क्योंकि रावण महर्षि पुलस्त्य का वंशज और वेदों का ज्ञाता था. ब्राह्मण हत्या के पाप के प्रायश्चित के लिए श्री राम ने भगवान शिव की आराधना की और गोवा के रामनाथिम बांदिवाडे में शिवलिंग की स्थापना की.
भगवान रामनाथी के रूप में बाबा भूतनाथ का श्रृंगार
महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि रामनाथिम में स्थित भगवान रामनाथी का मंदिर आज भी हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. सोमवार को छोटी काशी मंडी के बाबा भूतनाथ का भगवान रामनाथी के रूप में श्रृंगार किया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूरा दिन मंदिर में आकर भगवान भोलेनाथ के इस स्वरूप के दर्शन किए.
1 माह तक नहीं किया जाएगा जलाभिषेक
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि मंडी शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ को माखन लेप चढ़ाने की परंपरा का इतिहास सदियों पुराना है. मान्यता है कि मक्खन चढ़ाने की परंपरा 1527 ई. से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है. इस बार शिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी. इसलिए शिवरात्रि से ठीक एक माह पहले बाबा भूतनाथ मंदिर में घृत मंडल श्रृंगार की रस्में शुरू हो जाती हैं. इस दौरान 1 महीने तक बाबा भूतनाथ का देश-विदेश के प्रमुख शिवालयों व मंदिरों के रूप में श्रृंगार किया जाता है. इस 1 माह की समय अवधि में बाबा भूतनाथ का जलाभिषेक नहीं किया जाता है.