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लावारिसों की मदद के लिए उदयपुर की इस अस्पताल ने शुरू की खास मुहिम - Unique Initiative - UNIQUE INITIATIVE

Unique Initiative, उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल की ओर से एक खास मुहिम शुरू की गई है, जिसके तहत बेसहारों और लावारिसों को समुचित उपचार मुहैया कराने के साथ ही उन्हें इलाज के बाद घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. वहीं, इस मुहिम को 'अस्पताल मित्र' नाम दिया गया है.

Unique Initiative
महाराणा भूपाल अस्पताल की मुहिम (ETV BHARAT Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 16, 2024, 4:57 PM IST

Updated : May 16, 2024, 5:15 PM IST

एमबी अस्पताल के अधीक्षक आरएल सुमन (ETV BHARAT Udaipur)

उदयपुर. दक्षिणी राजस्थान के महाराणा भूपाल अस्पताल की ओर से एक अनूठी पहल की गई है. इसके तहत बेसहारों और लावारिसों को समुचित उपचार मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही स्वस्थ होने के उपरांत उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है. दरअसल, इसके लिए एमबी अस्पताल की ओर से एक ग्रुप बनाया गया है, जिसका नाम 'अस्पताल मित्र' रखा गया है, जो निर्धन और अनाथ लोगों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का काम कर रहा है.

अस्पताल ने शुरू की मुहिम : एमबी अस्पताल के अधीक्षक आरएल सुमन ने बताया कि इस साल अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने मिलकर लावारिस और अनाथ लोगों के लिए एक मुहिम शुरू की है. इसके तहत ऐसे लोगों का संपूर्ण इलाज किया जा रहा है, जो अनाथ और बेसहारा हैं. वहीं, उपचार के बाद उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी अस्पताल की ओर से की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 30 से ज्यादा ऐसे मरीजों को चिकित्सकीय मदद मुहैया कराई जा चुकी है.

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उन्होंने बताया कि कई बार अस्पताल के अंदर भी लावारिस मरीज भर्ती हो जाते थे. ऐसे में कई तरह की दिक्कतें पेश आती थी. यही वजह है कि अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों ने 'अस्पताल मित्र' मुहिम की शुरुआत की. वहीं, एक टीम बनाई गई, जो ऐसे मरीजों की मदद को हर वक्त तत्पर रहती है.

ऐसे काम करती है अस्पताल मित्र टीम : अधीक्षक ने बताया कि जब कोई भी लावारिस और बेसहारा मरीज अस्पताल में आता है तो अस्पताल की टीम इस ग्रुप को इसकी सूचना देती है. उसके बाद केयरटेकर लगाकर मरीज का ध्यान रखा जाता है. वहीं, ऐसे मरीजों को स्वास्थ्य संबंधित जो भी समस्याएं होती हैं, उनका निदान करने के बाद उनको भोजन समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है. हालांकि, जब वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं तब उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों का सोशल मीडिया ग्रुप और नेटवर्क के आधार पर पता किया जाता है.

इसे भी पढ़ें - जिंदगी मिली दोबारा ! दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चे हृदयांश को लगा दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन - Injection Of 17 Crore Saved Baby

अधीक्षक ने बताया कि पिछले दिनों बिहार निवासी एक मजदूर उदयपुर में काम करने के लिए आया था, लेकिन अचानक उसका स्वास्थ्य खराब हो गया. वो पिछले 3-4 साल से अपने घर से बाहर रह रहा था. ऐसे में अस्पताल की ओर से मजदूर का पूरी तरह से इलाज किया गया और फिर उसके घर के बारे में पता कर उसे वहां पहुंचाया गया. इस बीच उसे उसके घर तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप की मदद ली गई और उनसे मजदूर से संबंधित जानकारी साझा की गई.

Unique Initiative
महाराणा भूपाल अस्पताल की खास मुहिम (ETV BHARAT Udaipur)

4 माह में 30 से ज्यादा मरीजों की मदद : अधीक्षक ने बताया कि इस तरह के कई अन्य मामले भी सामने आए. कुछ दिनों पहले ही उदयपुर के वल्लभनगर इलाके में एक शख्स सड़क हादसे में जख्मी हो गया, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, हादसे की सूचना जख्मी शख्स के परिजनों को नहीं थी. इसके बावजूद अस्पताल की ओर से उस शख्स का पूरी तरह से इलाज किया गया और स्वस्थ होने के बाद पुलिस की मदद से उसे घर तक पहुंचाया गया. आगे उन्होंने बताया कि फिलहाल तक बीते चार माह में 30 से ज्यादा ऐसे मरीजों को उपचार संबंधी मदद मुहैया कराई गई है और आगे भी हमारा यह प्रयास जारी रहेगा.

एमबी अस्पताल के अधीक्षक आरएल सुमन (ETV BHARAT Udaipur)

उदयपुर. दक्षिणी राजस्थान के महाराणा भूपाल अस्पताल की ओर से एक अनूठी पहल की गई है. इसके तहत बेसहारों और लावारिसों को समुचित उपचार मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही स्वस्थ होने के उपरांत उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है. दरअसल, इसके लिए एमबी अस्पताल की ओर से एक ग्रुप बनाया गया है, जिसका नाम 'अस्पताल मित्र' रखा गया है, जो निर्धन और अनाथ लोगों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का काम कर रहा है.

अस्पताल ने शुरू की मुहिम : एमबी अस्पताल के अधीक्षक आरएल सुमन ने बताया कि इस साल अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने मिलकर लावारिस और अनाथ लोगों के लिए एक मुहिम शुरू की है. इसके तहत ऐसे लोगों का संपूर्ण इलाज किया जा रहा है, जो अनाथ और बेसहारा हैं. वहीं, उपचार के बाद उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी अस्पताल की ओर से की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 30 से ज्यादा ऐसे मरीजों को चिकित्सकीय मदद मुहैया कराई जा चुकी है.

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उन्होंने बताया कि कई बार अस्पताल के अंदर भी लावारिस मरीज भर्ती हो जाते थे. ऐसे में कई तरह की दिक्कतें पेश आती थी. यही वजह है कि अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों ने 'अस्पताल मित्र' मुहिम की शुरुआत की. वहीं, एक टीम बनाई गई, जो ऐसे मरीजों की मदद को हर वक्त तत्पर रहती है.

ऐसे काम करती है अस्पताल मित्र टीम : अधीक्षक ने बताया कि जब कोई भी लावारिस और बेसहारा मरीज अस्पताल में आता है तो अस्पताल की टीम इस ग्रुप को इसकी सूचना देती है. उसके बाद केयरटेकर लगाकर मरीज का ध्यान रखा जाता है. वहीं, ऐसे मरीजों को स्वास्थ्य संबंधित जो भी समस्याएं होती हैं, उनका निदान करने के बाद उनको भोजन समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है. हालांकि, जब वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं तब उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों का सोशल मीडिया ग्रुप और नेटवर्क के आधार पर पता किया जाता है.

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अधीक्षक ने बताया कि पिछले दिनों बिहार निवासी एक मजदूर उदयपुर में काम करने के लिए आया था, लेकिन अचानक उसका स्वास्थ्य खराब हो गया. वो पिछले 3-4 साल से अपने घर से बाहर रह रहा था. ऐसे में अस्पताल की ओर से मजदूर का पूरी तरह से इलाज किया गया और फिर उसके घर के बारे में पता कर उसे वहां पहुंचाया गया. इस बीच उसे उसके घर तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप की मदद ली गई और उनसे मजदूर से संबंधित जानकारी साझा की गई.

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महाराणा भूपाल अस्पताल की खास मुहिम (ETV BHARAT Udaipur)

4 माह में 30 से ज्यादा मरीजों की मदद : अधीक्षक ने बताया कि इस तरह के कई अन्य मामले भी सामने आए. कुछ दिनों पहले ही उदयपुर के वल्लभनगर इलाके में एक शख्स सड़क हादसे में जख्मी हो गया, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, हादसे की सूचना जख्मी शख्स के परिजनों को नहीं थी. इसके बावजूद अस्पताल की ओर से उस शख्स का पूरी तरह से इलाज किया गया और स्वस्थ होने के बाद पुलिस की मदद से उसे घर तक पहुंचाया गया. आगे उन्होंने बताया कि फिलहाल तक बीते चार माह में 30 से ज्यादा ऐसे मरीजों को उपचार संबंधी मदद मुहैया कराई गई है और आगे भी हमारा यह प्रयास जारी रहेगा.

Last Updated : May 16, 2024, 5:15 PM IST
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