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महाकुंभ 2025: बनारस के फूलों से संवर रही संगमनगरी, लगाए जा रहे 2 करोड़ के 15 लाख से ज्यादा पौधे - MAHAKUMBH 2025

तीन महीने पहले से थी तैयारी. बड़े पैमाने पर पुष्प वाटिका व रंग-बिरंगे पौधों की क्यारियां, गमले लगाए जाने का है सरकार का प्लान.

महाकुंभ 2025.
महाकुंभ 2025. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 8, 2024, 12:42 PM IST

वाराणसी: महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है. संगमनगरी को पौराणिक स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है. इस सजावट में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से सहयोग लिया जा रहा है. इसमें बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी भी पीछे नहीं है. काशी जहां एक ओर महाकुंभ के मेहमानों की मेजबानी करेगी तो वहीं दूसरी ओर बनारस के फूलों से संगमनगरी महकेगी. जी हां, बनारस की नर्सरी से लगभग 15 लाख से ज्यादा पौधों को संगमनगरी भेजा गया है, जिससे वहां पूरे शहर को सजाया जा सके. कीमत की बात करें तो यह 2 करोड़ से ज्यादा की है.

बनारस के फूलों से संवर रही संगमनगरी. (Video Credit; ETV Bharat)

बनारस को उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नर्सरियों में गिना जाता है और यहां से तैयार फूलों को देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता है. ऐसे में महाकुंभ में भी काशी की नर्सरी में बड़ी संख्या में पौधों को तैयार करने के ऑर्डर मिले हैं. लगभग 15 लाख पौधों को को तैयार किया गया है,जिससे संगम नगरी को सजाने की शुरुआत भी हो चुकी है. यह पौधे कुंभ स्थल से लेकर के शहर के पार्क, सड़क, चौराहे एयरपोर्ट, हाईकोर्ट वह अलग-अलग इलाकों को खूबसूरत बनाएंगे.

तीन महीने पहले से तैयारी: इस बारे में बनारस के नर्सरी संचालक दिनेश मौर्य बताते हैं कि, बीते 3 महीने पहले से ही पौधे को उगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. हमारे पास 10 लाख से ज्यादा पौधों के आर्डर आए थे, जिसे हम गमले में लगाकर पूरे शहर को अलग-अलग तरीके से सजा रहे हैं. इसमें आकृतियों को भी बनाया जा रहा है, जो देखने में बेहद आकर्षक लग रहे हैं. बताया कि इनमें सर्दियों के मौसम में उगने वाले अधिकतर फूल हैं और इसके साथ ही उन पौधों का चयन किया गया है, जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा है.

ये सजावटी पौधे हैं शामिल: बताते हैं कि इसमें विल, गुलाब, कामिनी, चांदनी, गुलदाउदी, डहेलिया मेरीगोल्ड, नीरियम, गेंदा, जाफरी इन, द फ्रेंच,हाइब्रिड सुंदरी फ्लावर, एरिका पाम,स्पिंडल लिली,पीस लिली, बंबू, धनलक्ष्मी, विष्णु, कमल,रेड मानचिरा इत्यादि सजावटी पौधों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली के राजपथ, इंडिया गेट, समाधि स्थल, राष्ट्रपति भावन में भी बनारस के फूलों से ही सजावट की जा रही है.

साढ़े सात करोड़ के फूलों से सज रही कुम्भ नगरी: ग़ौरतलब है कि, महाकुंभ में स्वच्छता और सुंदरता को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पुष्प वाटिका व रंग-बिरंगे पौधों की क्यारियां, गमला लगाए जाने का प्रदेश सरकार का प्लान है. जिसके तहत बाकायदा साढ़े सात करोड़ रुपए का बजट भी रखा गया है और इसके तहत 26 लाख से ज्यादा गमले में मौसमी फूलों को लगाए जाने की योजना है. इसी के तहत वाराणसी को लगभग 2 करोड़ रुपए तक के पेड़ों का ऑर्डर दिया गया है. जिसमें लाखों की संख्या में पौधों को तैयार कर कुंभ नगरी में लगाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025: 13 में से कौन है पहला अखाड़ा, जानिए क्या है दावा और मान्यता?

वाराणसी: महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है. संगमनगरी को पौराणिक स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है. इस सजावट में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से सहयोग लिया जा रहा है. इसमें बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी भी पीछे नहीं है. काशी जहां एक ओर महाकुंभ के मेहमानों की मेजबानी करेगी तो वहीं दूसरी ओर बनारस के फूलों से संगमनगरी महकेगी. जी हां, बनारस की नर्सरी से लगभग 15 लाख से ज्यादा पौधों को संगमनगरी भेजा गया है, जिससे वहां पूरे शहर को सजाया जा सके. कीमत की बात करें तो यह 2 करोड़ से ज्यादा की है.

बनारस के फूलों से संवर रही संगमनगरी. (Video Credit; ETV Bharat)

बनारस को उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नर्सरियों में गिना जाता है और यहां से तैयार फूलों को देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता है. ऐसे में महाकुंभ में भी काशी की नर्सरी में बड़ी संख्या में पौधों को तैयार करने के ऑर्डर मिले हैं. लगभग 15 लाख पौधों को को तैयार किया गया है,जिससे संगम नगरी को सजाने की शुरुआत भी हो चुकी है. यह पौधे कुंभ स्थल से लेकर के शहर के पार्क, सड़क, चौराहे एयरपोर्ट, हाईकोर्ट वह अलग-अलग इलाकों को खूबसूरत बनाएंगे.

तीन महीने पहले से तैयारी: इस बारे में बनारस के नर्सरी संचालक दिनेश मौर्य बताते हैं कि, बीते 3 महीने पहले से ही पौधे को उगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. हमारे पास 10 लाख से ज्यादा पौधों के आर्डर आए थे, जिसे हम गमले में लगाकर पूरे शहर को अलग-अलग तरीके से सजा रहे हैं. इसमें आकृतियों को भी बनाया जा रहा है, जो देखने में बेहद आकर्षक लग रहे हैं. बताया कि इनमें सर्दियों के मौसम में उगने वाले अधिकतर फूल हैं और इसके साथ ही उन पौधों का चयन किया गया है, जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा है.

ये सजावटी पौधे हैं शामिल: बताते हैं कि इसमें विल, गुलाब, कामिनी, चांदनी, गुलदाउदी, डहेलिया मेरीगोल्ड, नीरियम, गेंदा, जाफरी इन, द फ्रेंच,हाइब्रिड सुंदरी फ्लावर, एरिका पाम,स्पिंडल लिली,पीस लिली, बंबू, धनलक्ष्मी, विष्णु, कमल,रेड मानचिरा इत्यादि सजावटी पौधों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली के राजपथ, इंडिया गेट, समाधि स्थल, राष्ट्रपति भावन में भी बनारस के फूलों से ही सजावट की जा रही है.

साढ़े सात करोड़ के फूलों से सज रही कुम्भ नगरी: ग़ौरतलब है कि, महाकुंभ में स्वच्छता और सुंदरता को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पुष्प वाटिका व रंग-बिरंगे पौधों की क्यारियां, गमला लगाए जाने का प्रदेश सरकार का प्लान है. जिसके तहत बाकायदा साढ़े सात करोड़ रुपए का बजट भी रखा गया है और इसके तहत 26 लाख से ज्यादा गमले में मौसमी फूलों को लगाए जाने की योजना है. इसी के तहत वाराणसी को लगभग 2 करोड़ रुपए तक के पेड़ों का ऑर्डर दिया गया है. जिसमें लाखों की संख्या में पौधों को तैयार कर कुंभ नगरी में लगाए जा रहे हैं.

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