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महाकुंभ 2025 की तैयारियों में जुटा जूना अखाड़ा, पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना की तारीख तय - Mahakumbh 2025

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 3:49 PM IST

प्रयागराज में जनवरी 2025 को आयोजित होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh 2025 ) के आयोजन को लेकर हर स्तर पर तैयारियां तेज हैं. प्रशासनिक अधिकारी लगातार साधु-संतों और स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक कर रणनीति तय कर रहे हैं. वहीं साधु संत समाज भी तैयारियों में जुटा है. देखें पूरी खबर...

कुंभ की तैयारियों के बाबत बैठक करते साधु संत.
कुंभ की तैयारियों के बाबत बैठक करते साधु संत. (Photo Credit: ETV Bharat)

प्रयागराज : जनवरी 2025 में लगने वाले कुंभ मेला को सफल बनाने के लिए शासन प्रशासन से लेकर साधु संत तक तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में सबसे ज्यादा साधुओं वाले जूना अखाड़ा ने भी तैयारी शुरू कर दी है. जूना अखाड़े ने नगर प्रवेश से लेकर पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना तक की तारीख तैयारी कर ली है. इसी योजना के तहत महाकुंभ के शुरू होने से पहले साधु संतों का आगमन प्रयागराज में शुरू हो जाएगा. महाकुम्भ 2025 का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का है और तीसरा व अंतिम शाही स्नान 3 फरवरी को होगा.


संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर पंचदशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से नगर प्रवेश, शाही पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना की तैयारी शुरू कर दी है. 12 अक्टूबर को होने वाले दशहरा पर्व के बाद जूना अखाड़े के साधु संत प्रयागराज पहुंचने लगेंगे. पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरि का कहना है कि शाही स्नान, धर्मध्वजा की स्थापना, नगर प्रवेश, पेशवाई और रमता पंच के प्रवेश की तारीख तय कर ली गई है. अखाड़े की तरफ से कार्ड छपवाने का काम भी किया जा रहा है.


13 जनवरी से शुरू होगा महाकुम्भ मेला : प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान महाकुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ेगा. 29 जनवरी को दूसरा सबसे बड़ा शाही मौनी अमावस्या होगा और तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी 3 फरवरी को होगा. 12 जनवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ कुम्भ का कल्पवास समाप्त हो जाएगा, लेकिन महाकुंभ में लोगों के आने का सिलसिला 26 फरवरी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि के स्नान पर्व तक जारी रहेगा. महाकुंभ मेला की तैयारियों को लेकर जूना अखाड़े के साधु संतों के आने का सिलसिला विजयदशमी के पर्व के बाद शुरू हो जाएगा. जूना अखाड़े के साधु संत अक्टूबर में दशहरे के बाद प्रयागराज आने लगेंगे और नवंबर महीने में अखाड़े की तरफ से नगर प्रवेश यात्रा निकाली जाएगी. इसके साथ ही दिसंबर में जूना अखाड़े की तरफ से मेला क्षेत्र में धर्मध्वजा की स्थापना और पेशवाई निकाली जाएगी. यही नहीं कुंभ की तैयारियों को लेकर जल्द ही पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से साधु संतों की बैठक होगी और कुंभ को लेकर रणनीति तय की जाएगी.

प्रयागराज : जनवरी 2025 में लगने वाले कुंभ मेला को सफल बनाने के लिए शासन प्रशासन से लेकर साधु संत तक तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में सबसे ज्यादा साधुओं वाले जूना अखाड़ा ने भी तैयारी शुरू कर दी है. जूना अखाड़े ने नगर प्रवेश से लेकर पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना तक की तारीख तैयारी कर ली है. इसी योजना के तहत महाकुंभ के शुरू होने से पहले साधु संतों का आगमन प्रयागराज में शुरू हो जाएगा. महाकुम्भ 2025 का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का है और तीसरा व अंतिम शाही स्नान 3 फरवरी को होगा.


संगम नगरी प्रयागराज में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर पंचदशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से नगर प्रवेश, शाही पेशवाई और धर्मध्वजा की स्थापना की तैयारी शुरू कर दी है. 12 अक्टूबर को होने वाले दशहरा पर्व के बाद जूना अखाड़े के साधु संत प्रयागराज पहुंचने लगेंगे. पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरि का कहना है कि शाही स्नान, धर्मध्वजा की स्थापना, नगर प्रवेश, पेशवाई और रमता पंच के प्रवेश की तारीख तय कर ली गई है. अखाड़े की तरफ से कार्ड छपवाने का काम भी किया जा रहा है.


13 जनवरी से शुरू होगा महाकुम्भ मेला : प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान महाकुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ेगा. 29 जनवरी को दूसरा सबसे बड़ा शाही मौनी अमावस्या होगा और तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी 3 फरवरी को होगा. 12 जनवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ कुम्भ का कल्पवास समाप्त हो जाएगा, लेकिन महाकुंभ में लोगों के आने का सिलसिला 26 फरवरी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि के स्नान पर्व तक जारी रहेगा. महाकुंभ मेला की तैयारियों को लेकर जूना अखाड़े के साधु संतों के आने का सिलसिला विजयदशमी के पर्व के बाद शुरू हो जाएगा. जूना अखाड़े के साधु संत अक्टूबर में दशहरे के बाद प्रयागराज आने लगेंगे और नवंबर महीने में अखाड़े की तरफ से नगर प्रवेश यात्रा निकाली जाएगी. इसके साथ ही दिसंबर में जूना अखाड़े की तरफ से मेला क्षेत्र में धर्मध्वजा की स्थापना और पेशवाई निकाली जाएगी. यही नहीं कुंभ की तैयारियों को लेकर जल्द ही पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से साधु संतों की बैठक होगी और कुंभ को लेकर रणनीति तय की जाएगी.

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