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महाकुंभ 2025; सबसे पहले अखाड़े आवाहन अखाड़े की निकली भव्य पेशवाई, घोड़े, रथ और बग्घियों पर सवार होकर निकले संत - MAHAKUMBH 2025

शाही अंदाज में निकली पेशवाई देखने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े रहे शहरी.

महाकुंभ 2025 में आवाहन अखाड़े की निकली पेशवाई.
महाकुंभ 2025 में आवाहन अखाड़े की निकली पेशवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 22, 2024, 7:09 PM IST

प्रयागराज: श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े ने रविवार को पूरे शाही अंदाज में कुम्भ क्षेत्र में अपनी छावनी में प्रवेश किया. घोड़े, रथ और बग्घियों पर सवार होकर ढोल-नगाड़े और शंख की विजय ध्वनि के साथ संत छावनी तक पहुंचे. संतों के अद्भुत रूप और वैभव को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर शहरियों की भारी भीड़ जमा रही. आगे चल रहे नागा संन्यासियों ने इस दौरान अनोखे करतब दिखाए.

महाकुंभ 2025 में आवाहन अखाड़े की निकली पेशवाई. (Video Credit; ETV Bharat)

हिन्दू सनातन धर्म परम्परा में कुल 13 अखाड़े हैं, जिनकी स्थापना अलग-अलग समय में हुई है. अखाड़ों की परम्परा में सबसे पहले स्थापित हुए श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े ने पूरे शाही अंदाज में कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश किया. नागा साधुओं के साथ हाथी-घोड़े और साधू-संतों के इस जुलुस का जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प अर्पित कर स्वागत किया. इसी के साथ इस अखाड़े के इष्ट देवता श्री गजानन और श्री दतात्रेय स्थापित हो गए. आज से ही इस अखाड़े के साधू-संतों के शिविर कुम्भ क्षेत्र में सजने लग जाएंगे.

रास्ते में साधु-संत भाला, त्रिशूल और तलवार के साथ करतब दिखाते हुए चल रहे थे. ढोल-नगाड़े पर संतों ने जमकर नृत्य किया. शरीर पर भस्म-भभूत के साथ चंदन और तिलक लगाकर साधु-संतों का जत्था हर-हर महादेव के गगनभेदी नारों के साथ आगे बढ़ता रहा. तमाम संत छावनी यात्रा में आकर्षण का केंद्र रहे. यात्रा के मद्देनजर होने वाले यातायात रूट परिवर्तन के संबंध में प्रशासन की ओर से शनिवार को ही एडवाइजरी जारी कर दी गई थी. साथ वैकल्पिक मार्गों के बारे में लोगों को जानकारी दे दी थी. छावनी प्रवेश के दौरान अखाड़े के साधु-संत अपने नवनिर्मित अखाड़ा भवन मड़ौका आश्रम से निकलकर मड़ौका मार्ग होकर पुराना रीवा मार्ग से डांडी तिराहा पहुंचे.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज महाकुंभ 2025, स्थापना से पहले अखाड़ों की धर्म ध्वजा की कैसे होती है सजावट?, पढ़िए डिटेल - AKHARA RELIGIOUS FLAG

प्रयागराज: श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े ने रविवार को पूरे शाही अंदाज में कुम्भ क्षेत्र में अपनी छावनी में प्रवेश किया. घोड़े, रथ और बग्घियों पर सवार होकर ढोल-नगाड़े और शंख की विजय ध्वनि के साथ संत छावनी तक पहुंचे. संतों के अद्भुत रूप और वैभव को देखने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर शहरियों की भारी भीड़ जमा रही. आगे चल रहे नागा संन्यासियों ने इस दौरान अनोखे करतब दिखाए.

महाकुंभ 2025 में आवाहन अखाड़े की निकली पेशवाई. (Video Credit; ETV Bharat)

हिन्दू सनातन धर्म परम्परा में कुल 13 अखाड़े हैं, जिनकी स्थापना अलग-अलग समय में हुई है. अखाड़ों की परम्परा में सबसे पहले स्थापित हुए श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े ने पूरे शाही अंदाज में कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश किया. नागा साधुओं के साथ हाथी-घोड़े और साधू-संतों के इस जुलुस का जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प अर्पित कर स्वागत किया. इसी के साथ इस अखाड़े के इष्ट देवता श्री गजानन और श्री दतात्रेय स्थापित हो गए. आज से ही इस अखाड़े के साधू-संतों के शिविर कुम्भ क्षेत्र में सजने लग जाएंगे.

रास्ते में साधु-संत भाला, त्रिशूल और तलवार के साथ करतब दिखाते हुए चल रहे थे. ढोल-नगाड़े पर संतों ने जमकर नृत्य किया. शरीर पर भस्म-भभूत के साथ चंदन और तिलक लगाकर साधु-संतों का जत्था हर-हर महादेव के गगनभेदी नारों के साथ आगे बढ़ता रहा. तमाम संत छावनी यात्रा में आकर्षण का केंद्र रहे. यात्रा के मद्देनजर होने वाले यातायात रूट परिवर्तन के संबंध में प्रशासन की ओर से शनिवार को ही एडवाइजरी जारी कर दी गई थी. साथ वैकल्पिक मार्गों के बारे में लोगों को जानकारी दे दी थी. छावनी प्रवेश के दौरान अखाड़े के साधु-संत अपने नवनिर्मित अखाड़ा भवन मड़ौका आश्रम से निकलकर मड़ौका मार्ग होकर पुराना रीवा मार्ग से डांडी तिराहा पहुंचे.

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