प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में धर्म और आस्था की अद्भुत धारा देखने को मिल रही है. तंबुओं में विराजमान साधु-संत और संन्यासियों के दर्शन को देश विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. साथ ही कई साधु संतों के कुटिया के सामने प्रसाद के रूप में अजब गजब चीजें दी जा रही हैं. इन्हीं में एक नाम श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणि से जुड़े गुजरात के सिद्धपुर पाटन महाकाली बीड़ मंदिर के महंत देव गिरि का भी हैं. महंत देव गिरि के कुटिया के सामने प्रसाद के रूप में रबड़ी बांटी जा रही है. यही वजह है कि महंत देव गिरि अब रबड़ी बाबा के नाम से प्रसिद्ध भी हो गए हैं.
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणि से जुड़े और गुजरात के सिद्धपुर पाटन महाकाली बीड़ मंदिर के महंत देव गिरि (रबड़ी बाबा) ने बताया कि 2019 के कुंभ मेले में प्रयाजराज आए थे. उसी दौरान प्रसाद के रूप में रबड़ी बांटने का संकल्प लिया. तभी से यह सिलसिला जारी है. इस बार भी महाकुंभ की शुरुआत से ही रबड़ी का प्रसाद बनाकर वितरण किया जा रहा है. प्रतिदिन 130 लीटर दूध से रबड़ी बनाई जाती है. दिनभर कड़ाही चढ़ी रहती है. पूरे दिन रबड़ी बनती और श्रद्धालुओं में बांटी जाती है. रबड़ी का प्रसाद बांटने की वजह से भक्तगण उन्हें प्रेमवश रबड़ी बाबा कहने लगे हैं.
महंत देव गिरि से रबड़ी का प्रसाद लेने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान समेत देश के अलग अलग हिस्सों के भक्त उनके पास पहुंच रहे हैं. बहुत से लोग बाबा के कैंप के बाहर जुटी भीड़ देख कर पहुंच जाते हैं. महाराष्ट्र से आए अश्विनी केलकर और अनिल मौर्या ने बताया कि बाबा की कुटिया के बाहर जुटी भीड़ को देखकर कौतूहल वश आ गया. यहां रबड़ी का प्रसाद मिलने पर काफी अच्छा लगा. बाबा ने आशीष भी दिया. रमेश मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ पर पहली बार प्रसाद के रूप में रबड़ी और आशीर्वाद भी मिला.
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