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दिल्ली कोचिंग हादसा: मज‍िस्‍ट्रेट जांच र‍िपोर्ट में MCD-फायर सर्व‍िस व‍िभाग पर लगे गंभीर आरोप, जानिए - DELHI COACHING CENTRE INCIDENT

दिल्ली कोचिंग हादसे की मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में एमसीडी, फायर सर्विस विभाग पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. राऊ आईएएस स्‍टडी सर्किल के बेसमेंट में अचानक बाढ़ आने की वजह से UPSC के तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई थी.

दिल्ली IAS कोच‍िंग हादसा
दिल्ली IAS कोच‍िंग हादसा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 4:47 PM IST

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली के ओल्‍ड राजेंद्र नगर में यूपीएसई की तैयारी कर रहे तीन स्‍टूडेंट्स की 27 जुलाई को बेसमेंट में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई थी. द‍िल्‍ली की राजस्‍व मंत्री आत‍िशी ने इस घटना की मज‍िस्‍ट्रेट जांच के आदेश दिए थे, ज‍िसकी र‍ि‍पोर्ट आ गई है. मज‍िस्‍ट्रेट जांच र‍िपोर्ट में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस विभाग के स्‍तर पर कई कानूनों का उल्लंघन पाया गया है.

आध‍िकार‍िक सूत्रों के मुताब‍िक, सेंट्रल ड‍िस्‍ट्र‍िक्‍ट डीएम की ओर से आत‍िशी को कोच‍िंग सेंटर की जांच संबंधी रिपोर्ट सौंप द‍िया गया है. र‍िपोर्ट में को‍च‍िंग के ओनर और मैनेजमेंट की ओर से भी स्‍टूडेंट्स की लाइफ की च‍िंता नहीं की गई है. बेसमेंट का खतरनाक तरीके से दुरुपयोग क‍िया गया है, ज‍िसके चलते वो आपराध‍िक लापरवाही के ज‍िम्‍मेदार हैं.

गौरतलब है क‍ि राऊ आईएएस स्‍टडी सर्किल के बेसमेंट में अचानक बाढ़ आने की वजह से तीन अभ्‍यर्थियों की मौत हो गई थी, ज‍िनकी पहचान यूपी की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन के रूप में की गई थी. अब इस मामले में मज‍िस्‍ट्रेट र‍िपोर्ट में खुलासा हुआ है क‍ि हादसे वाली ब‍िल्‍ड‍िंग में नियमों के उल्लंघन के बारे में द‍िल्‍ली नगर न‍िगम और फायर ड‍िपार्टमेंट के अधिकारियों को पहले से जानकारी थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

र‍िपोर्ट में यह भी साफ क‍िया गया है क‍ि ज‍िस ब‍िल्‍ड‍िंग में कोचिंग सेंटर का संचालन क‍िया जा रहा था उसके पास 'ऑफिस व कमर्शियल' यूज की अनुमति थी, जिसके लिए आग संबंधी किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए फायर सर्व‍िस ड‍िपार्टमेंट के अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी, क्योंकि इसका इस्‍तेमाल एजुकेशनल पर्पज के लिए किया जा रहा था. साथ ही इसकी ऊंचाई 9 मीटर से ज्‍यादा थी.

एमसीडी ने 2023 में कोच‍िंग सेंटर को जारी क‍िया था नोट‍िस: एमसीडी की लापरवाही को इस तरह भी र‍िपोर्ट में उजागर क‍िया गया है क‍ि 4 अगस्‍त 2023 में जब मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना सामने आई थी, तो निगम की ओर से कोच‍िंग सेंटर को प्रॉपर्टी के दुरुपयोग का ज‍िक्र करते हुए नोटिस भी इश्‍यू क‍िया गया था.

र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि इस नोट‍िस के बाद भी एमसीडी ने प्रॉपर्टी दुरुपयोग के चलते बेसमेंट को सील नहीं क‍िया. इसके अलावा कारण बताओ नोट‍िस में इसका ज‍िक्र तक नहीं क‍िया गया और दुरुपयोग की असल वजह बताने में गुमराह तक क‍िया गया है. इस सबसे ऐसा लगता है क‍ि एमसीडी के ब‍िल्‍ड‍िंग व‍िभाग के संबंध‍ित इंजीन‍ियरों ने गलत मंशा के साथ जानबूझकर इस तरह का व्‍यवहार इस मामले में अपनाया है.

फायर न‍िरीक्षण के बाद बेसमेंट दुरुपयोग के बारे में एमसीडी को नहीं बताया: र‍िपोर्ट में द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस‍ व‍िभाग की कार्रवाई पर भी बड़े सवाल खड़े क‍िए गए हैं. इसमें ज‍िक्र करते हुए कहा है क‍ि फायर विभाग ने इस 1 जुलाई, 2024 को साइट का निरीक्षण क‍िया था. लाइब्रेरी के रूप में बेसमेंट के दुरुपयोग का जिक्र भी न‍िगम से करने में विफल रहा था.

मज‍िस्‍ट्रेट र‍िपोर्ट में साफ क‍िया गया है क‍ि द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस विभाग को एमपीडी-2021 के ब‍िल्‍ड‍िंग बायलॉज न‍ियमों के उल्लंघन के चलते लाइब्रेरी के रूप में बेसमेंट के दुरुपयोग को छिपाना नहीं चाह‍िए था. बावजूद इसके 9 जुलाई 2024 को फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट को जारी कर द‍िया गया, जो नहीं करना चाहिए था. यह फायर सर्व‍िस व‍िभाग के इंस्‍पेक्‍शन टीम की ओर से गंभीर चूक का मामला है.

एमसीडी ने 5 सालों से नहीं न‍िकाली नालों की गाद: इस र‍िपोर्ट में एमसीडी अधिकारियों की ओर से स्टॉर्म वाटर ड्रेन पर अतिक्रमण को रोकने और गाद निकालने में लापरवाही बरतने के आरोप लगाये हैं. हादसे वाला इलाका निचला है. इसकी वजह से इलाका वाटर लॉगिंग के लिहाज से संवेदनशील था. बावजूद इसके इलाके में स्थित नालों की प‍िछले 5 सालों से गाद नहीं निकाली गई.

साथ ही एमसीडी पर यह भी आरोप लगाए है क‍ि कोचिंग सेंटर की ब‍िल्‍ड‍िंग के सामने सड़क के दोनों ओर नालियों की ड‍िस‍िल्‍ट‍िंग नहीं की गई. र‍िपोर्ट सौंपे जाने के साथ ही ज‍िला मज‍िस्‍ट्रेट की ओर से एमसीडी की ओर से दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक ड‍िटेल इन्‍क्‍वायरी कराने की सिफारिश की गई है.

सीबीआई कर रही पूरे मामले की जांच: द‍िल्‍ली पुल‍िस की ओर से इस मामले में 29 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर ब‍िल्‍ड‍िंग ओनर, कोच‍िंग सेंटर संचालक और एक एसयूवी गाड़ी के चालक को भी अरेस्‍ट क‍िया गया था. यह पूरा मामला कोर्ट के समक्ष व‍िचाराधीन भी है. वहीं, अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट के आदेशों के बाद ही कोच‍िंग सेंटर हादसे की जांच का ज‍िम्‍मा सीबीआई को सौंपा गया था. मंगलवार को सीबीआई की टीम ने साइट पर जाकर मौका मुआयना भी क‍िया था.

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली के ओल्‍ड राजेंद्र नगर में यूपीएसई की तैयारी कर रहे तीन स्‍टूडेंट्स की 27 जुलाई को बेसमेंट में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई थी. द‍िल्‍ली की राजस्‍व मंत्री आत‍िशी ने इस घटना की मज‍िस्‍ट्रेट जांच के आदेश दिए थे, ज‍िसकी र‍ि‍पोर्ट आ गई है. मज‍िस्‍ट्रेट जांच र‍िपोर्ट में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस विभाग के स्‍तर पर कई कानूनों का उल्लंघन पाया गया है.

आध‍िकार‍िक सूत्रों के मुताब‍िक, सेंट्रल ड‍िस्‍ट्र‍िक्‍ट डीएम की ओर से आत‍िशी को कोच‍िंग सेंटर की जांच संबंधी रिपोर्ट सौंप द‍िया गया है. र‍िपोर्ट में को‍च‍िंग के ओनर और मैनेजमेंट की ओर से भी स्‍टूडेंट्स की लाइफ की च‍िंता नहीं की गई है. बेसमेंट का खतरनाक तरीके से दुरुपयोग क‍िया गया है, ज‍िसके चलते वो आपराध‍िक लापरवाही के ज‍िम्‍मेदार हैं.

गौरतलब है क‍ि राऊ आईएएस स्‍टडी सर्किल के बेसमेंट में अचानक बाढ़ आने की वजह से तीन अभ्‍यर्थियों की मौत हो गई थी, ज‍िनकी पहचान यूपी की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के नेविन डेल्विन के रूप में की गई थी. अब इस मामले में मज‍िस्‍ट्रेट र‍िपोर्ट में खुलासा हुआ है क‍ि हादसे वाली ब‍िल्‍ड‍िंग में नियमों के उल्लंघन के बारे में द‍िल्‍ली नगर न‍िगम और फायर ड‍िपार्टमेंट के अधिकारियों को पहले से जानकारी थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

र‍िपोर्ट में यह भी साफ क‍िया गया है क‍ि ज‍िस ब‍िल्‍ड‍िंग में कोचिंग सेंटर का संचालन क‍िया जा रहा था उसके पास 'ऑफिस व कमर्शियल' यूज की अनुमति थी, जिसके लिए आग संबंधी किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए फायर सर्व‍िस ड‍िपार्टमेंट के अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी, क्योंकि इसका इस्‍तेमाल एजुकेशनल पर्पज के लिए किया जा रहा था. साथ ही इसकी ऊंचाई 9 मीटर से ज्‍यादा थी.

एमसीडी ने 2023 में कोच‍िंग सेंटर को जारी क‍िया था नोट‍िस: एमसीडी की लापरवाही को इस तरह भी र‍िपोर्ट में उजागर क‍िया गया है क‍ि 4 अगस्‍त 2023 में जब मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना सामने आई थी, तो निगम की ओर से कोच‍िंग सेंटर को प्रॉपर्टी के दुरुपयोग का ज‍िक्र करते हुए नोटिस भी इश्‍यू क‍िया गया था.

र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि इस नोट‍िस के बाद भी एमसीडी ने प्रॉपर्टी दुरुपयोग के चलते बेसमेंट को सील नहीं क‍िया. इसके अलावा कारण बताओ नोट‍िस में इसका ज‍िक्र तक नहीं क‍िया गया और दुरुपयोग की असल वजह बताने में गुमराह तक क‍िया गया है. इस सबसे ऐसा लगता है क‍ि एमसीडी के ब‍िल्‍ड‍िंग व‍िभाग के संबंध‍ित इंजीन‍ियरों ने गलत मंशा के साथ जानबूझकर इस तरह का व्‍यवहार इस मामले में अपनाया है.

फायर न‍िरीक्षण के बाद बेसमेंट दुरुपयोग के बारे में एमसीडी को नहीं बताया: र‍िपोर्ट में द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस‍ व‍िभाग की कार्रवाई पर भी बड़े सवाल खड़े क‍िए गए हैं. इसमें ज‍िक्र करते हुए कहा है क‍ि फायर विभाग ने इस 1 जुलाई, 2024 को साइट का निरीक्षण क‍िया था. लाइब्रेरी के रूप में बेसमेंट के दुरुपयोग का जिक्र भी न‍िगम से करने में विफल रहा था.

मज‍िस्‍ट्रेट र‍िपोर्ट में साफ क‍िया गया है क‍ि द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस विभाग को एमपीडी-2021 के ब‍िल्‍ड‍िंग बायलॉज न‍ियमों के उल्लंघन के चलते लाइब्रेरी के रूप में बेसमेंट के दुरुपयोग को छिपाना नहीं चाह‍िए था. बावजूद इसके 9 जुलाई 2024 को फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट को जारी कर द‍िया गया, जो नहीं करना चाहिए था. यह फायर सर्व‍िस व‍िभाग के इंस्‍पेक्‍शन टीम की ओर से गंभीर चूक का मामला है.

एमसीडी ने 5 सालों से नहीं न‍िकाली नालों की गाद: इस र‍िपोर्ट में एमसीडी अधिकारियों की ओर से स्टॉर्म वाटर ड्रेन पर अतिक्रमण को रोकने और गाद निकालने में लापरवाही बरतने के आरोप लगाये हैं. हादसे वाला इलाका निचला है. इसकी वजह से इलाका वाटर लॉगिंग के लिहाज से संवेदनशील था. बावजूद इसके इलाके में स्थित नालों की प‍िछले 5 सालों से गाद नहीं निकाली गई.

साथ ही एमसीडी पर यह भी आरोप लगाए है क‍ि कोचिंग सेंटर की ब‍िल्‍ड‍िंग के सामने सड़क के दोनों ओर नालियों की ड‍िस‍िल्‍ट‍िंग नहीं की गई. र‍िपोर्ट सौंपे जाने के साथ ही ज‍िला मज‍िस्‍ट्रेट की ओर से एमसीडी की ओर से दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक ड‍िटेल इन्‍क्‍वायरी कराने की सिफारिश की गई है.

सीबीआई कर रही पूरे मामले की जांच: द‍िल्‍ली पुल‍िस की ओर से इस मामले में 29 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर ब‍िल्‍ड‍िंग ओनर, कोच‍िंग सेंटर संचालक और एक एसयूवी गाड़ी के चालक को भी अरेस्‍ट क‍िया गया था. यह पूरा मामला कोर्ट के समक्ष व‍िचाराधीन भी है. वहीं, अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट के आदेशों के बाद ही कोच‍िंग सेंटर हादसे की जांच का ज‍िम्‍मा सीबीआई को सौंपा गया था. मंगलवार को सीबीआई की टीम ने साइट पर जाकर मौका मुआयना भी क‍िया था.

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