मऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान हेट स्पीच सहित आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामलो में आरोपी और माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की बुधवार को कासगंज जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. वहीं, भाई उमर अंसारी व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित हुए. इस दौरान एक मामले में गवाह सिपाही अजय कुमार के कोर्ट में बयान दर्ज हुए, लेकिन जिरह नहीं हो सकी. सीजेएम ने तीनों मामलों में 9 अक्टूबर की तिथि तय की है. इसमें दो मामले शहर कोतवाली और एक दक्षिण टोला थाना क्षेत्र का है.
पहला मामला: अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया था. आरोप था कि 3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा की थी. इसमें उन्होंने कहा कि मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब किताब करने और सबक सिखाने की धमकी दी थी. पुलिस ने अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट मंसूर अंसारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था.
दूसरा मामला: ये मामला दक्षिण टोला थाना क्षेत्र का है. अभियोजन के अनुसार, तत्कालीन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह की तहरीर पर 12 फरवरी 2022 को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. पुलिस ने विवेचना कर अब्बास अंसारी, उमर अंसारी, साकिब लारी,शाहिद लारी,इशराईल अंसारी और रमेश राम के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन मेंं सीजेएम ने आरोप से मुक्त कर दिया है. वहीं, धारा 133 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत संज्ञान लिया है. जिसमें आरोपियों का बयान दर्ज होना है. इस मामले में सीजेएम ने आरोपियों का बयान के लिए 9 अक्टूबर की तिथि तय की है.
तीसरा मामला: ये मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का है. अभियोजन के अनुसार एसआई राजेश कुमार वर्मा की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई थी. आरोप है कि 27 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सुभासपा प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने बिना अनुमति के राजारामपुरा से लेकर भरहु का पूरा तक रोड शो निकाला. जिसमें 5-6 गाड़ियां और 100-150 लोगों की भीड़ एकत्र हो गई थी. पुलिस ने मामले की एफआईआर दर्ज कर बाद विवेचना अब्बास अंसारी, उमर अंसारी, गणेश दत्त मिश्रा, मंसूर अंसारी, मोहम्मद ईशा खान, शाहिद लारी, शाकिर लारी, जुल्फेकार और धर्मेंद्र सोनकर के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया. मामले में उच्च न्यायालय ने आरोपियों पर किसी प्रकार की उत्पीड़ात्मक पर रोक लगाई है. सीजेएम ने इस मामले में 9 अक्टूबर की तिथि तय की है.
बांदा जेल में हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत: विधायक अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख्तार अंसारी गैंगस्टर समेत कई मामलों में जेल में थे. पहले मुख्तार को पंजाब की जेल में रखा गया. लेकिन बाद में मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में बंद किया गया था. यहां पर मुख्तार अंसारी की बीमारी के चलते मौत हो गई थी.