लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह (DHANANJAY SINGH) का टिकट काट दिया है. श्रीकला नामांकन बसपा से कर चुकी थीं, लेकिन अब बसपा के टिकट पर श्याम सिंह यादव चुनाव लड़ेंगे. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने खुद कल देर रात फोन कर श्याम सिंह यादव को टिकट देने की जानकारी दी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से श्याम सिंह यादव जौनपुर से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार बीएसपी ने श्याम सिंह यादव को टिकट देने के बजाय 2009 में बहुजन समाज पार्टी से सांसद रहे धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को उम्मीदवार बना दिया था. इससे श्याम सिंह के चुनाव लड़ने की उम्मीद धूमिल हो गई थी, लेकिन अचानक श्रीकला का टिकट कटा और श्याम सिंह फिर से बीएसपी के प्रत्याशी बन गए. नामांकन के बाद टिकट कटने के पीछे तमाम सारी चर्चाएं हैं. कहा जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने धनंजय सिंह को चुनाव न लड़ने की सलाह दी थी. इसके बाद धनंजय ने बसपा सुप्रीमो को फोन कर चुनाव लड़ने से इनकार किया था. बीजेपी के नेताओं ने मायावती को भी फोन कर टिकट बदलने का अनुरोध किया था. इसके बाद यह बदलाव हुआ है.
बहुजन समाज पार्टी के जौनपुर से अब श्याम सिंह यादव
अधिकृत प्रत्याशी होंगे. बीएसपी ने माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह से किनारा कर लिया है. बीएसपी की तरफ से श्याम सिंह यादव को सिंबल भी थमा दिया गया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में श्याम सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन प्रत्याशी थे और इसका उन्हें भरपूर फायदा मिला था. जौनपुर सीट बीएसपी के हिस्से में आई थी. जौनपुर लोकसभा सीट पर आखिरी वक्त नाटकीय घटनाक्रम हुआ और श्याम सिंह यादव टिकट पाने में कामयाब हो गए जबकि धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह तेजी से प्रचार प्रसार में जुटी थीं अब उन्हें अपने कदम वापस खींचने पड़ रहे हैं. कहा यह भी जा रहा है कि अब श्रीकला निर्दलीय भी चुनाव नहीं लड़ेंगी. उनके पति धनंजय सिंह का मानना है कि अब चुनाव मैदान में उतारने का कोई फायदा नहीं है. हालांकि इसके पीछे राजनीतिक गलियारों में चर्चा यही है कि धनंजय सिंह को भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता ने चुनाव से हटने के लिए कहा था. इसके बाद ही धनंजय सिंह ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती से फोन कर अनुरोध किया था कि श्रीकला के स्थान पर पार्टी किसी अन्य कार्यकर्ता को मौका दे दे. इसके बाद ही मायावती ने श्याम सिंह यादव को टिकट देने का फैसला लिया.
जौनपुर सीट पर धनंजय सिंह के पत्नी श्रीकला सिंह के बीएसपी से उतरने के बाद चुनाव काफी रोचक हो गया था. यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा था, लेकिन अब श्रीकला सिंह का टिकट कट गया है तो इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को मिलने की चर्चा हो रही है. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि क्षत्रिय वोट जो धनंजय सिंह के पक्ष में जाता अब वह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में जाएगा. बहुजन समाज पार्टी ने यादव कैंडिडेट मैदान में उतारकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साझा प्रत्याशी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है.
2024 का चुनाव आते-आते बहुजन समाज पार्टी के 10 सांसदों में से ज्यादातर सांसद अन्य पार्टियों की तरफ रुख कर गए. पार्टी ने सिर्फ एक ही सांसद को दोबारा टिकट दिया था, लेकिन अब उस फेहरिस्त में श्याम सिंह यादव का भी नाम जुड़ गया है. अब बीएसपी से दो सांसदों को फिर से टिकट मिल गया है. इससे पहले सांसद गिरीश चंद्र को बसपा ने बुलंदशहर से टिकट दिया था. अब जौनपुर से श्याम सिंह यादव तो बुलंदशहर से गिरीश चंद्र बीएसपी के उम्मीदवार हैं. बुलंदशहर लोकसभा सीट पर चुनाव हो चुका है, जबकि जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव होना बाकी है.
जौनपुर लोकसभा सीट पर छठवें दौर में 25 मई(Jaunpur Loksabha Seat Voting Date) को मतदान होना है. आज पर्चा भरने की अंतिम तारीख है. चुनाव परिणाम 4 जून(Jaunpur Loksabha Seat Result Date) को घोषित किए जाएंगे. इस संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभाएं बादलपुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हानी और मुंगरा बादशाहपुर शामिल हैं.
पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा उलटफेर
इस बदले घटनाक्रम को पूर्वांचल की राजनीति में बड़ा उलटफेर माना जा रहा है. दरअसल, अपहरण कर फिरौती के एक मामले में धनंजय सिंह को जौनपुर की स्थानीय अदालत से सात साल की सजा हुई है. सजा के खिलाफ वह इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, जहां उन्हें सजा पर रोक संबंधी राहत तो नहीं मिली, कोर्ट ने अलबत्ता जमानत दे दी. पिछले हफ्ते ही धनंजय सिंह बरेली जेल से बाहर आए हैं.
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