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4 नवंबर को तुंगनाथ, 20 नवंबर को बंद होंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट, तिथियां घोषित

चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि को गौण्डार गांव पहुंचेगी, 24 नवम्बर से ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी शीतकालीन पूजा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 34 minutes ago

MADMAHESHWAR DHAM DOORS
20 नवंबर को बंद होंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट (ETV BHARAT)

रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है. इस बार आगामी 20 नवम्बर को ब्रह्म बेला पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जाएंगे. कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना होगी.

भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि को गौण्डार गांव पहुंचेगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रात्रि प्रवास करने तथा श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए 23 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी. जिसके बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन पर विशाल मेले का आयोजन किया जायेगा. 24 नवम्बर से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू की जायेगी.

20 नवंबर को बंद होंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट (ETV BHARAT)

ओम्कारेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया विजयादशमी पर्व पर भगवान भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की घोषणा की गई. 20 नवम्बर को बाबा के कपाट बंद किए जायेंगे. डोली के ऊखीमठ पहुंचने पर मेले का आयोजन किया जायेगा. इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

चार नवम्बर को बंद होंगे तुंगनाथ धाम के कपाट:

पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि स्थल मक्कूमठ में घोषित की गई. पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट चार नवम्बर को तुला लगन में शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये जायेंगे. कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. पांच नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कूबैण्ड हूण्डू, बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी. छः नवम्बर को भनकुण्ड में ही रात्रि प्रवास करेगी. सात नवम्बर को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

पढ़ें- केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित, बदरीनाथ धाम की घोषणा दहशरे पर होगी

पढे़ं- बारिश से परेशान चारधाम यात्रियों के लिए खुशखबरी, जानें उत्तराखंड से कब विदा होगा मानसून

रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है. इस बार आगामी 20 नवम्बर को ब्रह्म बेला पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जाएंगे. कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना होगी.

भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि को गौण्डार गांव पहुंचेगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रात्रि प्रवास करने तथा श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए 23 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी. जिसके बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन पर विशाल मेले का आयोजन किया जायेगा. 24 नवम्बर से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू की जायेगी.

20 नवंबर को बंद होंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट (ETV BHARAT)

ओम्कारेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया विजयादशमी पर्व पर भगवान भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की घोषणा की गई. 20 नवम्बर को बाबा के कपाट बंद किए जायेंगे. डोली के ऊखीमठ पहुंचने पर मेले का आयोजन किया जायेगा. इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

चार नवम्बर को बंद होंगे तुंगनाथ धाम के कपाट:

पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि स्थल मक्कूमठ में घोषित की गई. पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट चार नवम्बर को तुला लगन में शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये जायेंगे. कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. पांच नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कूबैण्ड हूण्डू, बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी. छः नवम्बर को भनकुण्ड में ही रात्रि प्रवास करेगी. सात नवम्बर को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

पढ़ें- केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित, बदरीनाथ धाम की घोषणा दहशरे पर होगी

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Last Updated : 34 minutes ago
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