भोपालः मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से बारिश का दौर जारी है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में नदी नाले उफनाए हुए हैं. सबसे बुरे हालात ग्वालियर चंबल अंचल के हैं. अंचल में बारिश ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार 15 सितंबर से मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होगी. मौसम विभाग ने रविवार को तीन संभागों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. 10 जिलों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है.
15 सितंबर से इस जिलों में होगी तेज बारिश
मौसम विभाग ने 15 सितंबर रविवार से फिर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. आंधी-तूफान के साथ बारिश की आशंका जताई है. राजधानी भोपाल और भोपाल संभाग के विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ जिलों में तेज बारिश होगी. इसके अलावा नर्मदा पुरम, बैतूल, हरदा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शिवपुर, सिंगरौली, सीधी, अशोकनगर, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्णा जिले में बारिश होगी. कई जगहों पर आंधी तूफान और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं.
शुक्रवार को कैसा रहा मौसम
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश हुई. राजधानी भोपाल में शुक्रवार को बारिश नहीं हुई, लेकिन बादल छाए रहे. जिससे भीषण बारिश का सामना कर रहे लोगों को कुछ राहत मिली. हालांकि जबलपुर और ग्वालियर चंबल में बारिश लगातार बनी रही. बता दें कि जबलपुर में बरगी बांध के गेट खोले जाने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. नरसिंहपुर और होशंगाबाद जिलों में नर्मदा नदी अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है. इसके अलावा अधिकतर नदिया ऊफान पर चल रही हैं.
सामान्य से अधिक हो चुकी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मध्य प्रदेश में हुई बारिश ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यहां तक कि बारिश अपने सामान्य प्रतिशत से अधिक हो चुकी है. 1 जून से 13 सितंबर तक मध्य प्रदेश में सामान्य से 17 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है. प्रदेश मेंं अब तक 1027.2 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश 880.2 मिलीमीटर होती है. बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. खेतों में खड़ी उनकी फसलें चौपट हो चुकी हैं.