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25 सितंबर से सोयाबीन की खरीद, MSP होगी 6000 या 4800? दो मंत्रियों पर दूर करें कंफ्यूजन - Soyabean MSP Price Rs 6000 - SOYABEAN MSP PRICE RS 6000

मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी को लेकर भले ही एमएसपी तय हो गई हो लेकिन किसान 6000 रुपये से कम में मानने को तैयार नहीं हैं. इधर शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय के बयानों में सोयाबीन के अलग-अलग रेट सामने आने पर किसान उलझन में हैं. फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर क्या राज्य सरकार है कनफ्यूज?

Soyabean MSP Price Rs 6000
सोयाबीन के अलग-अलग रेट सामने आने पर उलझन में किसान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 2:06 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 6:20 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश में सोयाबीन खरीदी के लिए भले ही एमएसपी तय हो गई हो लेकिन किसान 6000 रुपये कम में मानने को तैयार नहीं हैं. इधर सोयाबीन की एमएसपी तय होने के बावजूद नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि राज्य सरकार 4800 के दाम पर सोयाबीन खरीदेगा. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह कहते हैं कि 4994 प्रति क्विंटल के दाम पर सोयाबीन की खरीदी होगी. जबकि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4884 रुपये तय कर दिया गया है. वहीं किसान संघ ने घोषणा कर दी है कि 6000 से कम में सोयाबीन सरकार को नहीं बेचेंगे.

सोयाबीन की एमएसपी को लेकर किसान संघ अड़ा (ETV Bharat)

सोयाबीन के दामों पर कन्फ्यूजन क्यों?

राज्य सरकार ने बीते दिनों कैबिनेट में फैसला लिया है कि सोयाबीन 4800 प्रति क्विंटल के दाम पर खरीदने की घोषणा की है. यह जानकारी राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4994 रुपए बताया है. जबकि सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹4892 रुपए तय किया है. इन तीन अलग-अलग दामों को देखकर लगता है कि राज्य सरकार सोयाबीन की कीमत पर अभी भी कन्फ्यूज्ड है. संभवत शिवराज सिंह को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने दोबारा बयान दिया है कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा.

सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादक प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादन करने वाला प्रदेश है. मध्य प्रदेश में लगभग 53 लाख हेक्टेयर जमीन पर सोयाबीन की खेती की जाती है. सोयाबीन की फसल मध्य प्रदेश के किसानों की आर्थिक तरक्की का जरिया भी है लेकिन यही सोयाबीन इन दोनों बहुत कम दामों पर बाजार में बिक रहा है. इन दिनों सोयाबीन की कीमत 4300 से लेकर 4500 रुपया प्रति क्विंटल है.

16 तारीख से प्रदेश स्तरीय आंदोलन

भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना का कहना है कि "राज्य सरकार 16 सितंबर तक यह फैसला ले कि वह ₹6000 प्रति क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन खरीदेगा या नहीं. यदि ऐसा नहीं हुआ तो 16 सितंबर से ही भारतीय किसान संघ हर जिला मुख्यालय पर सोयाबीन के ₹6000 प्रति क्विंटल की मांग को लेकर आंदोलन करेगा, क्योंकि ₹6000 प्रति क्विंटल से कम में किसान की लागत मूल्य नहीं निकल पा रही है."

ये भी पढ़ें:

शिवराज सिंह की घोषणा के बाद भी असंतुष्ट सोयाबीन किसान, 6 हजार से कम MSP मंजूर नहीं

मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों की मौज, शिवराज सिंह ने किया सोयाबीन के नए MSP रेट का ऐलान

महाकौशल से क्यों खत्म हो रहा सोयाबीन

भारतीय कृषक समाज के नेता केके अग्रवाल का कहना है कि "सोयाबीन ₹6000 से कम के दम पर यदि बिकता है तो किसान को कुछ नहीं बचता. इसलिए धीरे-धीरे महाकौशल इलाके में सोयाबीन की बोनी लगातार घट रही है और यदि दाम 4500 रुपया या 4800 भी रहता है तो अगले सालों से किसान इसकी फसल नहीं लगाएगा, क्योंकि इतनी कम कीमत में तो किसान की उत्पादन लागत ही नहीं निकलती है."

जबलपुर: मध्य प्रदेश में सोयाबीन खरीदी के लिए भले ही एमएसपी तय हो गई हो लेकिन किसान 6000 रुपये कम में मानने को तैयार नहीं हैं. इधर सोयाबीन की एमएसपी तय होने के बावजूद नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि राज्य सरकार 4800 के दाम पर सोयाबीन खरीदेगा. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह कहते हैं कि 4994 प्रति क्विंटल के दाम पर सोयाबीन की खरीदी होगी. जबकि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4884 रुपये तय कर दिया गया है. वहीं किसान संघ ने घोषणा कर दी है कि 6000 से कम में सोयाबीन सरकार को नहीं बेचेंगे.

सोयाबीन की एमएसपी को लेकर किसान संघ अड़ा (ETV Bharat)

सोयाबीन के दामों पर कन्फ्यूजन क्यों?

राज्य सरकार ने बीते दिनों कैबिनेट में फैसला लिया है कि सोयाबीन 4800 प्रति क्विंटल के दाम पर खरीदने की घोषणा की है. यह जानकारी राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4994 रुपए बताया है. जबकि सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹4892 रुपए तय किया है. इन तीन अलग-अलग दामों को देखकर लगता है कि राज्य सरकार सोयाबीन की कीमत पर अभी भी कन्फ्यूज्ड है. संभवत शिवराज सिंह को अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने दोबारा बयान दिया है कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा.

सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादक प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादन करने वाला प्रदेश है. मध्य प्रदेश में लगभग 53 लाख हेक्टेयर जमीन पर सोयाबीन की खेती की जाती है. सोयाबीन की फसल मध्य प्रदेश के किसानों की आर्थिक तरक्की का जरिया भी है लेकिन यही सोयाबीन इन दोनों बहुत कम दामों पर बाजार में बिक रहा है. इन दिनों सोयाबीन की कीमत 4300 से लेकर 4500 रुपया प्रति क्विंटल है.

16 तारीख से प्रदेश स्तरीय आंदोलन

भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना का कहना है कि "राज्य सरकार 16 सितंबर तक यह फैसला ले कि वह ₹6000 प्रति क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन खरीदेगा या नहीं. यदि ऐसा नहीं हुआ तो 16 सितंबर से ही भारतीय किसान संघ हर जिला मुख्यालय पर सोयाबीन के ₹6000 प्रति क्विंटल की मांग को लेकर आंदोलन करेगा, क्योंकि ₹6000 प्रति क्विंटल से कम में किसान की लागत मूल्य नहीं निकल पा रही है."

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महाकौशल से क्यों खत्म हो रहा सोयाबीन

भारतीय कृषक समाज के नेता केके अग्रवाल का कहना है कि "सोयाबीन ₹6000 से कम के दम पर यदि बिकता है तो किसान को कुछ नहीं बचता. इसलिए धीरे-धीरे महाकौशल इलाके में सोयाबीन की बोनी लगातार घट रही है और यदि दाम 4500 रुपया या 4800 भी रहता है तो अगले सालों से किसान इसकी फसल नहीं लगाएगा, क्योंकि इतनी कम कीमत में तो किसान की उत्पादन लागत ही नहीं निकलती है."

Last Updated : Sep 13, 2024, 6:20 PM IST
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