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बैंड के चक्कर में बजा पुलिसवालों का बाजा, 25 जवान सस्पेंड, कहानी जान पकड़ लेंगे माथा - MP Police Band Suspension

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 5:08 PM IST

एमपी में बैंड-बाजा के चक्कर में 25 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस कर्मियों को इस वजह से सस्पेंड किया गया क्योंकि उन्होंने 15 अगस्त को होने वाली परेड में बैंड बजाने से मना कर दिया. इसके पीछे आरक्षकों ने कई तर्क भी दिए थे. अब मामला कोर्ट जा पहुंचा है.

25 CONSTABLE SUSPENDED IN MP FOR NOT PARTICIPATING IN POLICE BAND
बैंड के चक्कर में बजा पुलिसवालों का बाजा (Etv Bharat)

भोपाल: 15 अगस्त के बैंड प्रशिक्षण में जाने से मना करने के बाद इन आरक्षकों का तर्क था कि हमारी भर्ती जनरल ड्यूटी के लिए हुई है. ऐसे में हमें बैंड बजाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जिसके बाद उन्हें आदेश का पालन नहीं करने पर निलंबित कर दिया गया. बता दें कि बैंड बजाने से मना करने वाले आरक्षक रायसेन, मंदसौर, खंडवा, हरदा और सीधी जिले के हैं. इन्हें बैंड प्रशिक्षण में जाने के लिए वहां के एसपी ने आदेश जारी किया था.

MP Police Band Suspension
हर जिले में पुलिस बैंड के लिए सीएम ने जारी किया था आदेश (Etv Bharat)

पुलिस बैंड के लिए सीएम ने जारी किया था आदेश

दरअसल, साल 2023 में एमपी के सीएम मोहन यादव ने हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना के लिए आदेश जारी किया था. इसके बाद सभी जिलों के एसपी को सीएम के आदेश वाला पत्र भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि जिला बैंड ईकाई में आरक्षक से लेकर एएसआई तक को शामिल किया जाएगा. साथ ही इनकी उम्र 45 वर्ष से कम होनी चाहिए. इसमें एक शर्त भी लिखी गई थी, कि उन्हें ही इस दल में शामिल किया जाए, जो इच्छुक हों.

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इंदौर हाईकोर्ट ने दिया स्टे, ग्वालियर का समर्थन

सीएम के आदेश में स्पष्ट लिखा था कि बैंड दल में उन्हीं पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाए, जो इसके इच्छुक हों. इसके बावजूद रायसेन में 5, मंदसौर में 10, खंडवा में 4, हरदा और सीधी में 3-3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. कई आरक्षकों ने इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ये दलील दी कि एसपी ने बिना पुलिसकर्मियों की सहमति बैंड प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए आदेश जारी कर दिए. 29 पुलिसकर्मियों ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगा थी जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया. वहीं इस मामले में मुरैना के 5 आरक्षकों ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसमें कोर्ट ने कहा कि संगीत देवदूतों की भाषा है. सरकार ने हर जिले में पुलिस बैंड के गठन का फैसला कम्यूनिटी पुलिसिंग को ध्यान में रखकर किया है. इसमें कुछ गलत नहीं है.

भोपाल: 15 अगस्त के बैंड प्रशिक्षण में जाने से मना करने के बाद इन आरक्षकों का तर्क था कि हमारी भर्ती जनरल ड्यूटी के लिए हुई है. ऐसे में हमें बैंड बजाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जिसके बाद उन्हें आदेश का पालन नहीं करने पर निलंबित कर दिया गया. बता दें कि बैंड बजाने से मना करने वाले आरक्षक रायसेन, मंदसौर, खंडवा, हरदा और सीधी जिले के हैं. इन्हें बैंड प्रशिक्षण में जाने के लिए वहां के एसपी ने आदेश जारी किया था.

MP Police Band Suspension
हर जिले में पुलिस बैंड के लिए सीएम ने जारी किया था आदेश (Etv Bharat)

पुलिस बैंड के लिए सीएम ने जारी किया था आदेश

दरअसल, साल 2023 में एमपी के सीएम मोहन यादव ने हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना के लिए आदेश जारी किया था. इसके बाद सभी जिलों के एसपी को सीएम के आदेश वाला पत्र भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि जिला बैंड ईकाई में आरक्षक से लेकर एएसआई तक को शामिल किया जाएगा. साथ ही इनकी उम्र 45 वर्ष से कम होनी चाहिए. इसमें एक शर्त भी लिखी गई थी, कि उन्हें ही इस दल में शामिल किया जाए, जो इच्छुक हों.

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