भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने लंबे-चौड़े दावों के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम श्री वायु पर्यटन सेवा शुरू की. इसके बाद डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने भी अगने दो महीने तक इन फ्लाट में सीट न मिलने का दावा किया. लेकिन हकीकत इससे उलट है. सच्चाई ये है कि 90 प्रतिशत फ्लाइट खाली चल रही हैं, इनको यात्री नहीं मिल पा रहे हैं.
50 प्रतिशत डिस्कांउट के बाद भी नहीं मिल रहे पैसेंजर
पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा के तहत प्रदेश के 8 शहरों को हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ा गया है. इन शहरों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर, सिंगरौली और खजुराहो शामिल है. पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा का संचालन मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर मैसर्स जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (फ्लायओला) कर रही है. इसे सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार यात्रियों को 50 प्रतिशत का डिस्कांउट भी दे रही है. फिर भी यात्री नहीं नहीं मिल रहे हैं.
पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा की फ्लाइट का किराया
भोपाल से इंदौर तक जाने के लिए यात्रियों को वंदेभारत जैसी ट्रेन के फर्स्ट एसी में सफर करने के लिए करीब 1600 रुपये खर्च करने होते हैं. वहीं डिस्काउंट के बाद पीएम श्री की फ्लाइट में आपको करीब 2 हजार रुपये चुकाना होगा. यानि फ्लाइट और ट्रेन के सफर में 400 से 500 रुपये का अंतर है. इंदौर से उज्जैन का 1125 रुपये और सबसे अधिक भोपाल से रीवा के लिए 5700 रुपये के करीब है.
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सरकार के दावे हकीकत से उलट
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने हाल में ही दावा किया था कि पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा इतनी सफल है की 2 महीने की एडवांस बुकिंग चल रही है. उनका ये भी कहना था कि वे मुख्यमंत्री मोहन यादव से निवेदन करेंगे कि एक दिन की बजाय विमान सेवाओं को प्रतिदिन किया जाए. लेकिन हकीकत ये है कि सबसे अधिक पर्यटक भोपाल से उज्जैन के लिए मिलते हैं. लेकिन वहां की फ्लाइट ही बंद कर दी गई है.