भोपाल. मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने फिर मध्यप्रदेश के अफसरों को लेकर विवादित बयान दिया है. कटनी पहुंचे उमंग सिंघार ने फिर कहा है कि जो अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करते हैं उनको आरएसएस की चड्ढी पहन लेनी चाहिए. इससे पहले भी उमंग सिंघार मध्य प्रदेश के सरकारी कर्माचरी, अफसर और ब्यूरोक्रेट्स को निशाने पर ले चुके हैं. अब सवाल ये है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि मध्यप्रदेश के अफसर लगातार उमंग सिंघार के निशाने पर बने हुए हैं? बता दें उमंग सिंघार ने ऐसी ही बयान पिछले साल भी दिया था.
आरएसएस की चड्ढी पहन लें एमपी के अधिकारी : उमंग सिंघार
कटनी दौरे पर पहुंचे उमंग सिंघार के निशाने पर एक बार फिर मध्यप्रदेश के अधिकारी आ गए हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए उमग सिंघार ने कहा, '' मैं तो पहले भी कह चुका हूं कि जो अधिकारी बीजेपी के लिए काम करते हैं, उन्हें आरएसएस की चड्ढी पहन लेना चाहिए.'' सिंघार ने कहा, '' अधिकारियों को निष्पक्ष होकर जनता के लिए काम करना चाहिए. और यही संविधान में भी है और नियम में भी है.''
भाजपा के लोगों के यहां से निकल रहा सोना : सिंघार
नेता प्रतिपक्ष ने जनकल्याण शिविर को लेकर कहा, '' जनता का नहीं भाजपा के मंत्रियों का कल्याण हो रहा है और सोना उनके लोगों के यहां से निकल रहा है. कांग्रेस में एक नया संचार करना है और लोगों की जनसमस्याओं को सुनने के लिए कटनी और मैहर दौरे पर आया हूं.'' उन्होंने आगे कहा कि कटनी, मैहर के लोगों की आवाज सरकार के कानों तक जानी चाहिए इसके लिए वो लोगों से मिल रहे हैं.
पहले भी अधिकारियों पर दे चुके विवादित बयान
इसके पहले भी उमंग सिंघार बीते वर्ष जब किसान न्याय यात्रा के दौरान अलीराजपुर पहुंचे थे तब भी उन्होंने अधिकारियों पर विवादित बयान दिया था. अलीराजपुर पहुंचे सिंघार ने कहा था, '' जो अधिकारी बीजेपी की दलाली कर रहे हैं, उन्हें आरएसएस की चड्ढी पहन कर शाखा में जाना चाहिए.'' तब उनके इस बयान को लेकर बड़ा सियासी बवाल हुआ था. और तब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा था कि सिंघार तो अपनी ही पार्टी की सरकार के दौर में अपनी ही पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह को भी दलाल कह चुके हैं.
अधिकारी-कर्मचारियों को धमका रहे नेता प्रतिपक्ष : बीजेपी
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, '' उमंग सिंघार सीधे-सीधे अधिकारी-कर्मचारियों को धमका रहे हैं. कांग्रेस के ऐसे रवैये की वजह से कांग्रेस सत्ता में नहीं आ पाती है. सिंघार जी को समझना चाहिए कि आरएसएस एक राजनीतिक नहीं सांस्कृति संगठन है. उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. और उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी तक संघ के कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं.''
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