भोपाल: मध्यप्रदेश में आईटी कंपनियों को लाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें भूमि, टैक्स में भरपूर छूट दी जाएगी. मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने प्रदेश की नई आईटी पॉलिसी में कंपनियों को लाभ देने के लिए कई प्रावधान किए हैं. इसमें प्रावधान किया गया है कि प्रदेश में आने वाली तमाम आईटी कंपनियों को राज्य सरकार उन्हें स्थापित करने से लेकर उनकी मार्केटिंग तक में सहयोग करेंगी. इस नए बदलाव से प्रदेश में नई कंपनियां आएंगी और रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी.
नई आईटी पॉलिसी में यह किए गए प्रावधान
मोहन यादव कैबिनेट ने आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने और रोजगार बढ़ाने के लिए नई इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. नई पॉलिसी के तहत मध्यप्रदेश आने वाली आईटी कंपनियों को भरपूर रियायतें दी जाएंगी.
सस्ती दरों पर जमीन
पॉलिसी में तय किया गया है कि यदि कोई आईटी कंपनी मध्यप्रदेश में निवेश करना चाहती है और उसके पास जमीन या भवन नहीं है तो सरकार कंपनी को भूमि और भवन उपलब्ध कराने में पूरा सहयोग करेगी. राज्य सरकार कंपनियों को बेहद सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध कराएगी. इसके अलावा स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन, प्रॉपर्टी टेक्स में छूट दी जाएगी.
वित्तीय मदद मिलेगी
आईटी कंपनियों को भूमि आवंटन में मदद के लिए उनके क्षेत्रफल के हिसाब से अलग-अलग वित्तीय सहायता का निर्धारण किया गया है. एक एकड़ भूमि पर 60 फीसदी और 5 एकड़ भूमि पर 50 फीसदी की वित्तीय मदद की जाएगी. मध्यप्रदेश में यदि बीपीओ कंपनी खोली जाती है तो सरकार उनके भवन के लिए राज्य सरकार किराए में पूरा सहयोग करेगी. प्रति कर्मचारी वित्तीय सहायता दी जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली बीपीओ कंपनियों को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
सिंगल बिंडो क्लीरिएंस की सुविधा
प्रदेश में स्थापित होने वाली आईटी कंपनियों को तमाम अनुमतियां उपलबध कराने के लिए सिंगल विंडो क्लीरिएंस की व्यवस्था होगी. इसके अलावा कंपनियों की मार्केटिंग, क्वालिटी सर्टिफिकेशन में भी सरकार मदद करेगी. पेंटेंट कराने में भी मदद की जाएगी. इसके लिए 10 लाख रुपए तक पेंटेंट में मदद और 50 फीसदी तक वित्तीय मदद की जाएगी. इसके अलावा मेगा प्रोजेक्ट के लिए अलग से वित्तीय मदद की जाएगी.
रोजगार के साधन बढ़ाने पहल
मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर करीबन 750 आईटी कंपनियां संचालित हैं. इनमें सबसे ज्यादा आईटी कंपनियां इंदौर में हैं. मोहन सरकार के सीनियर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक "प्रदेश की नई आईटी पॉलिसी देश के अलग-अलग राज्यों की पॉलिसी के अध्ययन के बाद तैयार की गई है. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में आईटी कंपनियां आएं और इससे प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़ें."
कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर
कोरोना काल के दौरान गरीबों को निशुल्क अनाज बांटा गया था. इसको लेकर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारर्पोरेशन को 75 करोड़ की राशि आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. मंदसौर जिले में धुंधडका तहसील के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई. इसके अलावा प्रदेश में हायर एजुकेशन के क्षेत्रीय कार्यालय को बेहतर बनाने के लिए इसके कार्यालयों के निर्माण हेतु 7.45 करोड़ की राशि आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. राज्य निर्वाचन आयोग के निवाड़ी जिले में स्थाई पदों की स्वीकृति भी दी गई है.