भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 का इतिहास दोहराते दिखाते दिख रही है. पोल ऑफ पोल्स की मानें तो मध्यप्रदेश में बीजेपी 27 से 29 सीटें जीत रही है. कांग्रेस के खाते में 1 से 2 सीटें ही आती दिख रही हैं. News24 के अनुसार बीजेपी को 29 की 29 सीटें बीजेपी को मिल रही हैं. कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलती दिख रही. वहीं, India Today के अनुसार बीजेपी को 28 से 29 सीटें मिलने का अनुमान है तो कांग्रेस को 1 सीट मिल सकती है. News18 के अनुसार बीजेपी को 26 से 29 सीटें मिल सकती हैं तो कांग्रेस को 3 सीटें मिलने की संभावना है. ABP NEWS व C voters के अनुसार बीजेपी को 26 से 28 सीटें मिल सकती हैं तो कांग्रेस को 1 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, IBC 24 के अनुसार बीजेपी को 27 से 29 सीटें तो कांग्रेस को 1 से 2 सीटें मिल सकती हैं.
क्या बीजेपी का मिशन 29 होगा पूरा
मध्यप्रदेश में लोकसभा की कितनी सीटें किसे मिलेंगी? क्या बीजेपी का मिशन 29 सपना ही रह जाएगा? क्या कांग्रेस के लिए ये चुनाव आशा की किरण साबित होंगे? कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की हवा कैसी है? राजगढ़ से दिग्विजय सिंह कितने गहरे पानी में हैं? बीजेपी का कौन प्रत्याशी सर्वाधिक मतों से जीत का रिकॉर्ड बनाएगा शिवराज सिंह या वीडी शर्मा? गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया की क्या स्थिति है. ये वे सवाल हैं जो पूरे चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश में गूंजते रहे.
सट्टा बाजारों के अनुमान ये है
हालांकि चुनाव परिणाम 04 जून को आएंगे. वहीं, मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के परिणामों को लेकर अपने-अपने दावे खूब वायरल हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में 4 चरणों में चुनाव हुए हैं. एग्जिट पोल से पहले फलौदी, मुंबई और इंदौर के सट्टा बाजारों ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी. ज्योतिषी भी अपने-अपने केलकुलेशन जनता के सामने ला रहे हैं. लब्बोलुआब ये है कि मध्यप्रदेश में लोकसभा सीटों के नतीजों को लेकर जहां कांग्रेस उम्मीदों के सहारे है तो बीजेपी नेता आशंकित हैं. क्योंकि सट्टा बाजारों के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों ने कांग्रेस को 4 से 5 सीटें दी हैं. इस प्रकार मिशन 29 के सपने देख रही बीजेपी को झटका लगने की उम्मीद जताई जा रही है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
एमपी की कम से कम 8 सीटों पर कांटे का मुकाबला
मध्यप्रदेश में 4 चरणों की वोटिंग के बाद ही सियासत के जानकारों ने बीजेपी की धड़कने बढ़ा दी थीं. जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 8 से 10 सीटों पर बीजेपी व कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. फील्ड पर उतरे वरिष्ठ पत्रकारों के अनुसार बीजेपी को ग्वालियर अंचल की मुरैना, भिंड व ग्वालियर में कांग्रेस से तगड़ी फाइट मिल रही है. भिंड व मुरैना में कांग्रेस को एज मिलता दिखाई दे रहा है. इसके अलावा विंध्य के सतना, सीधी व रीवा सीटों पर भी कड़ा मुकाबला है. सतना व सीधी में कांग्रेस अपर हैंड में दिख रही है. वहीं, धार, रतलाम और मंडला में भी कांग्रेस ने बीजेपी को दिन में तारे दिखा दिए हैं. जानकारों का कहना है कि राजगढ़ से दिग्विजय सिंह और छिंदवाड़ा से कमलनाथ के बेटे नकलुनाथ बीजेपी पर बढ़त बनाए हुए हैं.
सट्टा बाजारों ने बीजेपी नेताओं की धड़कनें बढ़ाईं
इसके बाद पिछले सप्ताह फलौदी, मुंबई, इंदौर व रतलाम के सट्टा बाजारों ने बीजेपी नेताओं की सांसें ऊपर-नीचे कर दी. सट्टा बााजारों के अनुसार कांग्रेस 4 से 5 सीटें अपने कब्जे में कर सकती है. ये सीटें हैं राजगढ़, छिंदवाड़ा, मुरैना, मंडला और सीधी. सट्टा बाजारों ने एमपी की 8 सीटों पर बीजेपी व कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला बताया है. हालांकि छिंदवाड़ा का गढ़ भेदने के लिए बीजेपी ने कई स्थानीय कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में कर लिया था. एक विधायक और एक पूर्व विधायक को बीजेपी में शामिल कराकर कमलनाथ को दबाव में लाने की कोशिश की गई. लेकिन माना जाता है कमलनाथ का छिंदवाड़ा के लोगों से 4 दशकों पुराना नाता है. इसके बाद भी कमलनाथ पूरे चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा क्षेत्र में जमे रहे. कमलनाथ ने एक भी दिन प्रदेश की अन्य सीटों पर कांग्रेस का प्रचार नहीं किया. वहीं, राजगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने स्थानीय मुद्दे उठाकार और गांव-गांव में पदयात्रा करके हरेक व्यक्ति से सीधा संपर्क बनाने की रणनीति बनाई. दिग्विजय सिंह भी पूरे चुनाव के दौरान राजगढ़ से हिले नहीं.
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एमपी की अधिकांश सीटों पर मुकाबला एकतरफा
सट्टा बाजारों के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मध्यप्रदेश के कई सीटों पर मुकाबला एकतरफा है. अगर हम बात करें खजुराहो व इंदौर की तो यहां इस बात पर नजरें टिकी हैं कि बीजेपी पिछली बार की अपेक्षा जीत का अंतर कितना बढ़ाती है. क्योंकि इन दोनों सीटों पर कांग्रेस के साथ ही कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं है. हालांकि इंदौर में कांग्रेस ने नोटा पर लोगों को वोट डालने के लिए लगातार मुहिम चलाई. विदिशा से चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है. यहां सिर्फ ये देखना है कि इस सीट पर बीजेपी पिछले चुनाव से जीत का कितना अंतर बढ़ाती है. वहीं, गुना-शिवपुरी सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने कड़ी चुनौती दी है, लेकिन माना जाता है कि सिंधिया सीट निकाल सकते हैं.