भोपाल। मध्यप्रदेश में मजबूत होती शिक्षा व्यवस्था के दावे करने वाली सरकार के दावे एक रिपोर्ट में सामने आ गए हैं. इसके अनुसार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की स्थिति यह है कि दूसरी कक्षा तक के 66% बच्चे कखग और एबीसीडी के अक्षर भी नहीं पहचान पाते हैं. इसी प्रकार 53% बच्चे ऐसे हैं जो दो अंको की गिनती भी नहीं पहचानते हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि वर्ष 2022 की अपेक्षा इस बार सरकारी स्कूलों में सुधार हुआ है.
52 जिलों के 4500 स्कूलों में किया गया था सर्वे
अंकुर अभियान के तहत दूसरी और तीसरी कक्षा में बच्चों ने क्या सीखा, यह जानने के लिए 52 जिलों के 322 विकासखंडो में सर्वे किया गया. इसमें सैंपल सर्वे के लिए 4500 स्कूलों का चयन किया गया था. जिसमें दूसरी कक्षा के 34 हजार और तीसरी कक्षा के 37 हजार बच्चों को शामिल किया गया था. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं लेकिन 2022 में किए गए सर्वे को आधार माने तो इन कक्षाओं में काफी सुधार भी हुआ है.
51% बच्चों को 2 अंको में भी नहीं आता घटाना
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 51% बच्चों को 20 तक की संख्या को घटना भी नहीं आता है. 25% बच्चे ऐसे में हैं, जो दो अंको की संख्या को जोड़ भी नहीं पाते हैं. 58% दूसरी कक्षा के बच्चे तीन शब्दों का वाक्य भी नहीं पढ़ने में सक्षम थे. 61% बच्चे ऐसे थे, जिनको 50% भी कखगघ नहीं आता है.
तीसरी कक्षा के 40% बच्चों को नहीं आता जोड़ना-घटाना
रिपोर्ट के अनुसार तीसरी कक्षा के 40% ऐसे बच्चे मिले, जिनको 99 तक के अंको का जोड़-घटाना भी नहीं आता है. 52% तीसरी कक्षा के बच्चे 50 प्रतिशत कखगघ नहीं लिख पाते हैं. 57% बच्चे वाक्य नहीं लिख पाते और न ही इनको पढ़ने में सक्षम हैं.
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स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया यह तर्क
प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि "शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है. टीचर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वह अपना बेहतर परफॉर्मेंस दे सके. शिक्षा मंत्री ने बताया कि जहां बच्चे कम और शिक्षक ज्यादा हैं, ऐसे शिक्षकों को दूसरे स्कूल में ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि जहां बच्चे ज्यादा है वहां टीचर का संतुलन बना रहे. वहीं ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से भी टीचर्स को तैयार किया जाएगा. कई बार टीचर्स को किताबी ज्ञान तो होता है, लेकिन व्यावहारिक ज्ञान की कमी के कारण बेहतर परिणाम सामने नहीं आते और इस दिशा में शिक्षा विभाग अब तेजी के साथ काम करेगा."