MADHYA PRADESH CYBER CRIME ON RISE: देश में शांत प्रदेशों के रुप में पहचाना जाने वाला मध्य प्रदेश अब साइबर ठगों का गढ़ बनता जा रहा है. हर महीने पुलिस थानों में हजारों केस दर्ज हो रहे हैं. उधर साइबर ठग दूर-दराज क्षेत्रों में बैठकर लोगों का अकाउंट खाली कर रहे हैं. एमपी में बीते 7 महीने में ही साइबर अपराधियों द्वारा 250 करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है, लेकिन प्रदेश में साइबर अपराधों के लिए आधारभूत संरचना की कमी से इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है.
5 साल में 7200 प्रतिशत बढ़ा साइबर अपराध
पिछले 5 साल में प्रदेश में तेजी से सायबर अपराध बढ़ा है, लेकिन पुलिस के पास पर्याप्त अमला और सुविधाएं नहीं होने से इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती. साल 2022-23 में साइबर अपराध की शिकायतें पांच हजार से भी कम थीं, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा तीन लाख से ऊपर पहुंच गया है. साइबर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है. दूसरे देशों में बैठे लोग भी इस तरह के अपराध में संलिप्त हैं.
हर थाने में साइबर डेस्क और हर जिले में साइबर थाना
आईटी के युग में साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहा है. इसे रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. अब सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए हर जिले में एक साइबर थाना खोलने जा रही है. वहीं प्रदेश के हर थाने में साइबर अपराध के लिए अलग डेस्क का संचालन किया जाएगा. जिससे साइबर अपराधों की जांच में तेजी आएगी. वहीं पर्याप्त अमला होने से अपराधियों को पकड़ना आसान होगा. अभी प्रदेश में केवल भोपाल में एक साइबर थाना है. वहीं इन अपराधों की जांच के लिए एमपी में केवल 15 अधिकारी हैं.
प्रदेश के 13 जिलों में खुलेगी साइबर लैब
एमपी में साइबर अपराधों से निपटने के लिए मोहन यादव सरकार सक्रिय है. प्रत्येक जिले में साइबर थाना और हर थाने में साइबर डेस्क खालने के साथ ही साइबर लैब खोलने की दिशा में भी काम चल रहा है. शुरुआत में प्रदेश के 13 जिलों में ही साइबर लैब की स्थापना होगी. इसके बाद इसे प्रत्येक जिले में खोला जाएगा. इन साइबर लैब में एक उप निरीक्षक और एक आरक्षक की नियुक्ति राज्य साइबर सेल द्वारा की जाएगी.
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एमपी के बाहर से साइबर ठगी के 95 प्रतिशत मामले
साइबर क्राइम की निगरानी करने वाले अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में होने वाली साइबर ठगी में 95 प्रतिशत आरोपी एमपी से बाहर के होते हैं. इनमें 90 प्रतिशत दूसरे राज्य और 5 प्रतिशत ये विदेशों में बैठकर साइबर अपराध को अंजाम देते हैं. इन्हें पकड़ने के लिए लंबा समय देना होता है और फोर्स की कमी के कारण इंवेस्टिगेशन हो नहीं पाती. इस मामले में राज्य साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि 'साइबर अपराध रोकने के लिए जिला स्तर पर साइबर थाने खोले जाएंगे. यहां साइबर कानून में दक्ष अमला पदस्थ किया जाएगा. इसका लाभ यह होगा कि अपराध की घटनाओं पर कार्रवाई में तेजी आएगी. जांच से लेकर कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत करने तक हर काम समय पर और गुणवत्ता से हो सकेगा.
प्रदेश में साइबर अपराध की शिकायतें
वर्ष- कुल शिकायतें
2019-20 - 4407
2020-21 - 32,187
2021-22 - 38,900
2022-23 - 87,700
2023-24 - 3,20,000