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मध्य प्रदेश में Z प्लस सुरक्षा में चलेंगे ATM वाहन, नए नियमों से बदलेगा बहुत कुछ - New Rule For Vehicles Of ATM - NEW RULE FOR VEHICLES OF ATM

मध्य प्रदेश की राजधानी में आज मोहन कैबिनेट की बैठक हुई. जहां कई महत्वपूर्ण फैसले पर कैबिनेट की मुहर लगी. वहीं एटीएम वाहनों की सख्ती को लेकर भी चर्चा की गई. अब पैसे ले जाने वाले वाहनों पर जीपीएस से निगरानी होगी.

NEW RULE FOR VEHICLES OF ATM
मध्य प्रदेश में Z प्लस सुरक्षा में चलेंगे ATM वाहन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 3:18 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में एटीएम और बैंक के पैसे लेकर चलने वाले वाहनों में अब सुरक्षा इंतजाम और कड़े होने जा रहे हैं. कैश लेकर चलने वाले यह सभी वाहनों में अब जीपीएस, सीसीटीवी जैसे तमाम सुरक्षा इंतजाम अनिवार्य होंगे. साथ ही कैश ले जाते वक्त इन वाहनों में हथियारों से लैस दो सुरक्षा गार्ड अनिवार्य रूप से मौजूद होंगे. केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को मध्य प्रदेश में भी लागू होने जा रहे हैं. अब प्रदेश के शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद पैसों का ट्रांजेक्शन नहीं होगा. मध्य प्रदेश मोहन कैबिनेट में केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए गए नियमों का अनुमोदन कर दिया है.

अब अलग श्रेणी में होगा रजिस्ट्रेशन

केन्द्र सरकार द्वारा निजी सिक्योरिटी एजेंसियों के लिए नियम पहले ही जारी किए जा चुके हैं. इसके बाद सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा भी कैश वाहनों के लिए नियम जारी किए जा चुके हैं. अब इन्हें मध्य प्रदेश में लागू कर दिया गया है. अब बैंक और एटीएम का कैश लेकर चलने वाले वाहनों का स्पेशल पर्पस व्हीकल की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन करना होगा. यह वाहन एआईएस 163ः2020 के नियमों के मुताबिक ही डिजाइन किए जाएंगे. यह वाहन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से तैयार होंगे. इन वाहनों में सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने होंगे. यह वाहन सीसीटीवी और जीपीएस से लैश होंगे, ताकि इनकी लोकेशन संबंधित एजेंसी द्वारा की जा सके. वाहनों में दो हथियारबंद सिक्योरिटी गार्ड रखना अनिवार्य होगा. इसमें कैश बॉक्स में डिजीटल लॉक रखना अनिवार्य होगा.

सुरक्षा कर्मियों के लिए मापदंड भी तय

कैश वेन में तैनात होने वाले सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी. इनके सिलेक्शन के लिए पुलिस जैसे शारीरिक मापदंड अनिवार्य किए गए हैं. इन्हें रक्षात्मक ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दिखाई जाएगी, ताकि जरूरी होने पर यह वाहन को ड्राइव कर सकें. साथ ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग, कानून का प्रारंभिक ज्ञान, जनता और पुलिस द्वारा प्रयोग किए जाने वाले शस्त्रों की पहचान, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आदि की ट्रेनिंग होनी जरूरी होगा.

इसलिए की जा रही सख्ती

प्रदेश में एटीएम और बैंक सहित अन्य स्थानों पर कैश परिवहन करने वाले वाहनों में लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में इस तरह की पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. इसको लेकर सरकार द्वारा दिशा-निर्देश तैयार कर लिए गए हैं, जिसे अब लागू किया जा रहा है.

यहां पढ़ें

मोहन यादव कैबिनेट ने बढ़ाया मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का DA, इतने प्रतिशत बढ़ जाएगा वेतन व पेंशन

बीजेपी सांसद ने कराई अपनी जगहंसाई, इंदौर में वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाणपत्र बांटने वाली संस्था के झांसे में फंसे

प्रदेश में 1240 एजेंसियां संचालित

देश में कुल 43 हजार 61 सिक्योरिटी एजेंसियां संचालित हैं. इसमें मध्य प्रदेश में 1240 सिक्योरिटी एजेंसियां हैं. देश में सबसे ज्यादा सिक्योरिटी एजेंसियां महाराष्ट्र में 6735 हैं. हालांकि नियमों के मुताबिक अब केन्द्र सरकार में सिक्योरिटी एजेंसी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद दूसरे राज्य में भी एजेंसियां कार्य कर सकती हैं. हालांकि इसमें पूर्व सेना अधिकारी का होना अनिवार्य किया गया है.

भोपाल: मध्य प्रदेश में एटीएम और बैंक के पैसे लेकर चलने वाले वाहनों में अब सुरक्षा इंतजाम और कड़े होने जा रहे हैं. कैश लेकर चलने वाले यह सभी वाहनों में अब जीपीएस, सीसीटीवी जैसे तमाम सुरक्षा इंतजाम अनिवार्य होंगे. साथ ही कैश ले जाते वक्त इन वाहनों में हथियारों से लैस दो सुरक्षा गार्ड अनिवार्य रूप से मौजूद होंगे. केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को मध्य प्रदेश में भी लागू होने जा रहे हैं. अब प्रदेश के शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद पैसों का ट्रांजेक्शन नहीं होगा. मध्य प्रदेश मोहन कैबिनेट में केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए गए नियमों का अनुमोदन कर दिया है.

अब अलग श्रेणी में होगा रजिस्ट्रेशन

केन्द्र सरकार द्वारा निजी सिक्योरिटी एजेंसियों के लिए नियम पहले ही जारी किए जा चुके हैं. इसके बाद सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा भी कैश वाहनों के लिए नियम जारी किए जा चुके हैं. अब इन्हें मध्य प्रदेश में लागू कर दिया गया है. अब बैंक और एटीएम का कैश लेकर चलने वाले वाहनों का स्पेशल पर्पस व्हीकल की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन करना होगा. यह वाहन एआईएस 163ः2020 के नियमों के मुताबिक ही डिजाइन किए जाएंगे. यह वाहन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से तैयार होंगे. इन वाहनों में सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने होंगे. यह वाहन सीसीटीवी और जीपीएस से लैश होंगे, ताकि इनकी लोकेशन संबंधित एजेंसी द्वारा की जा सके. वाहनों में दो हथियारबंद सिक्योरिटी गार्ड रखना अनिवार्य होगा. इसमें कैश बॉक्स में डिजीटल लॉक रखना अनिवार्य होगा.

सुरक्षा कर्मियों के लिए मापदंड भी तय

कैश वेन में तैनात होने वाले सिक्योरिटी गार्ड की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी. इनके सिलेक्शन के लिए पुलिस जैसे शारीरिक मापदंड अनिवार्य किए गए हैं. इन्हें रक्षात्मक ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दिखाई जाएगी, ताकि जरूरी होने पर यह वाहन को ड्राइव कर सकें. साथ ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग, कानून का प्रारंभिक ज्ञान, जनता और पुलिस द्वारा प्रयोग किए जाने वाले शस्त्रों की पहचान, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आदि की ट्रेनिंग होनी जरूरी होगा.

इसलिए की जा रही सख्ती

प्रदेश में एटीएम और बैंक सहित अन्य स्थानों पर कैश परिवहन करने वाले वाहनों में लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में इस तरह की पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. इसको लेकर सरकार द्वारा दिशा-निर्देश तैयार कर लिए गए हैं, जिसे अब लागू किया जा रहा है.

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मोहन यादव कैबिनेट ने बढ़ाया मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का DA, इतने प्रतिशत बढ़ जाएगा वेतन व पेंशन

बीजेपी सांसद ने कराई अपनी जगहंसाई, इंदौर में वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाणपत्र बांटने वाली संस्था के झांसे में फंसे

प्रदेश में 1240 एजेंसियां संचालित

देश में कुल 43 हजार 61 सिक्योरिटी एजेंसियां संचालित हैं. इसमें मध्य प्रदेश में 1240 सिक्योरिटी एजेंसियां हैं. देश में सबसे ज्यादा सिक्योरिटी एजेंसियां महाराष्ट्र में 6735 हैं. हालांकि नियमों के मुताबिक अब केन्द्र सरकार में सिक्योरिटी एजेंसी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद दूसरे राज्य में भी एजेंसियां कार्य कर सकती हैं. हालांकि इसमें पूर्व सेना अधिकारी का होना अनिवार्य किया गया है.

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