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मध्य प्रदेश में जिलों की बहार, 24 साल में बने 10 नए जिले, मोहन यादव सरकार करेगी बड़ा बदलाव - MP District Boundaries Change

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक नए जिले बनाए जा रहे हैं. पिछले 24 सालों में राज्य में 10 नए जिले बनाए गए हैं. जिसके बाद एमपी में जिलों की संख्या 56 हो गई है. अब मोहन सरकार इन जिलों की सीमाओं को बदलने जा रही है.

MP DISTRICT BOUNDARIES CHANGE
मध्य प्रदेश में जिलों की बहार 24 साल में बने 10 नए जिले (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 8:15 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नए जिले बनाने का दौर चल रहा है. पिछले 24 सालों में प्रदेश में 10 नए जिले बनाए जा चुके हैं. अब एक और नया जिला जुन्नारदेव बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि अब राज्य सरकार के एक निर्णय से कई जिलों, तहसील और ब्लॉक की सीमाएं बदल सकती हैं. नए जिले के बनाए जाने से आई विसंगतियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार अब प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठन करने की तैयारी कर रही है. यह आयोग प्रदेश के जिलों की भौगोलिक स्थितियों का अध्ययन करेगा और स्थानीय लोगों के सुझाव के बाद विसंगतियों में सुधार करेगा.

जिले बने, लेकिन कई मामले उलझे

मध्य प्रदेश का 1956 में जब गठन हुआ था, उस वक्त प्रदेश में 43 जिले हुआ करते थे. साल 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद प्रदेश में 45 जिले थे. अब प्रदेश में एक और नया जिला जुन्नारदेव बनाने की प्रक्रिया शरू हो गई है. यह जिला छिंदवाड़ा से अलग करके बनाया जाएगा. इसके बाद प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 56 हो जाएगी. बीते 24 सालों में प्रदेश में 10 नए जिलों का गठन किया गया है.

MP 10 NEW DISTRICTS IN 24 YEARS
इन सालों में बने नए जिले (ETV Bharat)

कई जिलों में सीमाओं को लेकर विसंगति

प्रदेश में जिलों का गठन तो कर दिया गया, लेकिन कई जिलों में उनके वन क्षेत्र, राजस्व, निकायों में विसंगतियों को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि आवाज उठाते रहे हैं. पंचायत चुनाव के दौरान इसको लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. इसी तरह कई जिला मुख्यालय से उनके अंतिम ब्लॉक की दूरी बहुत ज्यादा दूर है. जबकि दूसरा जिला मुख्यालय बिलकुल पास है. ऐसी ही विसंगतियों को लेकर प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग कार्रवाई करेगा. इसका गठन जल्द ही होने जा रहा है.

बदल जाएंगी जिलों की सीमाएं

राज्य सरकार आयोग के गठन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करने जा रहा है. आयोग लोगों की समस्याओं को देखते हुए संभाग, जिला, तहसील और जनपद की सीमाओं में सुधार करेगा. इसके लिए आयोग स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रबुद्ध व्यक्तियों और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करेगा. इसके आधार पर जिला, तहसील और ब्लॉक की सीमाओं में सुधार करेगा.

यहां पढ़ें...

छिंदवाड़ा के फिर होंगे टुकड़े, 56वां जिला बनने को तैयार जुन्नारदेव! चिट्ठी पढ़कर चौंक जाएंगे आप

मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ी, 2 नए जिलों के गठन के राजस्व विभाग ने जारी किए आदेश..जानें अब कितने हुए डिस्ट्रिक्ट?

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और समाजसेवी अरुण गुर्टू कहते हैं कि 'देखने में आ रहा है कि चुनावी राजनीति के चलते प्रदेश में नए जिलों का गठन किया जा रहा है. जिले बना दिए जाते हैं, लेकिन इनमें कई बार स्थानीय लोगों के हितों पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता. कई बार जिस गांव, पंचायत या ब्लॉक को एक जिले में होना चाहिए, लेकिन उसे दूसरे में शामिल कर दिया जाता है. यदि आयोग कर गठन कर इन गड़बड़ियों को दूर किया जाता है तो यह स्थानीय लोगों के लिए हितकारी होगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में नए जिले बनाने का दौर चल रहा है. पिछले 24 सालों में प्रदेश में 10 नए जिले बनाए जा चुके हैं. अब एक और नया जिला जुन्नारदेव बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि अब राज्य सरकार के एक निर्णय से कई जिलों, तहसील और ब्लॉक की सीमाएं बदल सकती हैं. नए जिले के बनाए जाने से आई विसंगतियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार अब प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठन करने की तैयारी कर रही है. यह आयोग प्रदेश के जिलों की भौगोलिक स्थितियों का अध्ययन करेगा और स्थानीय लोगों के सुझाव के बाद विसंगतियों में सुधार करेगा.

जिले बने, लेकिन कई मामले उलझे

मध्य प्रदेश का 1956 में जब गठन हुआ था, उस वक्त प्रदेश में 43 जिले हुआ करते थे. साल 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद प्रदेश में 45 जिले थे. अब प्रदेश में एक और नया जिला जुन्नारदेव बनाने की प्रक्रिया शरू हो गई है. यह जिला छिंदवाड़ा से अलग करके बनाया जाएगा. इसके बाद प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 56 हो जाएगी. बीते 24 सालों में प्रदेश में 10 नए जिलों का गठन किया गया है.

MP 10 NEW DISTRICTS IN 24 YEARS
इन सालों में बने नए जिले (ETV Bharat)

कई जिलों में सीमाओं को लेकर विसंगति

प्रदेश में जिलों का गठन तो कर दिया गया, लेकिन कई जिलों में उनके वन क्षेत्र, राजस्व, निकायों में विसंगतियों को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि आवाज उठाते रहे हैं. पंचायत चुनाव के दौरान इसको लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. इसी तरह कई जिला मुख्यालय से उनके अंतिम ब्लॉक की दूरी बहुत ज्यादा दूर है. जबकि दूसरा जिला मुख्यालय बिलकुल पास है. ऐसी ही विसंगतियों को लेकर प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग कार्रवाई करेगा. इसका गठन जल्द ही होने जा रहा है.

बदल जाएंगी जिलों की सीमाएं

राज्य सरकार आयोग के गठन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करने जा रहा है. आयोग लोगों की समस्याओं को देखते हुए संभाग, जिला, तहसील और जनपद की सीमाओं में सुधार करेगा. इसके लिए आयोग स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रबुद्ध व्यक्तियों और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करेगा. इसके आधार पर जिला, तहसील और ब्लॉक की सीमाओं में सुधार करेगा.

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मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ी, 2 नए जिलों के गठन के राजस्व विभाग ने जारी किए आदेश..जानें अब कितने हुए डिस्ट्रिक्ट?

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और समाजसेवी अरुण गुर्टू कहते हैं कि 'देखने में आ रहा है कि चुनावी राजनीति के चलते प्रदेश में नए जिलों का गठन किया जा रहा है. जिले बना दिए जाते हैं, लेकिन इनमें कई बार स्थानीय लोगों के हितों पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता. कई बार जिस गांव, पंचायत या ब्लॉक को एक जिले में होना चाहिए, लेकिन उसे दूसरे में शामिल कर दिया जाता है. यदि आयोग कर गठन कर इन गड़बड़ियों को दूर किया जाता है तो यह स्थानीय लोगों के लिए हितकारी होगा.

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