जयपुर: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में एक बार फिर भारत में बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि भारत, अमेरिका और पश्चिम के अन्य देश बेरोजगारी की समस्या का सामना कर रहे हैं, जबकि चीन ऐसा नहीं कर रहा है. इसके साथ राहुल ने सिख समाज को लेकर टिप्पणी की. राहुल के इस बयान पर देश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ और सीएम भजनलाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने विदेश में जाकर भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का षड्यंत्र किया है, जो निंदनीय है. राहुल गांधी को अपनी दादी से सीखना चाहिए था. इसके साथ राठौड़ ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपना घर संभालना चाहिए, बीजेपी में सब कुछ सामान्य है.
राष्ट्रीय चरित्र सीखना चाहिए: प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी को राष्ट्रीय चरित्र सीखने की जरूरत है. वह विदेश में जाकर भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का जो षड्यंत्र कर रहे हैं, यह किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय राष्ट्रभक्त नागरिक ऐसा नहीं सकता. उनको अपनी दादी से सीखना चाहिए, उनकी दादी विदेश में गई थी, उनका नाम जीप कांड घोटाले में उनका नाम आया था. उनको गिरफ्तार भी किया गया था. जब इस मामले पर विदेश में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि आप मेरे से भारत की प्रतिष्ठा के खिलाफ में कोई सवाल नहीं करें और ना मैं उसका कोई जवाब दूंगी. तो अपनी दादी से सीख लेते कि किस तरह का बयान उन्हें विदेश में जाकर देना चाहिए. राठौड़ ने कहा कि राहुल गांधी विदश में भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का जो षड्यंत्र कर रहे हैं. यह बहुत गलत है, निंदनीय है. उनको राष्ट्रपति भक्ति की जरूरत है.
खालिस्तान से तालमेल सामने आया: सिख समाज को लेकर दिए राहुल गांधी के बयान पर खालिस्तान समर्थकों ने समर्थन किया तो मदन राठौड़ ने कहा कि इनका खालिस्तान से तालमेल सबके सामने आ गया. राहुल के बयान का खालिस्तान समर्थन कर रहा है, जो देश को कमजोर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं. खालिस्तानियों के साथ उनकी भाषा का मिलने से साफ है कि इनका आपस में तालमेल है. इस प्रकार का तालमेल देश को कमजोर करने का षड्यंत्र है. यह वही राहुल गांधी हैं, जब डोकलाम में देश के सैनिक चीन से संघर्ष कर रहे थे, तब वे चीन के सेनापति से बात कर रहे थे.
अशोक गहलोत के आरोपों पर राठौड़ का पलटवार: उधर, मदन राठौड़ ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अशोक गहलोत को अपना घर संभालना चाहिए. जब वो राजस्थान के मुख्यमंत्री थे तब ईआरसीपी के लिए कई बार हमारे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप मंत्री को भेजो. मंत्री नहीं आएं, तो अपने सेक्रेटरी को तो भेज दीजिए. लेकिन किसी को नहीं भेजा. जिसकी वजह से ईआरसीपी का काम 5 साल तक लटका रहा. रही बात उपमुख्यमंत्री के जीएसटी काउंसिल की बैठक में किसको बुलाया, किसको नहीं, क्या स्थिति रही? इसके बारे में जानकारी लेंगे, लेकिन पूर्व सीएम को अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए, वो अपने घर को संभालें. भाजपा में सब कुछ सही है, सब कुछ सामान्य है. वे चिंता ना करें.
छवि को धूमिल करने की कोशिश क्यों?: उधर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि राहुल गांधी बार-बार विदेश जाकर ही भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश क्यों की जाती है? अमेरिका दौरे पर भारतीय अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर बयान ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. क्या राहुल गांधी भूल गए हैं कि 1984 में सिखों के खिलाफ हुए वीभत्स दंगों में कांग्रेस की क्या भूमिका थी? इतना ही नहीं, आपने आरक्षण की व्यवस्था पर भी टिप्पणियां की हैं, जो बिना भारतीय समाज की गहरी समझ के की गई है.
उन्होंने आगे लिखा, 'क्या यह सिर्फ विदेशी दर्शकों को खुद के बुद्धिमान होने का दिखावा करने का प्रयास है? इस प्रकार की बयानबाजी न केवल हमारी एकता को कमजोर करती है, बल्कि विदेशी मंचों पर भारत की छवि को भी खराब करती है. अपने आप को बुद्धिमान प्रदर्शित करने के बजाय, देशहित को प्राथमिकता दें और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का सम्मान बढ़ाने का काम करें, न कि अपने राजनीतिक एजेंडा साधने का.'