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नैनीताल के नैना देवी मंदिर में विराजमान हुईं मां नंदा सुनंदा, खाटू श्याम के रंग में रंगा काशीपुर - Nanda Sunanda Mahotsav 2024 - NANDA SUNANDA MAHOTSAV 2024

Nanda Sunanda Mahotsav 2024 नैनीताल के नैना देवी मंदिर में आज मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है. मां के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. वहीं, काशीपुर में महासंकीर्तन महोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें दिल्ली से आए कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी.

Nanda Sunanda Mahotsav 2024
मां नैना देवी मंदिर में विराजमान हुई मां नंदा सुनंदा (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2024, 3:57 PM IST

काशीपुर: रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान में श्री लखदातार सेवा दल ने खाटू श्याम बाबा के महासंकीर्तन महोत्सव का आयोजन किया. कार्यक्रम में दिल्ली से आई सोनी सिस्टर, बाजपुर के गोपाल कृष्ण पाली और गदरपुर से आए जितेंद्र दुबे ने अपनी मनमोहक आवाज से सभी श्याम प्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर दिया.

खाटू श्याम के रंग में रंगा काशीपुर (video-ETV Bharat)

मां नंदा-सुनंदा के दर्शनों के लिए उमड़ी भारी भीड़: वहीं, नैनीताल के नैना देवी मंदिर में मां नंदा-सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. आज ब्रह्म मुहूर्त में मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसके बाद मंदिर दर्शनों के लिए खोल दिया गया है. भक्त सुबह से मां नंदा सुनंदा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. मां नंदा-सुनंदा की कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे. अब संपूर्ण कुमाऊं क्षेत्र के लोग मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं.

नैनीताल के नैना देवी मंदिर में विराजमान हुईं मां नंदा सुनंदा (video-ETV Bharat)

अपने मायके आई हैं मां नंदा-सुनंदा: ऐसा माना जाता है कि मां नंदा-सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं में आती हैं और यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. इसके बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं. मां नंदा-सुनंदा की अगले तीन दिनों तक कुमाऊं के लोग उपासना करेंगे और 1 सितंबर को भव्य डोला भ्रमण के बाद मां नंदा-सुनंदा का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा. विसर्जन की यह परंपरा मां नंदा-सुनंदा को मायके से ससुराल विदा करने की परंपरा होती है.

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खाटू श्याम के रंग में रंगा काशीपुर (video-ETV Bharat)

मां नंदा-सुनंदा के दर्शनों के लिए उमड़ी भारी भीड़: वहीं, नैनीताल के नैना देवी मंदिर में मां नंदा-सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. आज ब्रह्म मुहूर्त में मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसके बाद मंदिर दर्शनों के लिए खोल दिया गया है. भक्त सुबह से मां नंदा सुनंदा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. मां नंदा-सुनंदा की कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे. अब संपूर्ण कुमाऊं क्षेत्र के लोग मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं.

नैनीताल के नैना देवी मंदिर में विराजमान हुईं मां नंदा सुनंदा (video-ETV Bharat)

अपने मायके आई हैं मां नंदा-सुनंदा: ऐसा माना जाता है कि मां नंदा-सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊं में आती हैं और यही कारण है कि अष्टमी के दिन यानी आज कुमाऊं के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. इसके बाद समझा जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच गई हैं. मां नंदा-सुनंदा की अगले तीन दिनों तक कुमाऊं के लोग उपासना करेंगे और 1 सितंबर को भव्य डोला भ्रमण के बाद मां नंदा-सुनंदा का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा. विसर्जन की यह परंपरा मां नंदा-सुनंदा को मायके से ससुराल विदा करने की परंपरा होती है.

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