देहरादून/नैनीताल/काशीपुर: नैनीताल में मां नंदा-सुनंदा महोत्सव-2024 की शुरुआत हो चुकी है. इसके उद्घाटन के अवसर पर सीएम धामी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को नंदा महोत्सव-2024 की शुभकामनाएं दी. सीएम धामी ने कहा मां नंदा-सुनंदा सभी श्रद्धालुओं और प्रदेशवासियों की मनोकामनाएं पूर्ण करें. इसके बाद मां नंदा- सुनंदा की मूर्ति निर्माण के लिए एक दल कदली वृक्ष लेने के लिए मंगोली के रोखड़ गांव रवाना हुआ. जहां से कदली वृक्ष नैनीताल लाया जाएगा. जिससे मां नंदा-सुनंदा की मूर्ति बनाई जाएगी.
नैनीताल में 122 वे नंदा देवी महोत्सव का रंगा-रंग आगाज हो गया. रामसेवक प्रांगण में विधि विधान के अनुसार रामसेवक सभा के पुरोहित पंडित भगवती प्रसाद जोशी ने वेद और मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना की. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन के माध्यम और विधायक नैनीताल सरिता आर्या, एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने महोत्सव का शुभारंभ किया.
Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami addressed the program virtually on the occasion of the inauguration of Maa Nanda-Sunanda Mahotsav-2024 organized in Nainital
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 8, 2024
Wishing everyone a Happy Nanda Mahotsav-2024, Chief Minister Pushkar Singh Dhami said that Maa… pic.twitter.com/db69lvdOC1
1902 में शुरू हुआ था महोत्सव: नंदा देवी महोत्सव नैनीताल में 1902 में शुरू हुआ. 1926 से श्रीराम सेवक सभा ने आयोजन की जिम्मेदारी उठाई. तब से यही संस्था इसका आयोजन कर रही है. महोत्सव पर विभिन्न शहरों से पर्यटक नैनीताल आते हैं. पूर्व पालिकाध्यक्ष व आयोजक संस्था से दशकों से जुड़े मुकेश जोशी मंटू बताते हैं नैनीताल में 1902 में अल्मोड़ा से आए मोतीराम साह ने नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत की. तब नयना देवी मंदिर वर्तमान बोट हाउस क्लब के समीप था. 1880 के भूस्खलन में यह मंदिर जमींदोज हो गया. जोशी के अनुसार 1926 में श्रीराम सेवक सभा को महोत्सव आयोजन का जिम्मा सौंपा गया.
काशीपुर में भी बीते रोज से गणेश महोत्सव का जगह-जगह शुभारंभ हो गया है. काशीपुर में विभिन्न स्थानों के साथ-साथ गंगा बाबा मंदिर उदासीन आश्रम में गणेश उत्सव का शुभारंभ पूरे मंत्र कर एवं विधि विधान के साथ किया गया. इसके बाद बरसाने से आए कलाकारों द्वारा सुंदर-सुंदर झांकियां से रासलीला का मंचन किया. शहर में इसके अलावा कानून गोयान के राजा को काली मंदिर के पास बने विशाल पंडाल में स्थापित किया गया. वहीं इसके साथ-साथ शहर में विभिन्न स्थानों पर गणेश महोत्सव का आगाज हो गया.
काशीपुर तथा आसपास के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर गाजे-बाजे व जुलूस के साथ गणेश भगवान सार्वजनिक पंडालों तथा घरों में स्थापित कर दिए गए. गणेश चतुर्थी के दिन पंडालों में स्थापित विघ्नहर्ता का विधि विधान से पूजन किया गया. अगले 11 दिनों तक इन पंडालों में पूजा पाठ की धूम रहेगी. साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में भी गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की स्थापना कर स्तुति शुरू कर दिए हैं.