नई दिल्ली: राजधानी में रामलीलाओं का मंचन जारी है. रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली भव्य लव कुश रामलीला में अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया कि रामलीला के छठे दिन अगस्त्य मुनि से भेंट, अगस्त्य मुनि द्वारा राम, लक्ष्मण को दिव्य अस्त्र देना, पचंवटी जयन्ता प्रसंग, सूर्पनखा प्रसंग, राम द्वारा खर-दूषण वध, रावण दरबार में सुर्पणखा द्वारा रावण को उकसाना, रावण का मारीच को स्वर्ण मृग बनाना, मारीच वध, पंचवटी में लक्ष्मण द्वारा रेखा खीचना, साधुवेश में भिक्षा मांगना, सीता का अग्नि प्रवेश, सीता हरण, पंचवटी में सीता को ना पकार, राम-लक्ष्मण विलाप, रावण-जटायु युद्ध, जटायु मोक्ष तक की लीला का मंचन हुआ.
रामलीला में 'रावण' की एक्टिंग की हो रही सराहना
लीला में रावण का किरदार फिल्मी दुनिया के खलनायक निमाई बाली निभा रहे हैं. वहीं श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ में लीला के छठे दिन पर्यावरण प्रेमी भगवान श्री राम की लीला को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया. चित्रकूट में अपने कुटिया के चारो तरफ पीपल, बड़, तुलसी, आंवला व अशोक के वृक्ष लगा कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया गया. इसके अलावा लाल किला मैदान स्थित माधव दास पार्क में आयोजित श्री धार्मिक लीला कमेटी में चित्रकूट में भरत मिलाप का मंचन किया गया.
कमेटी के महासचिव धीरजधर गुप्ता, सचिव प्रदीप शरण और प्रवक्ता रवि जैन ने बताया कि भरत, शत्रुघ्न, माताओं और अयोध्या वासियों के साथ चित्रकूट पहुंचते हैं. भरत राम से अयोध्या लौटने का आग्रह करते हैं, लेकिन राम अपने वचन का पालन करते हुए मना कर देते हैं. अंततः भरत, राम की चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या लौटते हैं और पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर राजकाज संभालते हैं.
इसके बाद राम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी की ओर प्रस्थान करते हैं. वहां सूर्पणखा राम से विवाह का प्रस्ताव रखती है, जिसे राम विनम्रता से अस्वीकार कर लक्ष्मण के पास भेज देते हैं. लक्ष्मण सूर्पणखा के दुष्ट व्यवहार से परेशान होकर उसकी नाक काट देते हैं. अपमानित सूर्पणखा अपने भाइयों खर और दूषण से सहायता मांगती है, जो राम पर आक्रमण करते हैं. राम युद्ध में खर-दूषण और उनके राक्षसों का वध करते हैं.
सूर्पणखा अपने अपमान की कथा लेकर रावण के पास जाती है, जो सीता का हरण करने की योजना बनाता है. मारीच स्वर्ण मृग का रूप धारण कर पंचवटी में आता है. सीता उसे देखकर मुग्ध हो जाती हैं और राम से उसे लाने का आग्रह करती हैं. राम, लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा में छोड़कर मृग का पीछा करते हैं. मारीच राम की आवाज में "हे लक्ष्मण!" पुकारता है. लक्ष्मण कुटिया के बाहर लक्ष्मण रेखा खींचकर राम की सहायता के लिए जाते हैं, तभी रावण साधु का वेश धरकर सीता का हरण कर लेता है.
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