वाराणसी: सोमवार यानी 25 मार्च को होली(Holi) का पर्व मनाया जाएगा. लेकिन इस बार होली पर चंद्रग्रहण का साया है. हालांकि, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. आइए जानते हैं इस चंद्रग्रहण का भारत में क्या असर में पड़ेगा?
चंद्रग्रहण का प्रभाव एक से अधिक देशों पर
ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि आने 25 मार्च को प्रातः लगभग 8 बजे के आसपास चन्द्रमा और केतु की गूढ़ युति बनेगी. यह एक विशेष योग है. आम तौर पर चन्द्रग्रहण में इसके बनने का योग बनता है लेकिन जैसे हर पूर्णिमा को चन्द्र ग्रहण नहीं पड़ता है. वैसे ही यह गूढ़ युति हर पूर्णिमा को नहीं बनती है. इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है. वैसे यह मेदनी ज्योतिष से अधिक सम्बन्ध रखता है लेकिन यह गूढ़ युति शेयर बाजार में अनिश्चितता बनाएगी और जनता तथा सत्ता के बीच मतभेद पैदा करने की सम्भावना बना रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष में विवाद बनेगा. इसका प्रभाव एक से अधिक देशों पर दिखाई पड़ेगा.
ग्रहण का समय सुबह 10:30 से लेकर 3:02 तक
उन्होंने बताया कि यह कन्या राशि में बन रहा है, जिससे छठे भाव में मंगल और शनि है. शुक्र के साथ और सप्तम में सूर्य बुध के साथ राहु है और अष्टम में मेष राशि में गुरू है. यह योग कुछ बहुत शुभ फल का संकेत तो नहीं कर रहे हैं. कोई धार्मिक संगठन भी हरकत में आ सकता है. ज्योतिषाचार्य ने कहा कि देश में 25 मार्च को होली मनाया जाएगा. लेकिन यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 36 मिनट मानी जा रही है. चंद्रग्रहण का समय सुबह 10:30 से लेकर 3:02 तक होगा. यह चंद्रग्रहण उत्तर पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, समेत आर्कटिक महासागर जैसे देशों में यह दिखाई देगा.
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