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मंगल कर्क राशि में वक्री : अनुशासित जीवन से बचाव संभव, 12 राशियों पर पड़ेगा ये असर - MOVEMENTS OF PLANETS

मंगल कर्क राशि में वक्री. अनुशासित जीवन से बचाव संभव. 12 राशियों पर पड़ेगा ये असर. यहां जानिए 7 दिसंबर की स्थिति...

Zodiac Signs
मंगल कर्क राशि में वक्री (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 7, 2024, 6:15 AM IST

बीकानेर : मंगल 7 दिसंबर यानि शनिवार को सुबह 4:56 अपनी नीच जलतत्व की राशि कर्क में वक्री हुए तथा 24 फरवरी 2025 को इसी राशि मे पुनः मार्गी होंगे. वक्री अवस्था में मंगल पुष्य एवं पुनर्वसु नक्षत्र पर गोचर करेंगे, जिसमें पुनर्वसु नक्षत्र पर भ्रमण अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा. मंगल के कर्क राशि मे वक्री होने से सकारात्मक कार्य ऊर्जा में कमी तथा दुर्घटनाओं में वृद्धि संभावना रहेगी.

वैदिक ज्योतिष में मंगल एक महत्वपूर्ण ग्रह है जो कि जातक के साहस, ऊर्जा, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मबल का निर्धारण करता है. यह ग्रह भूमि, वाहन, मशीनों और ऊर्जा उपकरणों का द्योतक होता है और साथ ही मनुष्य के शरीर मे खून, हड्डियों, चोट, ऑपरेशन का कारक होता है. मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में और दुर्बल होने पर नकारात्मक कार्यों में परिसंचरण करती है. ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार अनुशासित जीवन एवं सावधानी से वक्री मंगल के प्रतिकूल परिणामों से बचा जा सकता है. मंगल के वक्री होने से विभिन्न राशियों पर राशि अनुसार प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकते हैं.

पढ़ें : VASTU TIPS: आर्थिक तंगी और कलह से हैं परेशान, वस्तु के इन दोष को कीजिए तुरंत दूर

मेष : गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, मन में बेचैनी तथा माता संबंधित पीड़ा हो सकती है. शिव उपासना से लाभ होगा.

वृषभ : अल्प दूरी की यात्रा में वृद्वि, संप्रेषण कार्यों में लाभ, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ संबंधी चिंता या उनसे मतभेद, आत्म बल में कमी. गणेश उपासना से लाभ होगा.

मिथुन : पारिवारिक जिम्मेदारी अथवा कार्यों की अधिकता, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि के प्रयास, नेत्र अथवा वाणी दोष खो सकता है. आर्थिक प्रतिकूलता. देवी उपासना से लाभ होगा.

कर्क : एकांतवास, आत्म चिंतन अथवा आत्ममनन, मानसिक पीड़ा में वृद्धि, आत्म छवि को लेकर असंतुष्टि. हनुमान उपासना से लाभ होगा.

सिंह : व्यय में बढ़ोतरी, व्यापार में हानि की संभावना, आर्थिक प्रतिकूलता के योग की संभावना है. विदेश अथवा सुदूर प्रांत में लाभ होगा. अस्पताल संबंधी व्यय हो सकता है. विष्णु उपासना से लाभ होगा.

कन्या : आय में वृद्धि हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी के अवसर, बड़े भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, आर्थिक प्रतिकूलता की संभावना बनेगी. शनि उपासना से लाभ होगा.

तुला : पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयास, कार्य की अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर व्याकुलता बढ़ेगी. सूर्य उपासना से लाभ होगा.

वृश्चिक: धार्मिक क्रियाकलाप के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के योग अथवा नव संस्कृति से संपर्क में बढ़ोतरी, भाग्य की अनुकूलता. विष्णु उपासना से लाभ होगा.

धनु : नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि की संभावना, मन में भय अथवा आशंका, गुप्त विद्या अथवा तंत्र मंत्र यंत्र की ओर झुकाव, भूमिगत वस्तुओं से लाभ. हनुमान उपासना से लाभ होगा.

मकर : नव साझेदारी की ओर झुकाव, जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा या उनसे संबंधित चिंता, विवाह अथवा सगाई के अवसर. देवी उपासना से लाभ होगा.

कुंभ : रोग, ऋण अथवा शत्रु पीड़ा में बढ़ोतरी की संभावना, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, निकट संबंधों में खटास, कानूनी कार्यों में ऊर्जा. गणेश उपासना से लाभ होगा.

मीन : रचनात्मक अभिरुचि में वृद्धि, संतान संबंधी कार्यों की अधिकता, प्रेम प्रसंग के अवसर, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति अथवा शेयर मार्केट में रूचि. शिव उपासना से लाभ होगा.

बीकानेर : मंगल 7 दिसंबर यानि शनिवार को सुबह 4:56 अपनी नीच जलतत्व की राशि कर्क में वक्री हुए तथा 24 फरवरी 2025 को इसी राशि मे पुनः मार्गी होंगे. वक्री अवस्था में मंगल पुष्य एवं पुनर्वसु नक्षत्र पर गोचर करेंगे, जिसमें पुनर्वसु नक्षत्र पर भ्रमण अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा. मंगल के कर्क राशि मे वक्री होने से सकारात्मक कार्य ऊर्जा में कमी तथा दुर्घटनाओं में वृद्धि संभावना रहेगी.

वैदिक ज्योतिष में मंगल एक महत्वपूर्ण ग्रह है जो कि जातक के साहस, ऊर्जा, निर्णय लेने की क्षमता और आत्मबल का निर्धारण करता है. यह ग्रह भूमि, वाहन, मशीनों और ऊर्जा उपकरणों का द्योतक होता है और साथ ही मनुष्य के शरीर मे खून, हड्डियों, चोट, ऑपरेशन का कारक होता है. मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति की ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में और दुर्बल होने पर नकारात्मक कार्यों में परिसंचरण करती है. ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार अनुशासित जीवन एवं सावधानी से वक्री मंगल के प्रतिकूल परिणामों से बचा जा सकता है. मंगल के वक्री होने से विभिन्न राशियों पर राशि अनुसार प्रभाव दृष्टिगोचर हो सकते हैं.

पढ़ें : VASTU TIPS: आर्थिक तंगी और कलह से हैं परेशान, वस्तु के इन दोष को कीजिए तुरंत दूर

मेष : गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, मन में बेचैनी तथा माता संबंधित पीड़ा हो सकती है. शिव उपासना से लाभ होगा.

वृषभ : अल्प दूरी की यात्रा में वृद्वि, संप्रेषण कार्यों में लाभ, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ संबंधी चिंता या उनसे मतभेद, आत्म बल में कमी. गणेश उपासना से लाभ होगा.

मिथुन : पारिवारिक जिम्मेदारी अथवा कार्यों की अधिकता, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि के प्रयास, नेत्र अथवा वाणी दोष खो सकता है. आर्थिक प्रतिकूलता. देवी उपासना से लाभ होगा.

कर्क : एकांतवास, आत्म चिंतन अथवा आत्ममनन, मानसिक पीड़ा में वृद्धि, आत्म छवि को लेकर असंतुष्टि. हनुमान उपासना से लाभ होगा.

सिंह : व्यय में बढ़ोतरी, व्यापार में हानि की संभावना, आर्थिक प्रतिकूलता के योग की संभावना है. विदेश अथवा सुदूर प्रांत में लाभ होगा. अस्पताल संबंधी व्यय हो सकता है. विष्णु उपासना से लाभ होगा.

कन्या : आय में वृद्धि हेतु प्रयास, संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी के अवसर, बड़े भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, आर्थिक प्रतिकूलता की संभावना बनेगी. शनि उपासना से लाभ होगा.

तुला : पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयास, कार्य की अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर व्याकुलता बढ़ेगी. सूर्य उपासना से लाभ होगा.

वृश्चिक: धार्मिक क्रियाकलाप के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के योग अथवा नव संस्कृति से संपर्क में बढ़ोतरी, भाग्य की अनुकूलता. विष्णु उपासना से लाभ होगा.

धनु : नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि की संभावना, मन में भय अथवा आशंका, गुप्त विद्या अथवा तंत्र मंत्र यंत्र की ओर झुकाव, भूमिगत वस्तुओं से लाभ. हनुमान उपासना से लाभ होगा.

मकर : नव साझेदारी की ओर झुकाव, जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा या उनसे संबंधित चिंता, विवाह अथवा सगाई के अवसर. देवी उपासना से लाभ होगा.

कुंभ : रोग, ऋण अथवा शत्रु पीड़ा में बढ़ोतरी की संभावना, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, निकट संबंधों में खटास, कानूनी कार्यों में ऊर्जा. गणेश उपासना से लाभ होगा.

मीन : रचनात्मक अभिरुचि में वृद्धि, संतान संबंधी कार्यों की अधिकता, प्रेम प्रसंग के अवसर, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति अथवा शेयर मार्केट में रूचि. शिव उपासना से लाभ होगा.

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