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कोलकाता रेप केस विरोध: लखनऊ में काम पर लौटे रेजीडेंट डाॅक्टर, अस्पताल में उमड़े मरीज - doctors strike in Lucknow

कोलकाता में डाॅक्टर से रेप के बाद हत्या मामले को लेकर आक्रोशित देशभर के डाॅक्टर हड़ताल (Doctors Strike in Lucknow) खत्म कर काम पर वापस लौट आए हैं. इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. लखनऊ समेत तमाम अस्पतालों में अतिरिक्त व्यवस्था कर स्थिति संभाली ली गई है.

अस्पताल में उमड़े मरीज.
अस्पताल में उमड़े मरीज. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2024, 9:04 AM IST

Updated : Aug 24, 2024, 9:56 AM IST

लखनऊ : रेजीडेंट डॉक्टर के हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली. केजीएमयू ओपीडी में शुक्रवार सुबह से भीड़ रहीं. इस दौरान 1741 नए मरीज ओपीडी में देखे गए, जबकि 5004 मरीजों को फॉलोअप में देखा गया. डॉक्टरों के कमरे के सामने भी मरीजों का भीषण दबाव था. रिपोर्ट लेने वालों की कतारें भी थीं. इसके लिए गेस्ट्रोमेडिसिन, यूरोलॉजी, मेडिसिन, न्यूरोलॉजी समेत दूसरे विभागों अतिरिक्त रेजिडेंट डॉक्टर तैनात किए गए थे.



लोहिया संस्थान में सुबह मरीजों का दबाव रहा. यहां 1021 नए मरीज देखे गए, जबकि 2297 फालोअप मरीज देखे गए. कैंसर, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी समेत दूसरे विभागों में शाम पांच बजे तक मरीज देखे गए. निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने ओपीडी में पंजीकृत सभी मरीजों को देखने के निर्देश दिए. सीतापुर निवासी कलीम को चेहरे व पैरों में सूजन की समस्या है. भाई मोहम्मत सलीम ने बताया कि पंजीकरण न होने से बीते दिनों से ओपीडी में दिखा नहीं पा रहे थे. शुक्रवार को मेडिसिन और फिर नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने देखा. जरूरी जांचें भी कराईं. पीजीआई में 298 नए मरीज पंजीकृत किए गए, जबकि 3302 फालोअप मरीज देख गए.



पीजीआई में नए पंजीकरण की संख्या सीमित है. पेट संबंधी बीमारी से पीड़ित बस्ती निवासी शिवानी पीजीआई गेस्ट्रोमेडिसिन में दिखाने के लिए भटक रही थी. पिता सतीश ने बताया कि पांच दिन से पंजीकरण नहीं हुआ था. आज डॉक्टर ने देखा. चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में करीब 300 नए व पुराने मरीजों को ओपीडी में देखा गया.



लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि ओपीडी सामान्य रूप से संचालित हुई. तय समय पर आने वाले सभी मरीजों का पंजीकरण किया गया. पंजीकृत सभी मरीजों को ओपीडी में डॉक्टरों ने सलाह दी. जरूरी जांचें भी हुईं. केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि हड़ताल के बाद खुले अस्पताल में काफी भीड़ रही. सभी सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी पर मुस्तैद थे. किसी भी मरीज को बिना देखे नहीं लौटाया गया. नए मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर देखा गया.

यह भी पढ़ें : डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने से प्रयागराज में मरीजों को मिली बड़ी राहत

यह भी पढ़ें : कोलकाता रेप केस के बीच फेस लुक पर ट्रोल हुईं आयशा टाकिया, एक्ट्रेस ने डिलीट किया इंस्टाग्राम अकाउंट - Ayesha Takia Instagram Account

लखनऊ : रेजीडेंट डॉक्टर के हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों ने राहत की सांस ली. केजीएमयू ओपीडी में शुक्रवार सुबह से भीड़ रहीं. इस दौरान 1741 नए मरीज ओपीडी में देखे गए, जबकि 5004 मरीजों को फॉलोअप में देखा गया. डॉक्टरों के कमरे के सामने भी मरीजों का भीषण दबाव था. रिपोर्ट लेने वालों की कतारें भी थीं. इसके लिए गेस्ट्रोमेडिसिन, यूरोलॉजी, मेडिसिन, न्यूरोलॉजी समेत दूसरे विभागों अतिरिक्त रेजिडेंट डॉक्टर तैनात किए गए थे.



लोहिया संस्थान में सुबह मरीजों का दबाव रहा. यहां 1021 नए मरीज देखे गए, जबकि 2297 फालोअप मरीज देखे गए. कैंसर, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी समेत दूसरे विभागों में शाम पांच बजे तक मरीज देखे गए. निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने ओपीडी में पंजीकृत सभी मरीजों को देखने के निर्देश दिए. सीतापुर निवासी कलीम को चेहरे व पैरों में सूजन की समस्या है. भाई मोहम्मत सलीम ने बताया कि पंजीकरण न होने से बीते दिनों से ओपीडी में दिखा नहीं पा रहे थे. शुक्रवार को मेडिसिन और फिर नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने देखा. जरूरी जांचें भी कराईं. पीजीआई में 298 नए मरीज पंजीकृत किए गए, जबकि 3302 फालोअप मरीज देख गए.



पीजीआई में नए पंजीकरण की संख्या सीमित है. पेट संबंधी बीमारी से पीड़ित बस्ती निवासी शिवानी पीजीआई गेस्ट्रोमेडिसिन में दिखाने के लिए भटक रही थी. पिता सतीश ने बताया कि पांच दिन से पंजीकरण नहीं हुआ था. आज डॉक्टर ने देखा. चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में करीब 300 नए व पुराने मरीजों को ओपीडी में देखा गया.



लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि ओपीडी सामान्य रूप से संचालित हुई. तय समय पर आने वाले सभी मरीजों का पंजीकरण किया गया. पंजीकृत सभी मरीजों को ओपीडी में डॉक्टरों ने सलाह दी. जरूरी जांचें भी हुईं. केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि हड़ताल के बाद खुले अस्पताल में काफी भीड़ रही. सभी सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी पर मुस्तैद थे. किसी भी मरीज को बिना देखे नहीं लौटाया गया. नए मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर देखा गया.

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Last Updated : Aug 24, 2024, 9:56 AM IST
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