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यूपी के कृषि मंत्री ने किया हैदराबाद के सीड पार्क और चावल अनुसंधान संस्थान का दौरा - Indian Rice Research Institute - INDIAN RICE RESEARCH INSTITUTE

यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को हैदराबाद स्थित सीड पार्क और चावल अनुसंधान संस्थान (Indian Rice Research Institute) का दौरा किया. इस दौरान वैज्ञानिकों के साथ धान की उत्पादकता बढ़ाने समेत कृषि आवश्यकताओं पर मंथन भी किया.

हैदराबाद के सीड पार्क और चावल अनुसंधान संस्थान पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य.
हैदराबाद के सीड पार्क और चावल अनुसंधान संस्थान पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 3:06 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर और अन्नदाताओं की आय की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी और केवी राजू ने गुरुवार को हैदराबाद (तेलंगाना) में सीड पार्क, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसंधान संस्थान का निरीक्षण किया.

हैदराबाद पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य.
हैदराबाद पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य. (Photo Credit: ETV Bharat)
इस मौके पर कृषि मंत्री भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ धान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मौसम प्रतिरोधी, जल जमाव और कम पानी में होने वाली वैरायटी को विकसित किए जाने पर चर्चा की. इसके अलावा कुपोषण के समाधान के लिए जिंक, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से युक्त बीज की श्रेणी निकालने और उत्तर प्रदेश में अपने नॉलेज और टेक्नोलॉजी के प्रसार को ध्यान में रखकर परस्पर सहयोग का आग्रह किया. उनसे समय सीमा में इस प्रस्ताव के लिए एमओयू किया जाय, जिससे धान के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका अदा कर सके.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान वैश्विक श्रीअन्न उत्कृष्टता केन्द्र और उनके शोध प्रक्षेत्र संस्थान में मिलेट्स पर हो रहे कार्यों की जानकारी ली. उसके प्रसंस्करण इकाई, स्टार्टअप केन्द्र और इनक्यूबेशन सेन्टर जाकर श्री अन्न के प्रसंस्करण, पैकेजिंग व्यवस्था और उत्पादों के निर्माण के बारे में जाना. उत्तर प्रदेश में इनका एक उपकेन्द्र खोलने, नॉलेज और टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में सहयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय के साथ परस्पर सहयोग करने पर सहमति बनी. आगामी ख़रीफ सीजन की उत्पादकता बढ़ाने और मोटे अनाजों के आच्छादन क्षेत्र को बढ़ाए जाने के लिए ज्वार, सांवा, कोदो, कंगनी, काकुन, और चीना के बीज अभी से बुक कर उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराया जा सके, इस पर चर्चा की गई.




कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी को देखते हुए मोटा अनाज और चावल का उत्पादन बढ़ाने के क्षेत्र में ये अनुभव मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, केवी राजू ने कहा कि प्रतिकूल मौसम में भी धान की अच्छी पैदावार कैसे की जाए इस पर भी चावल के शोध में लगे हुए वैज्ञानिकों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने उत्तर प्रदेश को चावल और मोटे अनाज के उत्पादन के क्षेत्र में ध्यान देने पर भी जोर दिया. इसके साथ ही मोटे अनाजों की प्राकृतिक खेती में किसानों को आय के अधिक अवसर सृजित करने पर चर्चा की.

यह भी पढ़ें : भारत की 'सीड लेडी' अमेरिका में होंगी सम्मानित, कहा- स्वामीनाथन के कार्यों को बढ़ाएंगे आगे

यह भी पढ़ें : Special interview with scientist Dr. Swati Nayak: सुबह सोकर उठी तो अवार्ड जीतने की सूचना मिली, 10 साल के संघर्ष का फल मिला...

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हैदराबाद पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य.
हैदराबाद पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अन्य. (Photo Credit: ETV Bharat)
इस मौके पर कृषि मंत्री भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ धान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए मौसम प्रतिरोधी, जल जमाव और कम पानी में होने वाली वैरायटी को विकसित किए जाने पर चर्चा की. इसके अलावा कुपोषण के समाधान के लिए जिंक, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से युक्त बीज की श्रेणी निकालने और उत्तर प्रदेश में अपने नॉलेज और टेक्नोलॉजी के प्रसार को ध्यान में रखकर परस्पर सहयोग का आग्रह किया. उनसे समय सीमा में इस प्रस्ताव के लिए एमओयू किया जाय, जिससे धान के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका अदा कर सके.

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान वैश्विक श्रीअन्न उत्कृष्टता केन्द्र और उनके शोध प्रक्षेत्र संस्थान में मिलेट्स पर हो रहे कार्यों की जानकारी ली. उसके प्रसंस्करण इकाई, स्टार्टअप केन्द्र और इनक्यूबेशन सेन्टर जाकर श्री अन्न के प्रसंस्करण, पैकेजिंग व्यवस्था और उत्पादों के निर्माण के बारे में जाना. उत्तर प्रदेश में इनका एक उपकेन्द्र खोलने, नॉलेज और टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में सहयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय के साथ परस्पर सहयोग करने पर सहमति बनी. आगामी ख़रीफ सीजन की उत्पादकता बढ़ाने और मोटे अनाजों के आच्छादन क्षेत्र को बढ़ाए जाने के लिए ज्वार, सांवा, कोदो, कंगनी, काकुन, और चीना के बीज अभी से बुक कर उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराया जा सके, इस पर चर्चा की गई.




कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी को देखते हुए मोटा अनाज और चावल का उत्पादन बढ़ाने के क्षेत्र में ये अनुभव मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, केवी राजू ने कहा कि प्रतिकूल मौसम में भी धान की अच्छी पैदावार कैसे की जाए इस पर भी चावल के शोध में लगे हुए वैज्ञानिकों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने उत्तर प्रदेश को चावल और मोटे अनाज के उत्पादन के क्षेत्र में ध्यान देने पर भी जोर दिया. इसके साथ ही मोटे अनाजों की प्राकृतिक खेती में किसानों को आय के अधिक अवसर सृजित करने पर चर्चा की.

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